रांची: कोरोना की दूसरी लहर के दौरान झारखंड में रेमडेसिविर की हुई कालाबाजारी मामले की जांच एडीजी अनिल पालटा करेंगे. राज्य सरकार ने सोमवार को हाई कोर्ट में यह जानकारी दी. राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि मामले में सरकार एसआईटी गठित करना चाहती है. एसआईटी के प्रमुख एडीजी अनिल पालटा ही रहेंगे. राज्य सरकार के इस जवाब पर अदालत ने संतुष्टि जताई और हस्तक्षेप याचिका को निष्पादित कर दिया.
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कोर्ट ने सरकार के जवाब पर संतुष्टि जताई, हस्तक्षेप याचिका निष्पादित
झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में रेमडेसिविर की कालाबाजारी के जांच कर रहे एडीजी अनिल पालटा की स्थानांतरण के बिंदु पर सुनवाई की गई. राज्य सरकार के महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत में जवाब पेश करते हुए कहा कि झारखंड सरकार चाहती है कि रेमडेसिविर कालाबाजारी की जांच एसआईटी का गठन करके किया जाए. उस एसआईटी का नेतृत्व पूर्व से जांच कर रहे तत्कालीन सीआईडी के एडीजी अनिल पालटा ही करेंगे. राज्य सरकार के इस जवाब पर अदालत ने संतुष्टि जताई.
कोर्ट ने कहा कि जांच की मॉनिटरिंग हाई कोर्ट करती रहेगी. जांच टीम को निर्देश दिया गया कि वह अपनी जांच रिपोर्ट मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट में पेश करते रहेंगे. राज्य सरकार की ओर से अदालत से आग्रह किया गया कि मामले में दायर हस्तक्षेप याचिका को निष्पादित कर दिया जाए. अदालत ने इस आग्रह को स्वीकार करते हुए हस्तक्षेप याचिका को निष्पादित कर दिया.
एडीजी के ट्रांसफर को कोर्ट में दी थी चुनौती
बता दें कि कोविड-19 से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान रेमडेसिविर दवा की कालाबाजारी की जांच हाईकोर्ट ने सीआईडी को करने को कहा था. सीआईडी ने मामले की जांच शुरू कर दी थी. अदालत ने पूर्व में सुनवाई के दौरान तत्कालीन सीआईडी के एडीजी अनिल पालटा को अदालत में हाजिर होकर जांच की अद्यतन रिपोर्ट पेश करने को कहा था. उन्होंने अदालत में जांच की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी थी कि अचानक राज्य सरकार ने अनिल पालटा का सीआईडी से ट्रांसफर कर दिया.
सरकार के इस आदेश को हाई कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर कर चुनौती दी गई और बताया गया कि सरकार की मंशा गलत है. सरकार मामले की निष्पक्ष जांच नहीं कराना चाहती है. अधिकारी के ट्रांसफर पर रोक लगाने की मांग की गई थी. इस पर कोर्ट ने सरकार के कदम पर नाराजगी जताई थी. कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि क्या एडीजी का ट्रांसफर जरूरी था जबकि हाई कोर्ट मामले की मॉनिटरिंग कर रही है. सरकार के जवाब पर हाई कोर्ट ने संतुष्टि जताई. अनिल पालटा ही मामले की जांच करेंगे.