रांची: एक महीने के अंदर में दूसरी बार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह देवघर आए हैं. इस दौरान अमित शाह ने अपनी यात्रा की शुरुआत देवघर बाबा मंदिर में पूजा अर्चना करके की. इसके बाद देवघर और संथाल की जनता को सौगात के रूप में इफको नैनो यूरिया संयंत्र का शिलान्यास किया है. विजय संकल्प रैली के जरिए अमित शाह ने 2024 के लोकसभा चुनाव में झारखंड की सभी सीटों को जीतने का शंखनाद किया.
ये भी पढ़ें- Home Minister Amit Shah ने किया इफको के नैनो फैक्ट्री का शिलान्यास, कहा- सबसे भ्रष्ट है जेएमएम की झारखंड सरकार
अमित शाह का दौरा राजनीतिक रुप से अहम-बैजनाथ मिश्रा: संताल में लोकसभा की 3 सीटें है. 2019 के चुनाव में दुमका और गोड्डा सीट भारतीय जनता पार्टी जीतने में सफल रही थी और एक सीट राजमहल सीट झारखंड मुक्ति मोर्चा को मिला था. मगर इस बार यानी 2024 में जो परिस्थितियां अभी से बन रही हैं उसमें बीजेपी के लिए राह आसान होती हुई नहीं दिख रही हैं. वरिष्ठ पत्रकार बैजनाथ मिश्रा का मानना है कि 2009 से गोड्डा लोकसभा सीट से भाजपा के निशिकांत दुबे जीत दर्ज करते रहे हैं और संथाल में उनकी अलग पहचान है. झारखंड मुक्ति मोर्चा का मुख्य निशाना गोड्डा सीट पर है जिसे हर हाल में 2024 के लोकसभा चुनाव में वो जीतना चाहेगी.
राजमहल और दुमका सीट झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए गढ़ माना जाता रहा है. 2019 के चुनाव में दुमका सीट भारतीय जनता पार्टी संयोगवश जीतने में सफल हुई थी लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव की परिस्थितियां क्या होगी यह कहना मुश्किल है. ऐसे में अमित शाह का लगातार झारखंड में दौरा करना यह संकेत दे रहा है कि भारतीय जनता पार्टी अगले लोकसभा चुनाव के लिए खासकर झारखंड की सभी 14 सीटों के लिए कितना चिंतित है और यही वजह है कि भाजपा के थिंक टैंक माने जाने वाले अमित शाह कार्यकर्ताओं और नेताओं को विशेष रूप से टास्क देकर लक्ष्य को पूरा करने को कहा है. मगर सब कुछ निर्भर करता है कि भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश नेतृत्व इसे किस तरह से प्रभावी ढंग से चुनाव मैदान में उतरता है वर्तमान परिस्थिति को देखने से यह लग रहा है कि झारखंड में भारतीय जनता पार्टी के लिए राह आसान नहीं है.