रांचीः एक तरफ जहां शिक्षा विभाग सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए राज्य भर में युद्ध स्तर पर जागरूकता अभियान चला रहा है. वहीं, दूसरी ओर शहर के बीचों-बीच स्कूलों की हालत काफी दयनीय है. जर्जर स्कूल भवनों की दुर्दशा देख आप भी हैरान हो जाएंगे. इन स्कूलों में मौत मंडराता है. ये हाल रांची के करम टोली स्थित राजकीय कृत मध्य विद्यालय का है. इसे शिक्षा विभाग की लापरवाही कहें या फिर विभागीय अधिकारियों की उदासीनता.
शिक्षा विभाग की उदासीनता के कारण नौनिहालों की स्थिति बेबस है. बच्चे जर्जर स्कूल भवन में पढ़ने को मजबूर हैं. ये कोई ग्रामीण क्षेत्र नहीं है बल्कि झारखंड की राजधानी के बीचों-बीच स्थित स्कूल की हालत है. भवन जर्जर हो चुकी है, जहां तहां दरारें हैं. छत के ऊपर छड़ दिख रहा है. कभी भी अनहोनी हो सकती है. 15 में से 11 कमरे इस भवन के जर्जर हालत में हैं फिर भी बच्चे यहां शिक्षा लेने के लिए मजबूर हैं. इन्हीं जर्जर भवनों में हर दिन कक्षाएं ली जाती है. डर के साए में शिक्षक भी इन बच्चों को पढ़ाने के लिए विवश हैं.
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बता दें कि इसके अलावा और भी सरकारी स्कूलों के भवन इसी हालात में है. इस ओर ध्यान देने वाला या सुनने वाला कोई नहीं है. हालांकि मामले को लेकर स्कूल के शिक्षकों ने बार-बार शिक्षा विभाग को अवगत कराया है. इसके बाद भी अब तक इस ओर गंभीर होकर ध्यान नहीं दिया गया है. ईटीवी भारत की टीम ने इस मामले को लेकर राज्य सरकार के विभागीय मंत्री नीरा यादव से सीधे सवाल किया है. जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि मामला संज्ञान में आया है. गंभीरता से कार्रवाई की जाएगी.