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Jharkhand News: झारखंड में खरीफ फसल के लिए बीज वितरण की हुई शुरुआत, कृषि मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किसानों में जगाया उत्साह

राज्य में खरीफ फसल के लिए झारखंड सरकार की ओर से बीज वितरण की शुरुआत कर दी गई है. सूबे के कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख ने ऑनलाइन बीज वितरण की शुरुआत गोड्डा से की.

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Seed Distribution For Kharif Crop In Jharkhand
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Published : May 12, 2023, 10:52 PM IST

रांची: झारखंड में 12 मई का दिन बीज दिवस के रूप में मनाया गया. इस अवसर पर झारखंड सरकार के कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख ने खरीफ फसल के लिए बीज वितरण की गोड्डा जिले से शुरुआत की. रांची के नेपाल हाउस मंत्रालय से कृषि मंत्री ने गोड्डा के एक किसान को धान का बीज सौंपा और इस तरह गोड्डा जिले से ऑनलाइन बीज वितरण की शुरुआत हो गई.

ये भी पढे़ं-Minister Badal Patralekh on Nano Urea Plant: कृषि मंत्री बादल पत्रलेख का बड़ा बयान, निजी कंपनी रोजगार में नहीं देती आरक्षण

किसानों में उत्साह जगाने के लिए पहले ही बीज उपलब्ध करा दियाः बीज वितरण शुरू होने के बाद कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि राज्य में सामान्यतः बीज बुआई 25 मई से शुरू होती है, लेकिन पिछले वर्ष भी सरकार की ओर से 12 मई से बीज वितरण का काम शुरू हो गया था और इस वर्ष भी कृषि विभाग ने पहले ही किसानों को बीज वितरण इसलिए करने की योजना बनाई है, ताकि किसानों में विश्वास और उत्साह पैदा हो.

16100 क्विंटल बीज आपूर्ति कराने का आदेशः कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य का संथाल परगना प्रमंडल और पश्चिम सिंहभूम में रोहण नक्षत्र में बीज रोपाई की जाती है. इसलिए बीज वितरण की शुरुआत गोड्डा से की गई है. कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों को समय पर बीज मिले इसके लिए 16100 क्विंटल बीज आपूर्ति कराने का आदेश दिया गया है. जिनमें 12,000 क्विंटल धान का बीज, 2800 क्विंटल मक्का का बीज, 300 क्विंटल मडुआ का बीज और एक हजार क्विंटल मूंग का बीज शामिल है. कृषि मंत्री ने कहा कि हमने 12 लाख किसानों को 3500 रुपए प्रति किसान मुख्यमंत्री फसल राहत योजना के तहत लाभान्वित किया है. वहीं पांच लाख किसानों का सरकार ने कृषि लोन माफ किया है.

गुजरात में पहले मजदूरी करनेवाले किसान ने रखी अपनी बात: कार्यक्रम के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चतरा जिले के कान्हा चट्टी प्रखंड के उदय डांगी भी जुड़े. उदय डांगी एक प्रवासी मजदूर के तौर पर गुजरात में 25 साल से काम कर रहे थे. कोरोना काल में वह वापस अपने गांव आए और खेती शुरू की. उदय डांगी ने कहा कि कृषि विभाग की मदद से महज दो वर्षों में ही उन्होंने वह सब हासिल कर लिया, जो गुजरात में मजदूरी करते हुए 25 साल में पूरा नहीं हुआ. आज अपने साथ कई किसानों को भी उदय डांगी आगे बढ़ने में मदद कर रहे हैं.

मौके पर ये थे मौजूदः कृषि मंत्री की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जहां राज्य के सभी जिले के जिला कृषि पदाधिकारी, जिला सहकारिता पदाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े, वहीं विभागीय सचिव अबू बकर सिद्दीक, कृषि निदेशक चंदन कुमार भी कार्यक्रम में मौजूद थे.

रांची: झारखंड में 12 मई का दिन बीज दिवस के रूप में मनाया गया. इस अवसर पर झारखंड सरकार के कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख ने खरीफ फसल के लिए बीज वितरण की गोड्डा जिले से शुरुआत की. रांची के नेपाल हाउस मंत्रालय से कृषि मंत्री ने गोड्डा के एक किसान को धान का बीज सौंपा और इस तरह गोड्डा जिले से ऑनलाइन बीज वितरण की शुरुआत हो गई.

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किसानों में उत्साह जगाने के लिए पहले ही बीज उपलब्ध करा दियाः बीज वितरण शुरू होने के बाद कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि राज्य में सामान्यतः बीज बुआई 25 मई से शुरू होती है, लेकिन पिछले वर्ष भी सरकार की ओर से 12 मई से बीज वितरण का काम शुरू हो गया था और इस वर्ष भी कृषि विभाग ने पहले ही किसानों को बीज वितरण इसलिए करने की योजना बनाई है, ताकि किसानों में विश्वास और उत्साह पैदा हो.

16100 क्विंटल बीज आपूर्ति कराने का आदेशः कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य का संथाल परगना प्रमंडल और पश्चिम सिंहभूम में रोहण नक्षत्र में बीज रोपाई की जाती है. इसलिए बीज वितरण की शुरुआत गोड्डा से की गई है. कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों को समय पर बीज मिले इसके लिए 16100 क्विंटल बीज आपूर्ति कराने का आदेश दिया गया है. जिनमें 12,000 क्विंटल धान का बीज, 2800 क्विंटल मक्का का बीज, 300 क्विंटल मडुआ का बीज और एक हजार क्विंटल मूंग का बीज शामिल है. कृषि मंत्री ने कहा कि हमने 12 लाख किसानों को 3500 रुपए प्रति किसान मुख्यमंत्री फसल राहत योजना के तहत लाभान्वित किया है. वहीं पांच लाख किसानों का सरकार ने कृषि लोन माफ किया है.

गुजरात में पहले मजदूरी करनेवाले किसान ने रखी अपनी बात: कार्यक्रम के दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चतरा जिले के कान्हा चट्टी प्रखंड के उदय डांगी भी जुड़े. उदय डांगी एक प्रवासी मजदूर के तौर पर गुजरात में 25 साल से काम कर रहे थे. कोरोना काल में वह वापस अपने गांव आए और खेती शुरू की. उदय डांगी ने कहा कि कृषि विभाग की मदद से महज दो वर्षों में ही उन्होंने वह सब हासिल कर लिया, जो गुजरात में मजदूरी करते हुए 25 साल में पूरा नहीं हुआ. आज अपने साथ कई किसानों को भी उदय डांगी आगे बढ़ने में मदद कर रहे हैं.

मौके पर ये थे मौजूदः कृषि मंत्री की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जहां राज्य के सभी जिले के जिला कृषि पदाधिकारी, जिला सहकारिता पदाधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े, वहीं विभागीय सचिव अबू बकर सिद्दीक, कृषि निदेशक चंदन कुमार भी कार्यक्रम में मौजूद थे.

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