रांची: कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम के लिए झारखंड में लाॅकडाउन लागू किया गया है. इससे संबंधित आदेशों का पालन नहीं करने की स्थिति में विधि-व्यवस्था की समस्या होने की आशंका है. ऐसे में शांति और विधि-व्यवस्था बनाए रखने के साथ-साथ कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सदर अनुमंडल रांची क्षेत्र में सदर एसडीओ लोकेश मिश्रा के ने धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा पारित की है. इसके साथ ही आईटीआई बस स्टैंड से खुल रही कुछ बसों को हेहल सीओ दिलीप कुमार और पंडरा पुलिस ने रोका और लॉकडाउन का पालन करने का निर्देश दिया.
यह आदेश कार्य अवधि के दौरान 5 या 5 से अधिक सरकारी सेवक और मीडिया कर्मियों पर लागू नहीं होगा. विशेष परिस्थिति में शव यात्रा के लिए सक्षम पदाधिकारी से अनुमति प्राप्त करना वांछनीय होगा. यह आदेश 22 मार्च के अपराहन से 31 मार्च के अपराहन तक प्रभावित रहेगा.
धारा 144 के तहत पारित निषेधाज्ञा
पांच व्यक्ति या उससे अधिक व्यक्तियों का जमावड़ा पूर्णता निषेध रहेगा.
सभी दुकानें व्यवसायिक प्रतिष्ठान, कार्यालय, फैक्ट्री, गोदाम, साप्ताहिक हाट बाजार संपूर्ण गतिविधियां बंद रहेंगी.
सभी निर्माण कार्य तत्काल प्रभाव से स्थगित रहेंगे.
सभी धार्मिक स्थल दर्शनार्थियों के लिए पूर्णता बंद रहेंगे.
टैक्सी, ऑटो, रिक्शा, बसें, ई-रिक्शा, रिक्शा के संचालन समेत किसी सार्वजनिक परिवहन सेवाओं के परिचालन पर पूर्णतः रोक रहेगी.
आकस्मिक सेवाओं को छोड़कर राज्य सरकार के सभी कार्यालय बंद रहेंगे. सभी पदाधिकारी और कर्मी अपने घर से सरकारी कार्यों का निष्पादन करेंगे.
आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले कार्यालय, प्रतिष्ठान को प्रतिबंध से बाहर रखा गया है.
ऐसे व्यक्ति जो विदेश, दूसरे राज्यों से आए हैं या जिनमें कोरोना वायरस के संक्रमण होने की आशंका प्रतीत होती है. वे अगले 14 दिनों तक अनिवार्य रूप से होम क्वॉरेंटाइन, होम आइसोलेशन में रहेंगे.
सभी नागरिक अपने घर में ही रहेंगे. बुनियादी जरूरतों की पूर्ति के क्रम में बाहर जाने पर सामाजिक दूरी के दिशा निर्देशों का अनुपालन करेंगे.
अगर किसी व्यक्ति को कोविड-19 पॉजिटिव पाए जाने या संदेह के कारण मेडिकल सलाह के तहत इंस्टीट्यूशनल क्वॉरेंटाइन फैसिलिटी में या आइसोलेशन फैसिलिटी में रखा गया है. तो वे बिना अनुमति के क्वॉरेंटाइन या आइसोलेशन केंद्र से बाहर नहीं निकलेंगे.
कोई भी प्राइवेट लैबोरेट्री कोविड-19 का सैंपल टेस्ट नहीं करेंगे. ऐसे सभी सैंपल को जिन्हें सरकार द्वारा नामित किया गया है वहीं भेजेंगे.
कोई भी व्यक्ति जिला प्रशासन द्वारा प्राधिकृत अधिकारियों को सैंपल लेने में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं करेंगे.
स्वास्थ्य अधिकारियों के द्वारा कोविड-19 के उपचार संबंधी निर्देशों का पूरी तरह से पालन करेंगे.
कोई भी व्यक्ति कोविड-19 से संबंधित अफवाह नहीं फैलायेगा और न ही अफवाह फैलाने के लिए किसी को प्रोत्साहित करेगा.
कोई भी व्यक्ति या संस्था सक्षम पदाधिकारी के बिना लिखित अनुमति के कोविड-19 के संबंध में अनऑथेंटिकेटेड सूचना का प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से प्रचार-प्रसार नहीं करेंगे. उपर्युक्त निर्णयों के उल्लंघन करने वाले व्यक्ति, प्रतिष्ठान को भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा-188, धारा-269, धारा-270, धारा-271 और अन्य सुसंगत धाराओं के तहत नियम अनुसार दंडनीय होंग.