रांची: झारखंड में तेजी से कोरोना फैल रहा है. संक्रमित मरीजों का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. इसे लेकर झारखंड सचिवालय सेवा संघ ने मिनी लॉकडाउन की मांग की थी, लेकिन राज्य सरकार ने लॉकडाउन नहीं लगाया. इसे देखते हुए 19 से 23 अप्रैल तक झारखंड सचिवालय सेवा संघ के सभी सदस्य सामूहिक अवकाश पर रहेंगे. कोरोना के चेन को तोड़ने के लिए सचिवालयकर्मियों ने यह निर्णय लिया है.
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मिनी लॉकडाउन की हुई थी मांग
संघ के अध्यक्ष विवेक आनंद बास्के ने बताया कि सरकार से राज्य में मिनी लॉकडाउन की मांग की गई थी, लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. उन्होंने बताया कि सचिवालय में 150 से अधिक लोगों के कोरोना संक्रमित होने की सूचना है. कुछ लोगों की मौत भी हो चुकी है और कुछ अस्पताल में भर्ती हैं. यहां तक कि कुछ लोग पूरे परिवार के साथ संक्रमित हैं. ऐसी स्थिति में संघ की ओर से अपने सदस्यों की सुरक्षा को देखते हुए सेल्फ लॉकडाउन का निर्णय लिया गया है. इस दौरान आवश्यक कार्यों में संलग्न पदाधिकारी अपना काम पहले की तरह करते रहेंगे. कार्यालय में अतिआवश्यक कार्य होने पर सभी लोग टेलीफोन पर उपलब्ध रहेंगे और ऐसी स्थिति में बुलाए जाने पर उस कार्य को निष्पादित कर वापस घर आ जाएंगे.
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सरकारी कामकाज पर असर पड़ने की संभावना
इधर, सचिवालयकर्मियों के सामूहिक अवकाश पर जाने से सरकारी कामकाज पर असर पड़ने की संभावना है. विभिन्न विभागों में कार्यरत करीब 1300 सचिवालयकर्मी हैं, जो संघ से जुड़े हुए हैं. इनके सामूहिक अवकाश पर जाने से सरकार के कामकाज पर जरूर असर पड़ेगा. वहीं, शिक्षा सेवा संघ ने भी लॉकडाउन की मांग करते हुए सेल्फ लॉकडाउन पर जाने की धमकी दी है. स्टेट बार ने सेल्फ लॉकडाउन की घोषणा की. राज्य के विभिन्न न्यायालयों में प्रैक्टिस करने वाले वकीलों ने 19 से 25 अप्रैल तक केसों की सुनवाई से अलग रहने की घोषणा की है. स्टेट बार कॉसिल की हुई बैठक के बाद स्टेट बार ने सेल्फ लॉकडाउन पर जाने की घोषणा करते हुए ना तो वर्चुअल और ना ही फिजिकल कोर्ट में एपियर होने की घोषणा की है.