रांची: झारखंड की राजधानी रांची में सबसे ज्यादा एसटी-एससी प्रताड़ना के मामले दर्ज होते हैं. आंकड़े बताते हैं कि औसतन हर महीने दो से तीन मामले एसटी-एससी से जुड़े रांची में जरूर आते हैं. सबसे अहम बात यह है कि ज्यादातर मामले सुपरविजन के अभाव में लंबित पड़े हुए हैं.
तीन वर्षों में राज्य में बढ़े मामले: आंकड़े बताते हैं कि झारखंड में पिछले तीन वर्षों में एसटी एससी के विरुद्ध आपराधिक मामले में बढ़ोतरी हुई है. ऐसे मामलों में जांच की बेहद धीमी होती है जिसकी वजह से लंबित मामले की संख्या भी काफी ज्यादा है. झारखंड की राजधानी रांची की बात करें तो पिछले 3 साल में 351 मामले एसटी एससी के उत्पीड़न से जुड़े हुए रिपोर्ट किए गए हैं. जबकि अगर झारखंड के सभी जिलों की बात करें तो पिछले तीन सालों में
3387 मामले एसटी, एससी उत्पीड़न के रिपोर्ट किए गए हैं. राजधानी रांची में साल 2023 के जनवरी महीने में 8, फरवरी महीने में 9, मार्च महीने में 7, अप्रैल महीने में 10, मई महीने में 13, जून महीने में 9, जुलाई महीने में 26, अगस्त महीने में 8 और सितम्बर महीने में 25 मामले रिपोर्ट हुई है.
राजधानी में सबसे ज्यादा 229 केस लंबित: राजधानी रांची में एक तरफ जहां सबसे ज्यादा एससी एसटी से जुड़े मामले दर्ज हुए हैं, वहीं उनकी जांच की प्रक्रिया राजधानी रांची में ही सबसे धीमी भी है. आंकड़े बताते हैं कि राजधानी रांची में 229 केस लंबित है जिम 70 से ज्यादा केस सिर्फ इसलिए लंबित हैं क्योंकि उनका सुपरविजन पूरा नहीं हो पाया है.
लंबित मामलों के निपटारे के लिए निर्देश जारी: रांची के सीनियर एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बताया कि राजधानी में एसटी एससी से जुड़े मामले बढ़े हैं. ऐसे मामलों में बेहतर अनुसंधान करना बेहद जरूरी होता है. क्योंकि अभी तक ऐसे मामलों में अभी तक केस के आईओ डीएसपी ही है इसलिए लंबित मामलों की संख्या ज्यादा है. सरकार की तरफ से अनुसंधान को लेकर नई नियमावली बनाई गई है, जिसके तहत अब इंस्पेक्टर भी ऐसे मामलों का अनुसंधान कर पाएंगे. उसके लिए आवश्यक निर्देश आने के बाद लंबित कांडों को जल्द से जल्द निपटारा करने में मदद मिलेगी.
मामला लंबित रखने वालों पर कार्रवाई: रांची एसपी ने बताया कि एसटी एससी से जुड़े मामलों को बेवजह लटकाए रहने वाले अनुसंधान अफसरों को कड़ी चेतावनी दी गई है. उन्हें कहा गया है कि वह जल्द से जल्द मामलों का निपटारा करें अन्यथा उन पर विभागीय कार्रवाई के अनुशंसा भी की जाएगी.
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