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'मैनहर्ट' मामले में झारखंड में सियासी घमासान, जानिए रघुवर दास को किसने बोला झूठा

झारखंड में 'मैनहर्ट' मामले में सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस घोटाले में एसीबी की तरफ से रघुवर दास को नोटिस भेजे जाने के बाद फिर से ये मुद्दा गर्मा गया है. नोटिस मिलने के बाद रघुवर दास ने जहां विरोधियों पर हमला बोला था. वहीं अब निर्दलीय विधायक सरयू राय ने ट्वीट कर रघुवर दास पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है.

Politics in Manhart case
मैनहर्ट मामले में सियासत
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Published : Jun 26, 2021, 10:17 PM IST

रांची: झारखंड में मैनहर्ट मामले पर एक बार फिर राजनीतिक ड्रामा शुरू हो गया है. एसीबी का नोटिस मिलने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जिस तरह अपने विरोधियों पर हमला बोला था. उसका जवाब पूर्व मंत्री और विधायक सरयू राय ने ट्वीट कर दिया है. उन्होंने रघुवर दास पर पूरे मामले में झूठ बोलेने का आरोप लगाया है.

Saryu Rai's tweet
सरयू राय का पहला ट्वीट

ये भी पढ़ें- मैनहर्ट मामले पर बोले पूर्व सीएम रघुवर दास, ईमानदारी का चोला ओढ़कर भ्रष्टाचार के नाले में डुबकी लगाने वाले का चेहरा होगा बेनकाब

क्या है सरयू राय का ट्वीट?

सरयू राय ने अपने ट्वीट में लिखा है कि तत्कालीन नगर विकास मंत्री श्रीमान रघुवर दास जी ने कल एक लिखित बयान जारी किया है कि 2005 में रांची के सीवरेज- ड्रेनेज का डीपीआर तैयार करने के लिए मैनहर्ट को परामर्शी नियुक्त करने के पहले नगर विकास विभाग द्वारा नियुक्त परामर्शी निकम्मा था, इसलिए उन्होंने उसे हटा दिया.

ExcerSaryu Rai's second tweetpt from Saryu Rai's book 'Lamhe Ki Khata'
सरयू राय का दूसरा ट्वीट

अपने ट्वीट के दूसरे पैराग्राफ में सरयू राय ने लिखा है कि झूठ बोलने में माहिर श्रीमान रघुवर दास जी को जरूर पता होना चाहिए कि उनके द्वारा शर्तों का उल्लंघन कर बेवजह हटाए जाने के विरोध में वह परामर्शी (ओआरजी) झारखंड उच्च न्यायालय चला गया था. उच्च न्यायालय ने कहा कि यह मामला पंच निर्णय यानी पंचाट (ऑर्बिट्रेशन) का है.

उच्च न्यायालय ने इसके लिए केरल उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त मुख्य न्यायाधिश न्यायमूर्ति यूपी सिंह को पंच (ऑर्बिट्रेटर) नियुक्त कर दिया. उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त पंच न्यायमूर्ति यूपी सिंह ने श्रीमान रघुवर दास द्वारा ओआरजी को हटाए जाने के निर्णय और ओआरजी द्वारा इस निर्णय के विरोध के कारणों की गहन समीक्षा की और न्याय निर्णय दिया कि ओआरजी को हटाने का श्रीमान रघुवर दास का निर्णय गलत था.

'लम्हों की खता'

सरयू राय ने ट्वीट में अपनी किताब लम्हों की खता का भी जिक्र किया और रघुवर दास पर झारखंड को बदनाम करने का आरोप लगाया. उन्होंने लिखा कि रघुवर दास ने अपने निहित स्वार्थों के लिए ओआरजी को हटाया जिससे राज्य सरकार को वित्तीय नुकसान झेलना पड़ा. सरयू राय ने रघुवर दास पर जनता की कठिनाइयों को बढ़ाने और बीजेपी को भी बदनाम करने का आरोप लगाया.

ये भी पढ़ें- मैनहर्ट घोटाला: ACB ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को भेजा नोटिस, सरयू राय ने लगाए थे गंभीर आरोप

'मैनहर्ट' को परामर्शी बनाए जाने पर उठा था सवाल

साल 2005 में राजधानी रांची में सीवरेज ड्रेनेज सिस्टम के निर्माण के लिए मैनहर्ट कंपनी को परामर्शी बनाया गया था. उस समय रघुवर दास राज्य के नगर विकास मंत्री थे. रघुवर दास के मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री रहते सरयू राय ने मैनहर्ट को परामर्शी बनाए जाने पर सवाल उठाया था और कहा कि इस पूरे मामले में अनियमितता बरती गई.

पिछले साल 31 जुलाई को सरयू राय ने एसीबी में आवेदन देकर जांच की मांग की थी. एसीबी ने इस मामले में 5 नवंबर 2020 को प्रारंभिक जांच शुरू की थी. माना जा रहा है कि इस मामले में अब पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

बता दें कि दो अक्टूबर 2020 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मैनहर्ट घोटाले की एसीबी जांच कराने का आदेश जारी किया था. वहीं एसीबी ने शशिरंजन कुमार को भी नोटिस जारी किया है. शशिरंजन वर्तमान में एडिशनल फाइनेंशियल एडवाइजर टैक्सटाइल डिपार्टमेंट, उद्योग भवन दिल्ली में कार्यरत हैं.

सरयू राय का रघुवर दास पर आरोप

सरयू राय का आरोप है कि मैनहर्ट की नियुक्ति में नगर विकास मंत्री रहते हुए रघुवर दास ने गड़बड़ी की. एसीबी को 18 बिंदुओं पर जांच के लिए सरयू राय ने आवेदन दिया था. आवेदन में बताया गया था कि 2005 में मैनहर्ट को परामर्शी बनाने का अनुचित आदेश दिया गया.

मैनहर्ट को लाभ पहुंचाने के लिए टेंडर की शर्तों में बदलाव किया गया. आरोप यह भी है कि काम सिंगापुर की असली मैनहर्ट को न देकर भारत में इसी नाम से बनाई संस्था को दिया गया था. सरयू राय ने कहा था कि रांची में सीवरेज-ड्रेनेज सिस्टम के लिए सिंगापुर की कंपनी मैनहर्ट को कंसल्टेंट नियुक्त किया गया था.

इस पर करीब 21 करोड़ रुपये खर्च हुए लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं हुआ. उस समय से अब तक रांची में सीवरेज-ड्रेनेज का निर्माण नहीं हुआ. सरयू राय ने नगर निगम और मैनहर्ट के बीच समझौते को भी अनुचित बताया था.

रांची: झारखंड में मैनहर्ट मामले पर एक बार फिर राजनीतिक ड्रामा शुरू हो गया है. एसीबी का नोटिस मिलने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जिस तरह अपने विरोधियों पर हमला बोला था. उसका जवाब पूर्व मंत्री और विधायक सरयू राय ने ट्वीट कर दिया है. उन्होंने रघुवर दास पर पूरे मामले में झूठ बोलेने का आरोप लगाया है.

Saryu Rai's tweet
सरयू राय का पहला ट्वीट

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क्या है सरयू राय का ट्वीट?

सरयू राय ने अपने ट्वीट में लिखा है कि तत्कालीन नगर विकास मंत्री श्रीमान रघुवर दास जी ने कल एक लिखित बयान जारी किया है कि 2005 में रांची के सीवरेज- ड्रेनेज का डीपीआर तैयार करने के लिए मैनहर्ट को परामर्शी नियुक्त करने के पहले नगर विकास विभाग द्वारा नियुक्त परामर्शी निकम्मा था, इसलिए उन्होंने उसे हटा दिया.

ExcerSaryu Rai's second tweetpt from Saryu Rai's book 'Lamhe Ki Khata'
सरयू राय का दूसरा ट्वीट

अपने ट्वीट के दूसरे पैराग्राफ में सरयू राय ने लिखा है कि झूठ बोलने में माहिर श्रीमान रघुवर दास जी को जरूर पता होना चाहिए कि उनके द्वारा शर्तों का उल्लंघन कर बेवजह हटाए जाने के विरोध में वह परामर्शी (ओआरजी) झारखंड उच्च न्यायालय चला गया था. उच्च न्यायालय ने कहा कि यह मामला पंच निर्णय यानी पंचाट (ऑर्बिट्रेशन) का है.

उच्च न्यायालय ने इसके लिए केरल उच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त मुख्य न्यायाधिश न्यायमूर्ति यूपी सिंह को पंच (ऑर्बिट्रेटर) नियुक्त कर दिया. उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त पंच न्यायमूर्ति यूपी सिंह ने श्रीमान रघुवर दास द्वारा ओआरजी को हटाए जाने के निर्णय और ओआरजी द्वारा इस निर्णय के विरोध के कारणों की गहन समीक्षा की और न्याय निर्णय दिया कि ओआरजी को हटाने का श्रीमान रघुवर दास का निर्णय गलत था.

'लम्हों की खता'

सरयू राय ने ट्वीट में अपनी किताब लम्हों की खता का भी जिक्र किया और रघुवर दास पर झारखंड को बदनाम करने का आरोप लगाया. उन्होंने लिखा कि रघुवर दास ने अपने निहित स्वार्थों के लिए ओआरजी को हटाया जिससे राज्य सरकार को वित्तीय नुकसान झेलना पड़ा. सरयू राय ने रघुवर दास पर जनता की कठिनाइयों को बढ़ाने और बीजेपी को भी बदनाम करने का आरोप लगाया.

ये भी पढ़ें- मैनहर्ट घोटाला: ACB ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को भेजा नोटिस, सरयू राय ने लगाए थे गंभीर आरोप

'मैनहर्ट' को परामर्शी बनाए जाने पर उठा था सवाल

साल 2005 में राजधानी रांची में सीवरेज ड्रेनेज सिस्टम के निर्माण के लिए मैनहर्ट कंपनी को परामर्शी बनाया गया था. उस समय रघुवर दास राज्य के नगर विकास मंत्री थे. रघुवर दास के मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री रहते सरयू राय ने मैनहर्ट को परामर्शी बनाए जाने पर सवाल उठाया था और कहा कि इस पूरे मामले में अनियमितता बरती गई.

पिछले साल 31 जुलाई को सरयू राय ने एसीबी में आवेदन देकर जांच की मांग की थी. एसीबी ने इस मामले में 5 नवंबर 2020 को प्रारंभिक जांच शुरू की थी. माना जा रहा है कि इस मामले में अब पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

बता दें कि दो अक्टूबर 2020 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मैनहर्ट घोटाले की एसीबी जांच कराने का आदेश जारी किया था. वहीं एसीबी ने शशिरंजन कुमार को भी नोटिस जारी किया है. शशिरंजन वर्तमान में एडिशनल फाइनेंशियल एडवाइजर टैक्सटाइल डिपार्टमेंट, उद्योग भवन दिल्ली में कार्यरत हैं.

सरयू राय का रघुवर दास पर आरोप

सरयू राय का आरोप है कि मैनहर्ट की नियुक्ति में नगर विकास मंत्री रहते हुए रघुवर दास ने गड़बड़ी की. एसीबी को 18 बिंदुओं पर जांच के लिए सरयू राय ने आवेदन दिया था. आवेदन में बताया गया था कि 2005 में मैनहर्ट को परामर्शी बनाने का अनुचित आदेश दिया गया.

मैनहर्ट को लाभ पहुंचाने के लिए टेंडर की शर्तों में बदलाव किया गया. आरोप यह भी है कि काम सिंगापुर की असली मैनहर्ट को न देकर भारत में इसी नाम से बनाई संस्था को दिया गया था. सरयू राय ने कहा था कि रांची में सीवरेज-ड्रेनेज सिस्टम के लिए सिंगापुर की कंपनी मैनहर्ट को कंसल्टेंट नियुक्त किया गया था.

इस पर करीब 21 करोड़ रुपये खर्च हुए लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं हुआ. उस समय से अब तक रांची में सीवरेज-ड्रेनेज का निर्माण नहीं हुआ. सरयू राय ने नगर निगम और मैनहर्ट के बीच समझौते को भी अनुचित बताया था.

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