रांचीः झारखंड की रघुवर सरकार में मंत्री रहे और निर्दलीय विधायक सरयू राय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है. इस पत्र में कहा है कि कुछ लोग उनके मंत्रीत्व काल पर सवाल उठाते हुए अनियमितता का आरोप लगा रहे हैं. इस अनियमितता की त्वरीत जांच किसी सक्षम एजेंसी से करा ली जाए और अगर वे दोषी पाए जाते हैं तो वे सजा भुगतने के लिए तैयार हैं.
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बाबा कंप्यूटर पहले दे चुका है जवाब
सरयू राय ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवार दास के करीबी और झारखंड भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने उनके ऊपर आरोप लगाया है. सरयू राय ने कहा कि खाघ आपूर्ति विभाग में बाबा कंप्यूटर को डाटा काॅलिंग के लिए बहाल किया, जिसकी दर काफी ऊंची थी. यह दर 80 पैसे प्रति काॅल था, जबकि सूचना प्रसारण विभाग 10 पैसे प्रति काॅल में काम कर रहा था. इसके साथ ही मार्केटिंग अफसर के रूप में सेवानिवृत सुनील शंकर की अनुबंध पर बहाली की गई. इन दोनों आरोपों की गंभीरता से जांच कराई जाए, ताकि सत्य सामने आ सकें.
वित्तीय अनियमितता की शीघ्र कराएं जांच
कुणाल षाड़ंगी के आरोप का जवाब खुद बाबा कंप्यूटर ने दिया है, जिसमें कहा है कि निविदा के आधार पर काम मिला है. वहीं, दूसरा आरोप सुनील शंकर की पुनर्नियुक्ति का है, जो आज भी धनबाद में काम कर रहे हैं. सरयू राय ने कहा है कि उनके कार्यकाल में ही तय हुआ था कि विभाग में कार्यबल की कमी है. इस कमी को दूर करने के लिए निविदा के आधार पर बहाल किया गया. इसके बावजूद किसी को वित्तीय अनियमितता दिखती है, तो सक्षम एजेंसी से जांच शीघ्र करा ली जाए.