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रांची में शाम 5 से रात 10 बजे तक ऑटो चलाती हैं संतोषी, घर की खराब माली हालत के चलते लिया फैसला - रांची में ऑटो चला रही संतोषी

राजधानी में एक महिला अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को पटरी पर लाने के लिए शाम 5 से रात 10 बजे तक ऑटो चलाती है. महिला का कहना है कि उसके पति पेशे से फोटोग्राफर हैं और इस पेशे में ज्यादा कमाई नहीं होती है. ऐसे में महिला ने ऑटो चलाने का फैसला किया. वह बरियातू से रातू रोड तक ऑटो चलाती हैं.

Santoshi drives auto in ranchi
रांची में ऑटो चला रही संतोषी
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Published : Mar 6, 2021, 9:44 PM IST

रांची: राजधानी में एक महिला अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को पटरी पर लाने के लिए शाम 5 से रात 10 बजे तक ऑटो चलाती है. महिला का नाम संतोषी कुमारी है. परिवार की माली हालत दयनीय है. महिला के पति पेशे से फोटोग्राफर हैं. समारोह में फोटो खींचते हैं. ज्यादा कमाई नहीं होती थी. इसी के चलते महिला ने ऑटो चलाने का फैसला किया.

देखें पूरी खबर

यह भी पढ़ें: लातेहार में मालगाड़ी के इंजन में लगी आग, ड्राइवर की सूझबूझ से टला हादसा

घर का काम निपटाकर ऑटो चलाने निकलती हैं संतोषी

महिला ने बताया कि दिन में घर का काम रहता है. शाम तक घर के सारे काम निपटाकर ऑटो लेकर निकलती हूं. पति शाम में बच्चे को संभालते हैं. महिला का कहना है कि वह हर दिन एक हजार रुपये कमा लेती हैं. इससे परिवार का भरण पोषण सही तरीके से चल रहा है. ऑटो में सभी वर्ग के यात्री बैठते हैं.

हक और अधिकार की लड़ाई के लिए आगे आएं महिलाएं

संतोषी का कहना है कि महिलाओं को कभी भी डरना नहीं चाहिए. अपने हक और अधिकार की लड़ाई के लिए आगे आना चाहिए. महिला से पूछा कि रात के वक्त बदमाशों का डर नहीं लगता तब महिला ने कहा कि हर जगह पुलिस की गश्ती होती है. वह बरियातू से रातू रोड तक ऑटो चलाती हैं. रास्ते में कई ट्रैफिक सिग्नल हैं जहां उन्हें कोई परेशानी नहीं होती.

रांची: राजधानी में एक महिला अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को पटरी पर लाने के लिए शाम 5 से रात 10 बजे तक ऑटो चलाती है. महिला का नाम संतोषी कुमारी है. परिवार की माली हालत दयनीय है. महिला के पति पेशे से फोटोग्राफर हैं. समारोह में फोटो खींचते हैं. ज्यादा कमाई नहीं होती थी. इसी के चलते महिला ने ऑटो चलाने का फैसला किया.

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घर का काम निपटाकर ऑटो चलाने निकलती हैं संतोषी

महिला ने बताया कि दिन में घर का काम रहता है. शाम तक घर के सारे काम निपटाकर ऑटो लेकर निकलती हूं. पति शाम में बच्चे को संभालते हैं. महिला का कहना है कि वह हर दिन एक हजार रुपये कमा लेती हैं. इससे परिवार का भरण पोषण सही तरीके से चल रहा है. ऑटो में सभी वर्ग के यात्री बैठते हैं.

हक और अधिकार की लड़ाई के लिए आगे आएं महिलाएं

संतोषी का कहना है कि महिलाओं को कभी भी डरना नहीं चाहिए. अपने हक और अधिकार की लड़ाई के लिए आगे आना चाहिए. महिला से पूछा कि रात के वक्त बदमाशों का डर नहीं लगता तब महिला ने कहा कि हर जगह पुलिस की गश्ती होती है. वह बरियातू से रातू रोड तक ऑटो चलाती हैं. रास्ते में कई ट्रैफिक सिग्नल हैं जहां उन्हें कोई परेशानी नहीं होती.

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