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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रूका 122 कॉलेज शिक्षकों का वेतन, 1986 में हुई थी नियुक्ति - झारखंड न्यूज

रांची विश्वविद्यालय के 4 कॉलेजों के 122 शिक्षकों के वेतन भुगतान पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. इन शिक्षकों की नियुक्ति के बाद से राज्य सरकार इन्हें वेतन देती आ रही हैं. जानकारी के अनुसार 1994 में इन शिक्षकों को पद से हटा दिया गया था.

विवि प्रशासन की बैठक
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Published : Jul 27, 2019, 7:56 PM IST

रांचीः आरयू के 4 नव अंगीभूत कॉलेजों के 122 शिक्षकों के लिए बुरी खबर है. इन कॉलेजों के122 शिक्षकों के वेतन भुगतान पर रोक लगा दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद विवि प्रशासन ने इनका वेतन रोका है. इन शिक्षकों की नियुक्ति 1986 में सृजित पद के विरुद्ध की गई थी. बाद में इन्हें समायोजित कर वेतन निर्धारण कर दिया गया था. 1994 में इन शिक्षकों को हटा दिया गया.

देखें पूरी खबर

रांची विश्वविद्यालय के मांडर कॉलेज, बीएनजे कॉलेज सिसई, केसीबी कॉलेज बेड़ो और सीपीके कॉलेज बुंडू के 122 शिक्षकों के वेतन भुगतान पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आरयू ने रोक लगा दी है. इस संबंध में जानकारी देते हुए प्रो वीसी कामिनी कुमार ने कहा कि रांची यूनिवर्सिटी ने यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत लिया है. दरअसल इन शिक्षकों की नियुक्ति 1986 में सृजित पद के विरुद्ध हुई थी. बाद में इन्हें समायोजित कर वेतन निर्धारण कर दिया गया. 1994 में इन्हें हटा दिया गया था.

ये भी पढ़ें- मॉब लिंचिंग की बड़ी वारदात को पुलिस ने टाला, बकरी चोरी कर भाग रहे युवकों को ग्रामीणों ने पीटा

इस मामले में गठित एसबी सिन्हा कमीशन ने अनुशंसा की थी कि शिक्षकों को केवल उसी समय का वेतन दिया जाए, जितने दिन तक इन्हें काम पर रखा गया था. लेकिन राज्य सरकार 1986 से अब तक इनके वेतन का भुगतान करती आ रही है. अब तक प्रति शिक्षक में 20 से 80 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश से इन 122 शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया है.

रांचीः आरयू के 4 नव अंगीभूत कॉलेजों के 122 शिक्षकों के लिए बुरी खबर है. इन कॉलेजों के122 शिक्षकों के वेतन भुगतान पर रोक लगा दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद विवि प्रशासन ने इनका वेतन रोका है. इन शिक्षकों की नियुक्ति 1986 में सृजित पद के विरुद्ध की गई थी. बाद में इन्हें समायोजित कर वेतन निर्धारण कर दिया गया था. 1994 में इन शिक्षकों को हटा दिया गया.

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रांची विश्वविद्यालय के मांडर कॉलेज, बीएनजे कॉलेज सिसई, केसीबी कॉलेज बेड़ो और सीपीके कॉलेज बुंडू के 122 शिक्षकों के वेतन भुगतान पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आरयू ने रोक लगा दी है. इस संबंध में जानकारी देते हुए प्रो वीसी कामिनी कुमार ने कहा कि रांची यूनिवर्सिटी ने यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत लिया है. दरअसल इन शिक्षकों की नियुक्ति 1986 में सृजित पद के विरुद्ध हुई थी. बाद में इन्हें समायोजित कर वेतन निर्धारण कर दिया गया. 1994 में इन्हें हटा दिया गया था.

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इस मामले में गठित एसबी सिन्हा कमीशन ने अनुशंसा की थी कि शिक्षकों को केवल उसी समय का वेतन दिया जाए, जितने दिन तक इन्हें काम पर रखा गया था. लेकिन राज्य सरकार 1986 से अब तक इनके वेतन का भुगतान करती आ रही है. अब तक प्रति शिक्षक में 20 से 80 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश से इन 122 शिक्षकों का वेतन रोक दिया गया है.

Intro:रांची।

रांची यूनिवर्सिटी के चार नवांगीभूत कॉलेजों के 122 शिक्षकों के लिए बुरी खबर है. इन कॉलेजों के 122 शिक्षकों के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी गई है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद विवि प्रशासन द्वारा इनका वेतन रोका गया है .इन शिक्षकों की नियुक्ति 1986 में सृजित पद के विरुद्ध की गई थी. बाद में इन्हें समायोजित कर वेतन निर्धारण कर दिया गया था और 1994 में इन शिक्षकों को हटा दिया गया था.


Body:रांची विश्वविद्यालय के मांडर कॉलेज मांडर ,बीएनजे कॉलेज सिसई ,केसीबी कॉलेज बेड़ो और सीपीके कॉलेज बुंडू के 122 शिक्षकों के वेतन भुगतान पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रांची विश्वविद्यालय ने रोक लगा दी है .इस संबंध में जानकारी देते हुए प्रो वीसी कामिनी कुमार ने कहा कि रांची यूनिवर्सिटी ने यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत लिया है. दरअसल इन शिक्षकों की नियुक्ति 1986 में सृजित पद के विरुद्ध हुई थी .बाद में इन्हें समायोजित कर वेतन निर्धारण कर दिया गया था. 1994 में इन्हें हटा दिया गया था. इस मामले में गठित एसबी सिन्हा कमीशन ने अनुशंसा की थी कि शिक्षकों को केवल उसी समय का वेतन दिया जाए जितने दिन तक इन्हें काम पर रखा गया था. लेकिन राज्य सरकार 1986 से अब तक इनके वेतन का भुगतान करती आ रही है .अब तक प्रति शिक्षक में 20 से 80 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है.






Conclusion:हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 122 इन शिक्षकों का वेतन पर रोक लगा दिया गया है.

बाइट-कामिनी कुमार,प्रोवीसी,आरयू.
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