रांची: ईडी के रडार आए साहेबगंज एसपी नौशाद आलम की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. पूछताछ से पहले ईडी ने नौशाद आलम की कई अचल संपत्तियों और निवेश से जुड़ी जानकारियां जुटायी हैं. सूचना यह भी है कि नौशाद आलम को लेकर ईडी के पास कई शिकायतें भी आई हैं.
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22 नवम्बर को होनी है नौशाद आलम से पूछताछ: गौरतलब है कि ईडी ने समन जारी कर साहिबगंज एसपी नौशाद आलम को 22 नवम्बर को रांची स्थित ईडी के जोनल कार्यालय पूछताछ के लिए बुलाया है. पूछताछ से पहले ईडी की टीम ने साहिबगंज एसपी नौशाद आलम की कई अचल संपत्तियों और निवेश से जुड़ी जानकारियां जुटायी हैं. ईडी सूत्रों के मुताबिक, नौशाद आलम के संबंध में कई लोगों ने ईडी के समक्ष लिखित शिकायत भी की है. ईडी अधिकारियों के मुताबिक, रांची में कई जगहों पर अचल संपत्ति बीते दो तीन सालों में अर्जित करने की शिकायतें ईडी को मिली है.
जहां-जहां पोस्टिंग वहां की जानकारी जुटा रही ईडी: मिली जानकारी के अनुसार ईडी नौशाद आलम को लेकर विस्तृत जानकारियां जुटा रही है. नौशाद आलम की पोस्टिंग कहां-कहां रही और उनके द्वारा किस तरह की संपत्ति की खरीद की गई इसकी जानकारी भी ईडी जुटा रही है. रांची में ग्रामीण एसपी के पद पर रहने के दौरान भी नौशाद आलम ने कितनी संपत्ति की रजिस्ट्री अपने या परिजनों के नाम पर खरीदी है हर जानकारी जुटाई जा रही है. 22 नवम्बर को पूछताछ के बाद नौशाद आलम से उनके और उनके आश्रितों, परिजनों की पूरी संपत्ति का विवरण भी हलफनामा के जरिए मांगेगी.
क्यों किया गया है एसपी को समन: साहिबगंज के एसपी नौशाद आलम ईडी के गवाह को होस्टाइल कराने के केस में एजेंसी के रडार पर आ गए हैं. साहिबगंज में 1000 करोड़ के अवैध खनन के केस में ही नौशाद आलम को समन किया गया है. अवैध खनन केस में विजय हांसदा ईडी के मुख्य गवाहों में शामिल था. साहिबगंज पुलिस ने उसे आर्म्स एक्ट के केस में जेल भेजा था. लेकिन बाद में उसे अवैध खनन केस में पैसे के बल पर गवाही से पलटने की बात की पुष्टि हुई.
सीबीआई ने भी अपनी जांच में पाया है कि विजय हांसदा के बैंक खाते में कई संदेहास्पद लेन देन हुए थे. वहीं कैश में भी उसने पैसे लिए. इस पूरे मामले में साहिबगंज डीसी रामनिवास यादव व एसपी नौशाद आलम की भूमिका प्रमुख रही है. ईडी ने भी अपने गवाह के कोर्ट में होस्टाइल होने की जांच की तो पाया कि रांची हाईकोर्ट में लाने से लेकर कोर्ट में गवाही कराने तक में नौशाद आलम की भूमिका रही है.