ETV Bharat / state

क्या टूटेगा रांची का आरआईटी भवन, आरआरडीए की नोटिस पर बढ़ा विवाद, जानिए क्या है मामला - रांची की खबर

रांची का आरआईटी भवन को तोड़ने की आरआरडीए की नोटिस के बाद विवाद खड़ा हो गया है. आरआरडीए के इस फैसले के खिलाफ दुकानदार और सामाजिक संगठन से जुड़े कर्मियों ने जगह खाली नहीं करने की धमकी दी है.

rit-building-in-ranchi
रांची का आरआईटी भवन
author img

By

Published : Jan 7, 2022, 6:04 PM IST

Updated : Jan 7, 2022, 7:07 PM IST

रांची: संयुक्त बिहार के समय 1960 में बना राजधानी रांची का आरआईटी भवन आरआरडीए की नोटिस की वजह से विवादों में है. भवन के जर्जर होने की वजह से 15 दिनों के अंदर आरआईटी भवन खाली करने का आदेश दिया गया है. आरआरडीए के इसी आदेश पर अब हंगामा मच गया है.

ये भी पढ़ें- रांची के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय की सरकार से मांग, पुराने भवनों के लिए जल्द लाए नई नियमावली

आरआरडीए को नहीं हो रहा था फायदा

दरअसल आरआरडीए को इस बहुमंजिली इमारत से वर्षो से फूटी कौड़ी नहीं मिल रही है. लंबी कानूनी लड़ाई के बाद झारखंड हाईकोर्ट ने भी इस बिल्डिंग की मरम्मती का आदेश दे रखा है. जिससे यहां के दुकानदार और ऑफिसकर्मी सुरक्षित रह सके. मगर मरम्मती के बजाय आरआरडीए ने बिल्डिंग तोड़ने का ही फैसला ले लिया. आरआरडीए के इस फैसले के खिलाफ दुकानदार और सामाजिक संगठन से जुड़े कर्मी ने जान दे देंगे जगह खाली नहीं करने की धमकी दी है.

देखें वीडियो
हर हाल में खाली होगी आरआईटी बिल्डिंगआरआईटी बिल्डिंग को हर हाल में खाली कराकर इसे नए सीरे से बनाने पर आमदा आरआरडीए ने साफ कर दिया है कि यह बिल्डिंग असुरक्षित है जिसे बिल्डिंग डिवीजन के भी रिपोर्ट में आया है. आरआरडीए के भूसंपदा पदाधिकारी आफताब अहमद ने कहा है कि बिल्डिंग खाली करने के लिए 15 दिनों का समय दिया गया है इसके बाद आगे की कारवाई की जायेगी. लंबे समय से इस बिल्डिंग में दुकान चलाने वालों और सामाजिक संगठनों को दफ्तर मुहैया नया बिल्डिंग में होगा या नहीं इसे टालते हुए उन्होंने कहा कि आरआरडीए बोर्ड इसपर फैसला करेगा.

ये भी पढ़ें- झारखंड में कोरोना का कहर: झारखंड सचिवालय में कोविड ने दी दस्तक, डर के बीच काम कर रहे सचिवालयकर्मी


बिल्डिंग में 45 दुकान और गैर सरकारी संगठन दफ्तर
कचहरी चौक स्थित इस तीन मंजिली इमारत में दुकान के अलावे कई सरकारी दफ्तर हैं. इस बिल्डिंग के तीसरा और दूसरा तल्ला पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है.आरआइटी बिल्डिंग के पहला तल्ला में राष्ट्रीय बचत पदाधिकारी का कार्यालय, दूसरे फ्लोर में सीआइडी मुख्यालय की विशेष शाखा, दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल सांख्यिकी के उप निदेशक का कार्यालय सहित अन्य कार्यालय संचालित होते हैं. इसके अलावे तीन मंजिली इस इमारत में कई सामाजिक संगठन से लेकर करीब 45 दुकानें हैं.

आरआरडीए को नहीं मिल रहा किराया

संयुक्त बिहार के समय बने इस बिल्डिंग से आरआरडीए को हर महीने लाखों रुपये की राजस्व मिलती थी. मगर हाल के वर्षों में किरायादार और आरआरडीए के बीच जारी कानूनी विवाद के कारण आरआरडीए को इससे भी हाथ धोना पड़ा है. एसडीओ कोर्ट के फैसला आने के बाद आरआरडीए ने किराया वसूली की कारवाई तेज करते हुए सभी बकायेदारों को नोटिस भेजा मगर किरायेदार पुराने रेट पर रेंट देने की जिद पर अड़े हैं. जिसके कारण भाड़ा मद में आरआरडीए का करीब डेढ करोड़ बकाया हो चुका है. बहरहाल आरआईटी बिल्डिंग को लेकर रेंटर और आरआरडीए आमने सामने है.दोनों ओर से अपने अपने तर्क दिये जा रहे हैं.ऐसे में विवाद सुलझने के बजाय दिन प्रतिदिन उलझता जा रहा है.

रांची: संयुक्त बिहार के समय 1960 में बना राजधानी रांची का आरआईटी भवन आरआरडीए की नोटिस की वजह से विवादों में है. भवन के जर्जर होने की वजह से 15 दिनों के अंदर आरआईटी भवन खाली करने का आदेश दिया गया है. आरआरडीए के इसी आदेश पर अब हंगामा मच गया है.

ये भी पढ़ें- रांची के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय की सरकार से मांग, पुराने भवनों के लिए जल्द लाए नई नियमावली

आरआरडीए को नहीं हो रहा था फायदा

दरअसल आरआरडीए को इस बहुमंजिली इमारत से वर्षो से फूटी कौड़ी नहीं मिल रही है. लंबी कानूनी लड़ाई के बाद झारखंड हाईकोर्ट ने भी इस बिल्डिंग की मरम्मती का आदेश दे रखा है. जिससे यहां के दुकानदार और ऑफिसकर्मी सुरक्षित रह सके. मगर मरम्मती के बजाय आरआरडीए ने बिल्डिंग तोड़ने का ही फैसला ले लिया. आरआरडीए के इस फैसले के खिलाफ दुकानदार और सामाजिक संगठन से जुड़े कर्मी ने जान दे देंगे जगह खाली नहीं करने की धमकी दी है.

देखें वीडियो
हर हाल में खाली होगी आरआईटी बिल्डिंगआरआईटी बिल्डिंग को हर हाल में खाली कराकर इसे नए सीरे से बनाने पर आमदा आरआरडीए ने साफ कर दिया है कि यह बिल्डिंग असुरक्षित है जिसे बिल्डिंग डिवीजन के भी रिपोर्ट में आया है. आरआरडीए के भूसंपदा पदाधिकारी आफताब अहमद ने कहा है कि बिल्डिंग खाली करने के लिए 15 दिनों का समय दिया गया है इसके बाद आगे की कारवाई की जायेगी. लंबे समय से इस बिल्डिंग में दुकान चलाने वालों और सामाजिक संगठनों को दफ्तर मुहैया नया बिल्डिंग में होगा या नहीं इसे टालते हुए उन्होंने कहा कि आरआरडीए बोर्ड इसपर फैसला करेगा.

ये भी पढ़ें- झारखंड में कोरोना का कहर: झारखंड सचिवालय में कोविड ने दी दस्तक, डर के बीच काम कर रहे सचिवालयकर्मी


बिल्डिंग में 45 दुकान और गैर सरकारी संगठन दफ्तर
कचहरी चौक स्थित इस तीन मंजिली इमारत में दुकान के अलावे कई सरकारी दफ्तर हैं. इस बिल्डिंग के तीसरा और दूसरा तल्ला पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है.आरआइटी बिल्डिंग के पहला तल्ला में राष्ट्रीय बचत पदाधिकारी का कार्यालय, दूसरे फ्लोर में सीआइडी मुख्यालय की विशेष शाखा, दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल सांख्यिकी के उप निदेशक का कार्यालय सहित अन्य कार्यालय संचालित होते हैं. इसके अलावे तीन मंजिली इस इमारत में कई सामाजिक संगठन से लेकर करीब 45 दुकानें हैं.

आरआरडीए को नहीं मिल रहा किराया

संयुक्त बिहार के समय बने इस बिल्डिंग से आरआरडीए को हर महीने लाखों रुपये की राजस्व मिलती थी. मगर हाल के वर्षों में किरायादार और आरआरडीए के बीच जारी कानूनी विवाद के कारण आरआरडीए को इससे भी हाथ धोना पड़ा है. एसडीओ कोर्ट के फैसला आने के बाद आरआरडीए ने किराया वसूली की कारवाई तेज करते हुए सभी बकायेदारों को नोटिस भेजा मगर किरायेदार पुराने रेट पर रेंट देने की जिद पर अड़े हैं. जिसके कारण भाड़ा मद में आरआरडीए का करीब डेढ करोड़ बकाया हो चुका है. बहरहाल आरआईटी बिल्डिंग को लेकर रेंटर और आरआरडीए आमने सामने है.दोनों ओर से अपने अपने तर्क दिये जा रहे हैं.ऐसे में विवाद सुलझने के बजाय दिन प्रतिदिन उलझता जा रहा है.

Last Updated : Jan 7, 2022, 7:07 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.