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रांची: हरी सब्जी के कीमतों में उछाल, लोग पारंपरिक व्यंजन धुस्का का नहीं ले पा रहे हैं स्वाद - झारखंड में सब्जी की कीमतों में उछाल

हाल के दिनों में झारखंड में हुई बारिश के कारण किसानों के खेतों में लगी सब्जियां बर्बाद हो गई, जिससे सब्जी की कीमतों में भारी उछाल देखी जा रही है. बाजार में 50 से नीचे कोई सब्जी नहीं हैं और अगर धनिया पत्ता, लहसुन, अदरक और टमाटर की बात करें तो इनकी कीमत आसमान छू रहीं हैं.

हरी सब्जी के कीमतों में उछाल
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Published : Oct 12, 2019, 6:06 PM IST

Updated : Oct 12, 2019, 11:09 PM IST

रांची: प्रदेश में सब्जी की बढ़ती कीमतों ने लोगों का जायका बिगाड़ दिया है. हाल के दिनों में हुई बारिश के कारण किसानों के खेतों में लगी सब्जियां बर्बाद हो गईं हैं, जिससे सब्जी की कीमत आसमान छू रही हैं.

देखें वीडियो

आलू अब 18 से 20 रुपये

हरी सब्जियों के भाव दोगुना से अधिक बढ़ गएं हैं. 10 रुपये किग्रा बिकने वाला आलू अब 18 से 20 रुपये बिक रहा है. अगर धनिया पत्ता और लहसुन की बात की जाए तो इनके दाम भी आसमान छू रहे हैं. झारखंड की पारंपरिक व्यंजन धुस्का है, जिसमें धनिया, लहसुन और मिर्च की चटनी से इसके स्वाद में चार चांद लगा देते हैं. इन दिनों धनिया पत्ता और लहसुन के आसमान छूते दामों के कारण धुस्का का स्वाद भी फीका पड़ गया है.

ये भी पढ़ें-शर्मनाक: डायरिया के मरीजों को अस्पताल से किया बाहर, गंदगी और जल-जमाव वाली जगह किया गया शिफ्ट

हरि सब्जियों की कीमतों में उछाल होने से सबसे जयादा आम लोगों के जेब पर प्रभाव पड़ता है. लोगों को कम सब्जी खरीदने पर ज्यादा पैसे चुकाने पड़ते हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो जाती है. वहीं, सब्जी खरीदारों का कहना है कि बाजार में 50 रुपये से नीचे कोई सब्जी नहीं है.

बारिश के कारण फसल बर्बाद

वहीं, सब्जी विक्रेता का कहना है कि हाल के दिनों में हुई बारिश के कारण फसल बर्बाद हो चुकी है, जिससे सब्जी बाजार में नहीं आ रही है. इस वजह से तमाम सब्जियों के दाम बढ़ गए है. दूसरी ओर बिहार में बाढ़ आने से वहां भी सब्जी भेजी जा रही है. यही कारण है कि सब्जियों की कीमत आसमान छू रही है.

बाजार में क्या है सब्जियों की कीमत

सब्जी कीमत


धनिया पत्ता

200

लहसुल 200
टमाटर 30-40
बोदी 30
खीरा 30
परवल 40
भिंडी 40
फुलगोभी 50
पत्ता गोभी 30-35
करैला 40
शिमला मिर्च 80-100
आलू 16-20
पुराना आलू 15-20
नया आलू 30
प्याज 40-50
बैगन 30-35
हरी मिर्च 80
अदरक 100
नया अदरक 60-100
बीन 60
मूली 20-30

धनिया और लहसुन की कीमत आसमान छूने के बाद हालत तो सबसे ज्यादा धुस्का विक्रेताओं को हो रहा है. धुस्का के स्वाद में चार चांद लगाने के लिए स्वादिष्ट चटनी का भी कॉन्बिनेशन बहुत जरूरी है, लेकिन इन दिनों धनिया और लहसुन की बढ़ती कीमतों ने धुस्के के स्वाद को फीका कर दिया है. दुकानदार का कहना है कि कीमत कम हो या ज्यादा धुस्का के साथ चटनी देना जरूरी है.

रांची: प्रदेश में सब्जी की बढ़ती कीमतों ने लोगों का जायका बिगाड़ दिया है. हाल के दिनों में हुई बारिश के कारण किसानों के खेतों में लगी सब्जियां बर्बाद हो गईं हैं, जिससे सब्जी की कीमत आसमान छू रही हैं.

देखें वीडियो

आलू अब 18 से 20 रुपये

हरी सब्जियों के भाव दोगुना से अधिक बढ़ गएं हैं. 10 रुपये किग्रा बिकने वाला आलू अब 18 से 20 रुपये बिक रहा है. अगर धनिया पत्ता और लहसुन की बात की जाए तो इनके दाम भी आसमान छू रहे हैं. झारखंड की पारंपरिक व्यंजन धुस्का है, जिसमें धनिया, लहसुन और मिर्च की चटनी से इसके स्वाद में चार चांद लगा देते हैं. इन दिनों धनिया पत्ता और लहसुन के आसमान छूते दामों के कारण धुस्का का स्वाद भी फीका पड़ गया है.

ये भी पढ़ें-शर्मनाक: डायरिया के मरीजों को अस्पताल से किया बाहर, गंदगी और जल-जमाव वाली जगह किया गया शिफ्ट

हरि सब्जियों की कीमतों में उछाल होने से सबसे जयादा आम लोगों के जेब पर प्रभाव पड़ता है. लोगों को कम सब्जी खरीदने पर ज्यादा पैसे चुकाने पड़ते हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो जाती है. वहीं, सब्जी खरीदारों का कहना है कि बाजार में 50 रुपये से नीचे कोई सब्जी नहीं है.

बारिश के कारण फसल बर्बाद

वहीं, सब्जी विक्रेता का कहना है कि हाल के दिनों में हुई बारिश के कारण फसल बर्बाद हो चुकी है, जिससे सब्जी बाजार में नहीं आ रही है. इस वजह से तमाम सब्जियों के दाम बढ़ गए है. दूसरी ओर बिहार में बाढ़ आने से वहां भी सब्जी भेजी जा रही है. यही कारण है कि सब्जियों की कीमत आसमान छू रही है.

बाजार में क्या है सब्जियों की कीमत

सब्जी कीमत


धनिया पत्ता

200

लहसुल 200
टमाटर 30-40
बोदी 30
खीरा 30
परवल 40
भिंडी 40
फुलगोभी 50
पत्ता गोभी 30-35
करैला 40
शिमला मिर्च 80-100
आलू 16-20
पुराना आलू 15-20
नया आलू 30
प्याज 40-50
बैगन 30-35
हरी मिर्च 80
अदरक 100
नया अदरक 60-100
बीन 60
मूली 20-30

धनिया और लहसुन की कीमत आसमान छूने के बाद हालत तो सबसे ज्यादा धुस्का विक्रेताओं को हो रहा है. धुस्का के स्वाद में चार चांद लगाने के लिए स्वादिष्ट चटनी का भी कॉन्बिनेशन बहुत जरूरी है, लेकिन इन दिनों धनिया और लहसुन की बढ़ती कीमतों ने धुस्के के स्वाद को फीका कर दिया है. दुकानदार का कहना है कि कीमत कम हो या ज्यादा धुस्का के साथ चटनी देना जरूरी है.

Intro:रांची
बाइट-- सब्जी विक्रेता
बाइट-- सब्जी खरीदार
बाइट-- धुस्का का दुकानदार

क्लोजिंग पीटीसी विजय कुमार गोप


कभी प्याज का आसमान छूता हुआ कीमत तो कभी धनिया और लहसुन की कीमतों ने आम लोगों के सब्जी का जायका बिगाड़ कर रख दिया है। हाल के दिनों में अभी बारिश के कारण किसानों के खेतों में लगे सब्जियां बर्बाद हो गई है जिसके कारण सब्जी का रेट आसमान छू रहा है हरी सब्जी का बाजार भाव दोगुना अधिक बढ़ गया है ₹10 केजी बिकने वाला आलू अब 18 से ₹20 बिक रहे हैं तो वही बात करें हरा धनिया पत्ता और लहसुन की तो इनके दाम भाव मार रहे हैं। झारखंड की पारंपरिक व्यंजन धुस्का है जिसमें धनिया लहसुन मिर्चा के चटनी के इनके स्वाद में चार चांद लगा देता है लेकिन इन दिनों दूसरा का स्वाद पूरा फिका हो गया है क्योंकि आसमान छूते हरे धनिया और लहसुन का भरपूर प्यार जो नहीं मिल रहा है।


हरी सब्जियों के कीमत में उछाल होने से सबसे ज्यादा आम लोगों के जेब में प्रभाव पड़ता है क्योंकि सब्जी के उछाल होने से लोगों की जरूरत है तो वहीं रह जाती है लेकिन कम सब्जी में ज्यादा पैसे चुकाने पड़ जाते हैं जिसके कारण सब्जी के जायका के साथ-साथ उनके जेब का भी जायका बिगड़ जाता है। सब्जी खरीदार बताते हैं कि कोई भी सब्जी ₹50 से नीचे नहीं दिख रहा है हरे धनिया पत्ता की बात करें लहसुन की बात करें अदरक की बात करें या फिर टमाटर की बात करें जितने भी हरी सब्जी हैं सभी सिर्फ आसमान से बात कर रहे हैं इन दोनों घर का पूरा जायका बिगड़ के रह गया है।






Body:दूसरी तरफ सब्जी विक्रेता ने बताया कि हाल के दिनों में हुई बारिश के कारण एक फसल पूरा बर्बाद हो गया जिसके कारण सब्जी मिल नहीं रहा है और सब्जी बाजार में नहीं आने के कारण तमाम सब्जियों के रेट बढ़ गई है तो दूसरी तरफ झारखंड के सटे बिहार में भी बाढ़ आ गया है जिसके कारण कमोबेश की सब्जी पड़ोसी राज्य बिहार में भेजी जा रही है यही कारण है कि तमाम सब्जियों का रेट आसमान छू रहा है और यह हालत अभी कुछ दिन यही रहेगी साथ ही उन्होंने बताया कि सब्जी के रेट बढ़ने से हम विक्रेताओं को नुकसान होता है क्योंकि लोग जब कीमत कम रहती है तब 1 से 2 केजी जरूरत की चीज लेकर जाते हैं लेकिन जब वही कीमत में उछाल होती है तो 1-2 केजी लेने वाले ग्राहक एक पाव और आधा केजी ही लेकर जाते हैं। सब्जी बेचने में भी ग्राहक से किच-किच करना पड़ता है।


क्या है किस सब्जी की कीमत प्रति/केजी


धनिया पत्ता 200
लहसुन 200
टमाटर 30-40
बोदी-30
खीरा 30
परवल 40
भिंडी 40
टमाटर 30-40
फूलगोभी 50
पत्ता गोभी 30-35
करेला 40
शिमला मिर्च 80-100
लाला आलू 16-20
पुराना आलू 15-20
नया आलू 30
प्याज 40
बैंगन 30-35
हरा मिर्च 70-80
अदरक 100
नया अदरक 60-100
बीन 60
मूली 20-30

धनिया और लहसुन की कीमत आसमान छूने के बाद हालत तो सबसे ज्यादा धुस्का विक्रेताओं को मुबारक हो रहा है क्योंकि धुस्का के स्वाद में चार चांद लगाने के लिए इन लोगों के द्वारा स्वादिष्ट चटनी का भी धुस्का के साथ कॉन्बिनेशन पेश किया जाता है लेकिन इन दिनों धनिया लहसुन की कीमत इनके धुस्के के स्वाद को फीका कर दिया है। दुकानदार का कहना है कि कीमत कम हो या फिर ज्यादा धुस्का के साथ चटनी देना जरूरी है क्योंकि दुष्का में चटनी के बगैर धुस्का का स्वाद फीका रह जाता है हां पहले 2KG धनिया कटनी बनाया जाता था उस में कटौती कर अब एक से डेढ़ किलो धनिया का चटनी बनाया जा रहा है क्योंकि अगर दूसरा के साथ धनिया का चटनी नहीं दिया जाएगा तो ग्राहक को दुष्का का स्वाद अच्छा नहीं लगेगा



Conclusion:
Last Updated : Oct 12, 2019, 11:09 PM IST
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