ETV Bharat / state

रिनपास में बंद हुई बिहार के मरीजों की भर्ती, बिहार सरकार पर संस्थान का 76 करोड़ है बकाया - bihar patient in rinpas

राष्ट्रीय स्तरीय मनोचिकित्सा संस्थान रांची इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरो सेक्रेटरी एंड एलायड साइंसेज (रिनपास) में बिहार के मानसिक रोगियों की भर्ती बंद कर दी गई है. बिहार सरकार पर रिनपास का बकाया राशि 76 करोड़ हो गया है, जिसके आलोक में संस्थान ने यह फैसला लिया है.

रिनपास
author img

By

Published : Sep 18, 2019, 9:12 PM IST

Updated : Sep 18, 2019, 9:28 PM IST

रांची: राजधानी के कांके में संचालित राष्ट्रीय स्तरीय मनोचिकित्सा संस्थान रांची इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरो सेक्रेटरी एंड एलायड साइंसेज (रिनपास) में बिहार के मानसिक रोगियों की भर्ती 30 अगस्त से बंद कर दी गई है. इसके पीछे की वजह है बिहार सरकार पर रिनपास की बकाया राशि. हालांकि रिनपास में केवल मरीजों की भर्ती ही बंद की गई है, उन्हें दवा अभी भी मिल रही है.

देखें पूरी खबर

क्या कहते हैं रिनपास के निदेशक
बिहार के मरीजों की रिनपास में भर्ती बंद होने के मुद्दे पर निदेशक सुभाष सोरेन का कहना है कि रिनपास का बिहार सरकार पर तकरीबन 76 करोड़ रुपए का बकाया है. वे कहते हैं कि यहां पर इलाज के लिए आने वाले मानसिक रोगियों में बिहार के रोगियों की संख्या तकरीबन 50 प्रतिशत रहती है. वहीं एक रोगी को भर्ती करने के बाद प्रतिदिन के हिसाब से उससे 900 रुपए खर्चे के रूप में उससे वहन किए जाते हैं. ऐसे में धीरे-धीरे बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग पर रिनपास का बकाया राशि 76 करोड़ हो गया है.

यह भी पढ़ें- अमित शाह ने फूंका झारखंड विधानसभा चुनाव का बिगुल, कहा- 370 हटाने वाले के साथ रहना है या लगाने वाले के साथ


बिहार सरकार को लिखी गई चिट्ठी
रिनपास और झारखंड सरकार ने संस्थान के बकाया राशि को लेकर बिहार के स्वास्थ्य विभाग को पत्र भी भेजा. इसके जवाब में बिहार के स्वास्थ्य सचिव के अपर सचिव डॉ राजीव कुमार ने कहा कि क्योंकि बिहार के आरा स्थित कोईलवर में 180 बेड का मानसिक आरोग्यशाला कार्यरत है. लिहाजा रिनपास प्रबंधक अब बिहार के वैसे मरीजों को अपने यहां एडमिट ना करे, जिसके चिकित्सा खर्चे का भुगतान बिहार सरकार को करना पड़े. रिनपास को भेजे गए पत्र में यह भी कहा गया है कि पूर्वानुमति लेने वाले मरीजों का ही इलाज किया जाए.

क्यों बंद की गई रिनपास में बिहार के मरीजों की भर्ती
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए रिनपास के निदेशक सुभाष सोरेन ने कहा कि बिहार के स्वास्थ्य विभाग से आए जवाबी पत्र के आलोक में बिहार के मरीजों की भर्ती पर 30 अगस्त से रोक लगाई गई है. हालांकि उन्होंने कहा कि अभी भी ओपीडी में तमाम दूसरे राज्य के मरीजों को देखा जा रहा है. वहीं मरीजों को दवाई भी उपलब्ध कराई जा रही है.

रांची: राजधानी के कांके में संचालित राष्ट्रीय स्तरीय मनोचिकित्सा संस्थान रांची इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूरो सेक्रेटरी एंड एलायड साइंसेज (रिनपास) में बिहार के मानसिक रोगियों की भर्ती 30 अगस्त से बंद कर दी गई है. इसके पीछे की वजह है बिहार सरकार पर रिनपास की बकाया राशि. हालांकि रिनपास में केवल मरीजों की भर्ती ही बंद की गई है, उन्हें दवा अभी भी मिल रही है.

देखें पूरी खबर

क्या कहते हैं रिनपास के निदेशक
बिहार के मरीजों की रिनपास में भर्ती बंद होने के मुद्दे पर निदेशक सुभाष सोरेन का कहना है कि रिनपास का बिहार सरकार पर तकरीबन 76 करोड़ रुपए का बकाया है. वे कहते हैं कि यहां पर इलाज के लिए आने वाले मानसिक रोगियों में बिहार के रोगियों की संख्या तकरीबन 50 प्रतिशत रहती है. वहीं एक रोगी को भर्ती करने के बाद प्रतिदिन के हिसाब से उससे 900 रुपए खर्चे के रूप में उससे वहन किए जाते हैं. ऐसे में धीरे-धीरे बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग पर रिनपास का बकाया राशि 76 करोड़ हो गया है.

यह भी पढ़ें- अमित शाह ने फूंका झारखंड विधानसभा चुनाव का बिगुल, कहा- 370 हटाने वाले के साथ रहना है या लगाने वाले के साथ


बिहार सरकार को लिखी गई चिट्ठी
रिनपास और झारखंड सरकार ने संस्थान के बकाया राशि को लेकर बिहार के स्वास्थ्य विभाग को पत्र भी भेजा. इसके जवाब में बिहार के स्वास्थ्य सचिव के अपर सचिव डॉ राजीव कुमार ने कहा कि क्योंकि बिहार के आरा स्थित कोईलवर में 180 बेड का मानसिक आरोग्यशाला कार्यरत है. लिहाजा रिनपास प्रबंधक अब बिहार के वैसे मरीजों को अपने यहां एडमिट ना करे, जिसके चिकित्सा खर्चे का भुगतान बिहार सरकार को करना पड़े. रिनपास को भेजे गए पत्र में यह भी कहा गया है कि पूर्वानुमति लेने वाले मरीजों का ही इलाज किया जाए.

क्यों बंद की गई रिनपास में बिहार के मरीजों की भर्ती
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए रिनपास के निदेशक सुभाष सोरेन ने कहा कि बिहार के स्वास्थ्य विभाग से आए जवाबी पत्र के आलोक में बिहार के मरीजों की भर्ती पर 30 अगस्त से रोक लगाई गई है. हालांकि उन्होंने कहा कि अभी भी ओपीडी में तमाम दूसरे राज्य के मरीजों को देखा जा रहा है. वहीं मरीजों को दवाई भी उपलब्ध कराई जा रही है.

Intro:रांची
बाइट--- सुभाष सोरेन रिनपास निदेशक

झारखंड की राजधानी रांची के कांके में संचालित मनोचिकित्सा संस्थान यानी रिनपास में बिहार के मानसिक रोगियों की भर्ती बंद हो गई है ट्रेन पास में 30 अगस्त से बिहार के मानसिक रोगियों की भर्ती नहीं हो रही है इसके पीछे की बड़ी वजह बिहार के नीतीश सरकार पर रिनपास के बकाया राशि. रिनपास निदेशक सुभाष सोरेन ने बताया कि रिनपास में इलाज के लिए आने वाले मानसिक रोगियों में बिहार के रोगियों की संख्या तकरीबन 50 प्रतिशत रहती है। एक रोगी के भर्ती करने के बाद प्रतिदिन ₹900 खर्च होती है अब तक बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग पर रिनपास का बकाया राशि 76 करोड़ हो गया है इस बाबत बिहार के स्वास्थ्य विभाग को पत्र भी भेजा गया जवाब में रिनपास को भेजे गए पत्र में बिहार के स्वास्थ्य सचिव के अपर सचिव डॉ राजीव कुमार ने कहा कि चुकी बिहार के आरा स्थित कोईलवर में 180 बेड का मानसिक आरोग्यशाला कार्यरत है।


Body:लिहाजा रिनपास प्रबंधक ने अब बिहार के वैसे मरीजों को अपने यहां एडमिट ना करें जिसकी चिकित्सा प्रतिपूर्ति का भुगतान बिहार सरकार को करनी पड़े। रिनपास को भेजे गए पत्र में यह भी कहा गया है कि पूर्णानुमति लेने वाले मरीजों का इलाज किया जाए। ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए रिनपास के निदेशक सुभाष सोरेन ने कहा कि बिहार के स्वास्थ्य विभाग से आए जवाबी पत्र के आलोक में अब रिनपास में बिहार के मरीजों की भर्ती पर 30 अगस्त से रोक लगा दी गई है हालांकि उन्होंने कहा कि अभी भी ओपीडी में तमाम दूसरे राज्यों के मरीजों को देखा जा रहा है चुकी ओपीडी में भी मरीजों को तकरीबन डेढ़ सौ की दवा दी जाती है लिहाजा इस बाबत बिहार के स्वास्थ्य सचिव को पत्र लिखकर यह पूछा गया कि क्या बिहार के ओपीडी मरीजों को मुफ्त दवा मुहैया कराए जाए या फिर नहीं


Conclusion:आपको बता दें कि काके में मानसिक रोगियों के लिए स्थापित रिनपास का पूरा नाम इंस्टिट्यूट ऑफ न्यूरो सेक्रेटरी एंड एलायड साइंसेज़ है। जिसकी राष्ट्रीय स्तर पर पहचान है इसका संचालन झारखंड का स्वास्थ्य विभाग करता है संस्था के बगल में केंद्र सरकार द्वारा स्थापित सीआईडी का भी संचालन होता है
Last Updated : Sep 18, 2019, 9:28 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.