रांची: रिम्स में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि योजना के तहत लोगों को सस्ते दाम पर गुणवत्तापूर्ण दवाई उपलब्ध कराने को लेकर चलाए जा रहे जन औषधि केंद्र में दवाओं की भारी कमी का मामला सामने आया था. जिस पर झारखंड हाई कोर्ट के ओर से रिम्स प्रशासन से जवाब मांगा गया था. इसी आलोक में रिम्स की ओर से हाई कोर्ट में जवाब पेश किया गया है. जवाब पर विस्तृत सुनवाई 1 जुलाई को होगी.
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रिम्स ने इन सवालों के दिए जवाब
रिम्स की लचर व्यवस्था को दुरुस्त करने को लेकर झारखंड हाई कोर्ट की ओर से लिए गए स्वत: संज्ञान याचिका पर मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत में सुनवाई के दौरान जानकारी दी गई. बताया गया कि प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र जो लोगों को सस्ते दर पर दवा उपलब्ध कराता है. उसमें दवा की भारी कमी है. वह अधिकांश बंद ही रहता है. जिस पर अदालत ने रिम्स से विस्तृत जवाब पेश करने को कहा था. हाई कोर्ट ने रिम्स को ये बताने को कहा था कि इस परिसर में कितने जन औषधि केंद्र चल रहे हैं. उसकी वर्तमान स्थिति क्या है. दवाई की हमेशा कमी क्यों रहती है. क्यों अधिकांश समय बंद रहते हैं. झारखंड हाई कोर्ट के उस आदेश के आलोक में रिम्स की ओर से रिपोर्ट पेश किया गया.
सुनवाई का इंतजार
बता दें कि वर्ष 2015 से प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि योजना के तहत देश के विभिन्न राज्यों में लोगों को सस्ते दर पर गुणवत्तापूर्ण दवा उपलब्ध कराने के लिए जन औषधि केंद्र खोला गया है. उसी योजना के तहत झारखंड की राजधानी रांची के रिम्स में भी जन औषधि केंद्र खोला गया है. लेकिन उस जन औषधि केंद्र में लोगों को दवा नहीं मिलती है. क्योंकि वहां पर दवा की भारी किल्लत रहती है. अधिकांश तो वह बंद ही रहता है. इसी बिंदु पर हाई कोर्ट में सुनवाई हुई थी. जिस पर अदालत ने रिम्स से जवाब मांगा था. अब रिम्स की ओर से जवाब पेश कर दिया गया है. मामले की अगली सुनवाई में रिम्स के जवाब पर बहस होगी. देखना होगा कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद क्या कुछ बदलाव होता है.