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कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को बचाने में अहम भूमिका निभाएगा रिम्स, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस किया गया घोषित

कोरोना वायरस की तीसरी लहर आने की संभावना है, जिसका सबसे अधिक असर बच्चों पर होने की आशंका है. इसे देखते हुए झारखंड में तैयारी शुरू हो गई है. राज्य के हर जिले में 20-20 बेड का चाइल्ड ICU बनाया जा रहा है. वहीं रिम्स को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस घोषित कर दिया गया है.

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रिम्स
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Published : Jun 2, 2021, 7:35 PM IST

रांची: कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर बेहद मारक रहा है. अब विशेषज्ञ तीसरी लहर की संभावना जता रहे हैं और यह भी कह रहे हैं कि तीसरी लहर के निशाने पर बच्चे होंगे. ऐसे में कोरोना संक्रमण की मार से अपने नौनिहालों को बचाने की तैयारियां झारखंड सरकार ने शुरू कर दी है. हर जिले में 20-20 बेड का चाइल्ड ICU बनाया जा रहा है, तो हर जिले से 02 शिशु रोग विशेषज्ञ, 2 मेडिकल अफसर और 02 नर्सों को बच्चों में कोरोना होने की स्थिति में मेडिकल मैनेजमेंट की ट्रेनिंग दी जा रही है. अब राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस घोषित किया गया है.

इसे भी पढे़ं: 3 जून से झारखंड में अनलॉक 01 की शुरुआत, जानिए लोगों की क्या है प्रतिक्रिया

तीसरी लहर के लिए रिम्स का 03 विभाग सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में शामिल
कोरोना की तीसरी लहर के केंद्र में बच्चों के होने की संभावना को देखते हुए डिपार्टमेंट ऑफ पीडियाट्रिक्स, डिपार्टमेंट ऑफ नियो नेटोलॉजी और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर मैनेजमेंट ऑफ SAM चिल्ड्रन विभाग को शामिल किया गया है.


ये दायित्व निभाएगा रिम्स

1. कोविड प्रबंधन, प्रशिक्षण राज्यभर के शिशु रोग विशेषज्ञ को देगा

2. कोरोना की तीसरे लहर के दौरान बच्चों के इलाज का प्रोटोकॉल तैयार करेगा

3. सर्वोत्तम संस्थान के रूप में राज्य के अन्य सभी सरकारी और निजी शिशु अस्पताल/विभाग को विशेष सहयोग करेगा

रिम्स में अभी तैयार हो रहा है सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर मैनेजमेंट ऑफ SAM चिल्ड्रन: अधीक्षक
रिम्स के अधीक्षक डॉ विवेक कश्यप ने बताया कि रिम्स में नियो नेटोलॉजी विभाग SNCU में ही चल रहा है, जबकि सीवियर एक्यूट मॉल न्युट्रिशन बच्चों के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर मैनेजमेंट ऑफ SAM चिल्ड्रन विभाग पेइंग वार्ड भवन के ग्राउंड फ्लोर पर बनाया जा रहा है और उनके ही देखरेख में यह चलेगा.

रांची: कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर बेहद मारक रहा है. अब विशेषज्ञ तीसरी लहर की संभावना जता रहे हैं और यह भी कह रहे हैं कि तीसरी लहर के निशाने पर बच्चे होंगे. ऐसे में कोरोना संक्रमण की मार से अपने नौनिहालों को बचाने की तैयारियां झारखंड सरकार ने शुरू कर दी है. हर जिले में 20-20 बेड का चाइल्ड ICU बनाया जा रहा है, तो हर जिले से 02 शिशु रोग विशेषज्ञ, 2 मेडिकल अफसर और 02 नर्सों को बच्चों में कोरोना होने की स्थिति में मेडिकल मैनेजमेंट की ट्रेनिंग दी जा रही है. अब राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस घोषित किया गया है.

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तीसरी लहर के लिए रिम्स का 03 विभाग सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में शामिल
कोरोना की तीसरी लहर के केंद्र में बच्चों के होने की संभावना को देखते हुए डिपार्टमेंट ऑफ पीडियाट्रिक्स, डिपार्टमेंट ऑफ नियो नेटोलॉजी और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर मैनेजमेंट ऑफ SAM चिल्ड्रन विभाग को शामिल किया गया है.


ये दायित्व निभाएगा रिम्स

1. कोविड प्रबंधन, प्रशिक्षण राज्यभर के शिशु रोग विशेषज्ञ को देगा

2. कोरोना की तीसरे लहर के दौरान बच्चों के इलाज का प्रोटोकॉल तैयार करेगा

3. सर्वोत्तम संस्थान के रूप में राज्य के अन्य सभी सरकारी और निजी शिशु अस्पताल/विभाग को विशेष सहयोग करेगा

रिम्स में अभी तैयार हो रहा है सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर मैनेजमेंट ऑफ SAM चिल्ड्रन: अधीक्षक
रिम्स के अधीक्षक डॉ विवेक कश्यप ने बताया कि रिम्स में नियो नेटोलॉजी विभाग SNCU में ही चल रहा है, जबकि सीवियर एक्यूट मॉल न्युट्रिशन बच्चों के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर मैनेजमेंट ऑफ SAM चिल्ड्रन विभाग पेइंग वार्ड भवन के ग्राउंड फ्लोर पर बनाया जा रहा है और उनके ही देखरेख में यह चलेगा.

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