रांची: एक तरफ झारखंड मनरेगा कर्मचारी संघ मांगे को लेकर हड़ताल पर अड़ा हुआ है, तो दूसरी तरफ वैकल्पिक व्यवस्था कर ग्रामीण विकास विभाग मजदूरों के लिए रोजगार सृजन में इजाफे का दावा कर रहा है. ग्रामीण विकास विभाग की सचिव आराधना पटनायक ने मनरेगा के तहत मजदूर अभियान की समीक्षा की.
जरूरतमंद प्रवासी मजदूरों को मिला काम
इस दौरान यह बात सामने आई कि स्थानीय श्रमिकों और प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने में मनरेगा महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. लॉकडाउन की अवधि में अभी तक मनरेगा के विभिन्न योजनाओं में चार लाख सात हजार श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है. सभी जरूरतमंद प्रवासी मजदूरों को काम मिले. इसके लिए सखी मंडल की दीदियां जॉब कार्ड मुहैया करा रही हैं.
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मनरेगा कर्मियों के हड़ताल के प्रभाव की समीक्षा
27 जुलाई से जारी मनरेगा कर्मियों के हड़ताल के प्रभाव की भी समीक्षा की गई. दावा किया गया कि जब हड़ताल शुरू हुआ तब इस योजना से जुड़े श्रमिकों की संख्या 2 लाख 68 हजार थी, जो अब बढ़कर चार लाख से ज्यादा हो गई है. ग्रामीण विकास विभाग की सचिव आराधना पटनायक ने सभी डीसी और डीडीसी को निर्देश दिया कि 'बोले मजदूर अभियान' ठीक चल रहा है. इसे और गति देने की जरूरत है. विभागीय सचिव ने संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी कार्यों की मॉनिटरिंग होनी चाहिए ताकि कहीं से भी गड़बड़ी की शिकायत न आए.