रांचीः झारखंड में 5 साल या उससे पुराने लंबित मामलों के निष्पादन में तेजी आई है. लंबित केसों के निष्पादन को लेकर मार्गदर्शन और स्क्रीनिंग समिति बनाई गई है. इन दोनों समितियों की ओर से पुलिस मुख्यायल में पुराने लंबित केसों की समीक्षा की गई. समीक्षा के दौरान राज्य के 80 प्रतिशत लंबित केसों का निष्पादन किया गया है.
यह भी पढ़ेंः Republic Day: झारखंड पुलिस के 9 पुलिसकर्मियों को मेडल फॉर गैलंट्री, 11 को मिलेगा सराहनीय पदक
झारखंड में पांच साल या उससे पुराने लंबित केसों के निष्पादन में तेजी आयी है. राज्य भर में लंबित 80 फीसदी कांडों का निष्पादन कर दिया है. पुलिस मुख्यालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि सितंबर 2022 तक 3704 केस लंबित है. इन लंबित केसों की समीक्षा की गई, जिसमें 3000 केसों का निष्पादन कर लिया गया है. इसके बाद 704 बचे केसों और अभियोजन स्वीकृति के लिए लंबित मामलों का निष्पादन शीघ्र किया जाएगा.
डीजीपी नीरज सिन्हा के आदेश पर पांच साल या उससे अधिक समय से लंबित केस के निष्पादन के लिए मार्गदर्शन और अनुवीक्षण समिति बनाई गई है. इस समिति के अध्यक्ष एडीजी अभियान संजय आनंद लाठकर, उपाध्यक्ष आईजी सीआईडी असीम विक्रांत मिंज और सभी रेंज के डीआईजी को सदस्य बनाया गया है.
एडीजी अभियान की अध्यक्षता में लंबित कांडों के निष्पादन करने को लेकर समीक्षा बैठक आयोजित की गई. इस बैठक के दौरान सभी रेंज डीआईजी ने अपने-अपने रेंज के लंबित केसों की अपडेट स्थिति की जानकारी दी. एडीजी द्वारा सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि वे बाकी बचे 25 प्रतिशत लंबित मामलों का निष्पादन कर पुलिस मुख्यालय को प्रतिवेदन सौंपे. एडीजी अभियान ने कहा कि लंबित केसों की संख्या घटकर सात हो हो गई है. इन लंबित केसों को भी शीघ्र निष्पादन किया जाएगा, ताकि वादी को बेवजह परेशानी नहीं होना पड़े.