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झारखंड में राजस्वकर्मियों की हड़ताल: सर्टिफिकेट के 24 लाख आवेदन पेंडिंग

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Published : Oct 19, 2022, 4:32 PM IST

झारखंड में राजस्वकर्मियों की हड़ताल (Revenue workers strike in Jharkhand) से सर्टिफिकेट के 24 लाख आवेदन पेंडिंग हैं. एडमिशन और रोजगार संबंधी आवेदनों के लिए जरूरी सर्टिफिकेट के लिए हर रोज हजारों युवा अंचल कार्यालयों और सरकार के ऑनलाइन पोर्टल के जरिए आवेदन कर रहे हैं, लेकिन हड़ताल की वजह से काम नहीं हो पा रहा है.

Revenue workers strike in Jharkhand
Revenue workers strike in Jharkhand

रांची: झारखंड के अंचल कार्यालयों में तैनात 2900 राजस्व उप निरीक्षकों की 35 दिनों से जारी हड़ताल (Revenue workers strike in Jharkhand) राज्य के आम लोगों के लिए मुसीबत बन गई है. पूरे राज्य में आवासीय, आय एवं जाति प्रमाण पत्र के लगभग 24 लाख आवेदन पेंडिंग हो गए हैं. जमीनों के म्यूटेशन के भी 80 हजार से ज्यादा अर्जियां जमा हो गई हैं. सबसे ज्यादा परेशानी उन छात्रों की है, जिन्हें नौकरी और एडमिशन के सिलसिले में आवेदन करना है. सर्टिफिकेट जारी नहीं हो पाने की वजह से उनके करियर और भविष्य के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है. इस बीच राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने कहा है कि राज्य भर के लोगों को परेशानी में डालकर राजस्व उप निरीक्षकों का हड़ताल पर जाना नाजायज है. अपनी मांग मनवाने के लिए सरकार पर दबाव बनाने का यह तरीका अनुचित है.

ये भी पढ़ें- धनबाद में राजस्व कर्मचारियों का अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी, मांगों को लेकर अंचल कार्यालय के समक्ष धरना

एडमिशन और रोजगार संबंधी आवेदनों के लिए जरूरी सर्टिफिकेट के लिए हर रोज हजारों युवा अंचल कार्यालयों और सरकार के ऑनलाइन पोर्टल के जरिए आवेदन कर रहे हैं, लेकिन इनमें से बमुश्किल 10-15 प्रतिशत आवेदनों का ही निपटारा हो पा रहा है. सर्टिफिकेट जारी करने का आवेदन सत्यापित करने का जिम्मा राजस्व उप निरीक्षकों (Revenue Sub Inspectors) के पास ही होता है. आलम यह है कि मेडिकल, इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक में एडमिशन की काउंसलिंग में जिन अभ्यर्थियों को शामिल होना है, वे हर रोज अंचल कार्यालयों के चक्कर लगाकर निराश लौट रहे हैं.

राज्य में पोस्ट ग्रेजुएट टीचर के करीब 3120 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो रही है. इसमें आवेदन के साथ ही सर्टिफिकेट जमा करना जरूरी है. पर जिनके पास सर्टिफिकेट नहीं है, वह फॉर्म भरने से वंचित रह जायेंगे. इसी तरह राज्य में लैब असिस्टेंट के भी 690 पदों पर भी बहाली, औद्योगिक प्रशिक्षण पदाधिकारी के 711 पदों और मैट्रिक स्तर के करीब 500 अन्य पदों पर भी नियुक्ति के लिए आवेदन करने वाले छात्र भी सर्टिफिकेट न मिल पाने की वजह से परेशान हैं. पूरे राज्य में जमीन म्यूटेशन के 85 हजार से ज्यादा मामले पेंडिंग हो गये हैं. हर रोज इनकी संख्या बढ़ती जा रही है.

हड़ताली राजस्व उप निरीक्षकों ने मंगलवार को रांची में प्रदर्शन भी किया. उनके प्रतिनिधिमंडल के साथ राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की वार्ता भी हुई, लेकिन यह बेनतीजा खत्म हो गई. राजस्व उप निरीक्षक संघ के मुख्य संरक्षक भरत कुमार सिन्हा ने कहा कि सरकार जब तक उनकी मांग नहीं मानती, हड़ताल जारी रहेगी. इनकी मांगें ग्रेड पे में वृद्धि और प्रोन्नति से जुड़ी हैं. उनका कहना है कि सरकार समझौते और आश्वासन के बाद भी उनकी मांगें पूरी नहीं कर रही. हड़तालियों ने गुरुवार से राज्य के मंत्रियों और विधायकों के घेराव का निर्णय लिया है.

रांची: झारखंड के अंचल कार्यालयों में तैनात 2900 राजस्व उप निरीक्षकों की 35 दिनों से जारी हड़ताल (Revenue workers strike in Jharkhand) राज्य के आम लोगों के लिए मुसीबत बन गई है. पूरे राज्य में आवासीय, आय एवं जाति प्रमाण पत्र के लगभग 24 लाख आवेदन पेंडिंग हो गए हैं. जमीनों के म्यूटेशन के भी 80 हजार से ज्यादा अर्जियां जमा हो गई हैं. सबसे ज्यादा परेशानी उन छात्रों की है, जिन्हें नौकरी और एडमिशन के सिलसिले में आवेदन करना है. सर्टिफिकेट जारी नहीं हो पाने की वजह से उनके करियर और भविष्य के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है. इस बीच राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने कहा है कि राज्य भर के लोगों को परेशानी में डालकर राजस्व उप निरीक्षकों का हड़ताल पर जाना नाजायज है. अपनी मांग मनवाने के लिए सरकार पर दबाव बनाने का यह तरीका अनुचित है.

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एडमिशन और रोजगार संबंधी आवेदनों के लिए जरूरी सर्टिफिकेट के लिए हर रोज हजारों युवा अंचल कार्यालयों और सरकार के ऑनलाइन पोर्टल के जरिए आवेदन कर रहे हैं, लेकिन इनमें से बमुश्किल 10-15 प्रतिशत आवेदनों का ही निपटारा हो पा रहा है. सर्टिफिकेट जारी करने का आवेदन सत्यापित करने का जिम्मा राजस्व उप निरीक्षकों (Revenue Sub Inspectors) के पास ही होता है. आलम यह है कि मेडिकल, इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक में एडमिशन की काउंसलिंग में जिन अभ्यर्थियों को शामिल होना है, वे हर रोज अंचल कार्यालयों के चक्कर लगाकर निराश लौट रहे हैं.

राज्य में पोस्ट ग्रेजुएट टीचर के करीब 3120 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो रही है. इसमें आवेदन के साथ ही सर्टिफिकेट जमा करना जरूरी है. पर जिनके पास सर्टिफिकेट नहीं है, वह फॉर्म भरने से वंचित रह जायेंगे. इसी तरह राज्य में लैब असिस्टेंट के भी 690 पदों पर भी बहाली, औद्योगिक प्रशिक्षण पदाधिकारी के 711 पदों और मैट्रिक स्तर के करीब 500 अन्य पदों पर भी नियुक्ति के लिए आवेदन करने वाले छात्र भी सर्टिफिकेट न मिल पाने की वजह से परेशान हैं. पूरे राज्य में जमीन म्यूटेशन के 85 हजार से ज्यादा मामले पेंडिंग हो गये हैं. हर रोज इनकी संख्या बढ़ती जा रही है.

हड़ताली राजस्व उप निरीक्षकों ने मंगलवार को रांची में प्रदर्शन भी किया. उनके प्रतिनिधिमंडल के साथ राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की वार्ता भी हुई, लेकिन यह बेनतीजा खत्म हो गई. राजस्व उप निरीक्षक संघ के मुख्य संरक्षक भरत कुमार सिन्हा ने कहा कि सरकार जब तक उनकी मांग नहीं मानती, हड़ताल जारी रहेगी. इनकी मांगें ग्रेड पे में वृद्धि और प्रोन्नति से जुड़ी हैं. उनका कहना है कि सरकार समझौते और आश्वासन के बाद भी उनकी मांगें पूरी नहीं कर रही. हड़तालियों ने गुरुवार से राज्य के मंत्रियों और विधायकों के घेराव का निर्णय लिया है.

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