रांची: 11 सूत्री मांगों को लेकर चल रही राजस्व उपनिरीक्षकों के एक गुट की हड़ताल सोमवार को भी जारी रही (Revenue Sub Inspector Strike Ranchi). पिछले 16 सितंबर से हड़ताल पर चल रहे राजस्व उपनिरीक्षकों के एक गुट ने बैठक कर इसे आगे भी जारी रखने का निर्णय लिया है. इससे पहले सोमवार को राजस्व उपनिरीक्षकों की बैठक हुई. इसमें राजस्व उपनिरीक्षकों ने संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमर किशोर सिन्हा पर मनमाने करने और असंवैधानिक तरीके से विभागीय सचिव के समक्ष समझौता करने का आरोप लगाया. इस गुट ने उनके समझौते को भी अमान्य कर दिया और उनकी जगह अपना नया अध्यक्ष भी बना लिया.
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सदर अंचल प्रांगण में हुई राजस्व उप निरीक्षकों की इस बैठक में सर्वसम्मति से संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमर किशोर सिन्हा को जहां बर्खास्त करने का निर्णय लिया गया, वहीं मांगों के समर्थन में हड़ताल को जारी रखने का निर्णय लिया. राजस्व उप निरीक्षकों ने संघ के अध्यक्ष सिन्हा को हटाते हुए महाबीर प्रसाद को अध्यक्ष बनाने का निर्णय लिया. वहीं सोमवार को मनमाने तरीके से हुए समझौते को अमान्य ठहराते हुए ग्रेड पे 2400 सहित अन्य मांगों के समर्थन में हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया.
एक गुट हड़ताल करने के पक्ष मेंः इस गुट ने सभी राजस्व उप निरीक्षकों को एकता बनाए रखने के लिए शपथ भी दिलाई. करीब चार घंटे तक चली इस बैठक में राजस्व उपनिरीक्षकों के बीच नोकझोंक भी हुई और कुछ लोग हड़ताल वापस लेने पर सहमति जता रहे थे. आखिरकार 24 में से 17 जिलों के राजस्व उप निरीक्षकों ने एकमत से हड़ताल जारी रखने की घोषणा करते हुए वार्ता के लिए नये कार्यकारी अध्यक्ष महावीर प्रसाद को अधिकृत किया.
राजस्व उप निरीक्षकों की ये है मांगः अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल पर गए झारखंड राजस्व उप निरीक्षक संघ ने सरकार के समक्ष 11 सूत्री मांग रखा है जिसे पूरा करने के पश्चात हड़ताल खत्म करने की बात कही है. राजस्व उप निरीक्षकों की मांगों में बेसिक ग्रेड पे में वृद्धि, अंचल निरीक्षक सह कानूनगो को शत प्रतिशत प्रोन्नति से भरने, परीक्षा में शामिल होने के लिए न्यूनतम सेवा अवधि 5 वर्ष करने, राजस्व प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने, राजस्व उप निरीक्षकों को लैपटॉप व अन्य नेट सुविधा प्रदान करने, क्षेत्र भ्रमण के लिए दो पहिया वाहन उपलब्ध कराने, हल्का इकाई का पुनर्गठन करने एवं राजस्व उप निरीक्षकों के रिक्त पदों को अविलंब भरने की मांग की है.
इधर राजस्व उपनिरीक्षक के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने के कारण राज्य के सभी जिलों में राजस्व से संबंधित कार्य ठप है. जाति ,आवासीय ,दाखिल खारिज, भूमि सीमांकन, ऑनलाइन सुधार जैसे विभिन्न कार्य प्रभावित हो रहे हैं जिसे देखते हुए हड़तालीकर्मियों से कई बार वार्ता भी हुई है मगर वह अभी तक विफल साबित हुई है.