रांची: नियोजन नीति को लेकर छात्रों का गुस्सा शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. विधानसभा घेराव के दौरान गुरुवार को हुए लाठीचार्ज के बाद छात्रों का आंदोलन शांत होने के बजाय और तेज होनेवाला है. छात्र संगठनों ने विधानसभा घेराव के दौरान हुए लाठीचार्ज की निंदा करते हुए 60/40 नियोजन नीति वापस होने तक आंदोलन जारी रखने का एलान किया है.
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छात्र नेता एस अली ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि छात्रों पर बर्बरतापूर्ण ढंग से की गई लाठीचार्ज ने सरकार के रुख को स्पष्ट कर दिया है. छात्रों का यह आंदोलन अचानक नहीं था बल्कि इसकी घोषणा पहले से की गई थी. राज्यभर से छात्रों का जुटान राजधानी में होगा यह प्रशासन को भी पता था. छात्र शांतिपूर्ण मार्च कर रहे थे मगर इस दौरान उन्हें पीटा गया जिसमें कई छात्र घायल हो गए.
उन्होंने कहा कि प्रशासन की इस बर्बरतापूर्ण रवैया से छात्र डरनेवाले नहीं है बल्कि इसका विरोध और भी तेज होगा. उन्होंने कहा कि सरकार ने नियोजन नीति को लेकर जो फैसले लिए हैं उससे बिहार, यूपी, बंगाल सहित विभिन्न राज्यों के लोगों के लिए नौकरी के द्वार खोल दिए गए हैं, जो कहीं ना कहीं यहां के स्थानीय छात्रों को अवसर से वंचित करने जैसा है जो किसी भी हालत में यहां के लोग स्वीकार नहीं करेंगे.
60/40 नियोजन नीति पर नियुक्ति प्रक्रिया हुई प्रारंभ: झारखंड में एक तरफ 60/40 नियोजन नीति का विरोध हो रहा है. वहीं, दूसरी ओर सरकार के फैसले के अनुरूप नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. कार्मिक विभाग की हड़ी झंडी मिलने के बाद झारखंड कर्मचारी चयन आयोग पिछले तीन दिनों के अंदर दो विज्ञापन प्रकाशित कर चुकी है जो कहीं ना कहीं छात्रों के आंदोलन में आग में घी डालने का काम किया है. जेएसएससी द्वारा निकाली गई टीजीटी और पीजीटी के 3120 पदों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया 5 अप्रैल से शुरू होगी और 4 मई 2023 को समाप्त होगी. इसी तरह से दूसरी विज्ञापन झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा 690 प्रयोगशाला सहायकों के लिए निकाली गई है. आयोग ने इसमें इच्छुक अभ्यर्थी से 5 अप्रैल से लेकर 4 मई तक आवेदन जमा करने को कहा है.
जानकारी के मुताबिक पिछले दिनों हाई कोर्ट से नियोजन नीति रद्द होने के कारण पूर्व में प्रकाशित रद्द विज्ञापनों को एक बार फिर झारखंड कर्मचारी चयन आयोग नए सिरे से प्रकाशित कर आवेदन आमंत्रित करेगा जो अप्रैल के प्रथम सप्ताह तक आने की संभावना है. इस तरह से राज्य में आने वाले समय में करीब 40,000 नियुक्तियां झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से किए जाने की तैयारी है. ऐसे में छात्रों का आंदोलन आगे क्या रूप लेता है वह तो वक्त ही बताएगा. मगर इतना तो साफ है कि सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि 2024 को देखते हुए नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाया जाय.