रांचीः ह्यूमन ट्रैफिकिंग कर राजधानी के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से जम्मू ले जा रहे19 नाबालिग बच्चों को एयरपोर्ट प्रशासन की सूझबूझ से बचाया गया. दरअसल गुरुवार को एयरपोर्ट पर 19 बच्चों को काम दिलाने के नाम पर दिल्ली होते हुए जम्मू ले जाया जा रहा था लेकिन जैसे ही सभी बच्चे एयरपोर्ट पहुंचे वहां पर सीआईएसएफ की टीम को जांच के दौरान यह शक हुआ कि सभी बच्चे नाबालिग हैं और उन्हें बहला-फुसलाकर बाहर ले जाया जा रहा है.
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जानकारी के मुताबिक गो एयर की फ्लाइट नंबर G8- 146 विमान से 19 बच्चों को मानव तस्करों के द्वारा दिल्ली ले जाया जा रहा था लेकिन डिपार्चर गेट पर सीआईएसफ के सब इंस्पेक्टर पन्नालाल ठाकुर ने सूझबूझ दिखाते हुए सभी बच्चों और बच्चों को बहला-फुसलाकर ले जा रहे शख्स को रोककर जांच करने के लिए अपने सीनियर इंस्पेक्टर अभिजीत परुई को बुलाया. जांच के बाद यह पाया गया कि सभी बच्चे नाबालिग हैं और उन्हें काम दिलाने के बहाने जम्मू ले जाया जा रहा है.
सीआईएसफ के डिप्टी कमांडेंट ने जानकारी देते हुए बताया कि इंस्पेक्टर पीएल ठाकुर को डिपार्चर गेट पर जैसे ही शक हुआ उन्होंने सभी बच्चों की प्रोफाइलिंग और आईडी चेक की जिससे शक बढ़ता गया और फिर यह पता चला कि सभी बच्चों को बहला-फुसलाकर बाहर ले जाया जा रहा था और उसमें ज्यादातर बच्चे नाबालिग थे.
एक दलाल गिरफ्तार
वहीं पूरे मामले में राजू गंझु नाम के एक दलाल को गिरफ्तार किया गया है जिससे पूछताछ जारी है. वहीं रेस्क्यू में पकड़े गए सभी बच्चों को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी(CWC) को सौंप दिया गया है. साथ में ह्यूमन ट्रैफिकिंग की टीम भी पूरे मामले की जांच में जुट गई है.
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झारखंड में मानव तस्करी का पुराना इतिहास रहा है. राज्य के कई जिलों में मानव तस्करी की खबरें आए दिन आती रहती हैं. हालांकि पुलिस ने कई मानव तस्करी से जुड़े कई मामलों का पर्दाफाश किया है और कई बड़े तस्करों को गिरफ्तार किया है. राज्य में मानव तस्करों की जड़ें काफी गहरी हैं. इनके तार कई राज्यों से जुड़े हैं. निश्चित रूप से यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि इस घृणित कार्य में संगठित गिरोह कार्य कर रहा है जिनके तार कई राज्यों से जुड़े हैं.