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महेंद्र सिंह धोनी जिस मंदिर में करते हैं पूजा, धार्मिक न्यास बोर्ड में नहीं है निबंधित, राज्य के 544 देवस्थलों को भेजा गया नोटिस

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Published : Jul 2, 2023, 12:17 PM IST

Updated : Jul 2, 2023, 12:34 PM IST

झारखंड में ऐसे कई मंदिर हैं, जो धार्मिक न्यास बोर्ड में निबंधित नहीं हैं. इसमें राज्य के प्रसिद्ध मंदिर शामिल हैं. बोर्ड ने सभी मंदिरों को नोटिस भेजकर जल्द निबंधन करा लेने को कहा है.

Religious Trust Board
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रांची: झारखंड में हिंदू धार्मिक न्यास बोर्ड के गठन के बाद एक बड़ा फैसला न्यास बोर्ड की ओर से लिया गया है. राज्य के वैसे 544 मंदिर जिनकी सूची झारखंड राज्य हिन्दू धार्मिक न्यास बोर्ड के पास है और वह धार्मिक न्यास बोर्ड से निबंधित नहीं है, उन सभी को जल्द से जल्द निबंधन करा लेने का नोटिस भेजा गया है.

ये भी पढ़ेंः झारखंड राज्य हिन्दू धार्मिक न्यास बोर्ड नाराज, डीसी से पूछा- पहाड़ी मंदिर की दानपेटी खोलने की क्यों नहीं दी जानकारी

धार्मिक न्यास बोर्ड के अनुसार राज्य में 667 मंदिरों की सूची न्यास बोर्ड के पास है. इसमें से सिर्फ 123 मंदिरों का ही निबंधन धार्मिक न्यास बोर्ड से हुआ है. बाकी 544 मंदिर प्रबंधन ने अपने अपने मंदिरों का निबंधन न्यास बोर्ड से नहीं कराया है. इसमें रांची के विख्यात पहाड़ी मंदिर, देवड़ी मंदिर, मेन रोड स्थित हनुमान मंदिर, साई मंदिर पुंदाग, साई मंदिर लापुंग, भद्रकाली मंदिर चतरा शामिल हैं.

हर जिले में धार्मिक न्यास वॉलेंटियर किए जायेंगे नियुक्तः ईटीवी भारत से खास मुलाकात में झारखंड राज्य हिंदू धार्मिक न्यास बोर्ड के सदस्य राकेश सिन्हा ने कहा कि धार्मिक न्यास बोर्ड ने यह फैसला लिया है कि सभी मंदिरों का निबंधन आवश्यक रूप से कराया जाए. इसके लिए जिला स्तर पर न्यास बोर्ड निबंधन की प्रक्रिया को गति देने के लिए वॉलेंटियर की नियुक्ति करेगी.

मंदिरों में बढ़ेंगी सुविधाएंः ईटीवी भारत से खास बातचीत में राकेश सिन्हा ने कहा कि जो भी निबंधित मंदिर हैं उनकी आय की 04% राशि धार्मिक न्यास बोर्ड को मिलती है. इसी राशि से न्यास बोर्ड उन मंदिरों में सुविधा उपलब्ध कराती है, जहां श्रद्धालुओं के लिए कोई सुविधा या तो उपलब्ध नहीं है या सुविधाओं की कमी है.
उन्होंने कहा कि न्यास बोर्ड में ज्यादातर मंदिरों का निबंधन नहीं होने की वजह यह भी हो सकता है कि लंबे दिनों तक न्यास बोर्ड में अध्यक्ष और सदस्यों का पद खाली था. उस दौरान न्यास बोर्ड के दफ्तर से निबंधन के लिए मंदिर प्रबंधन को भेजे गए पत्र पर ध्यान नहीं दिया गया.

दिउड़ी मंदिर भी धार्मिक न्यास बोर्ड से निबंधित नहींः रांची के राजकुमार और टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी जब भी रांची में होते हैं, वह दिउड़ी मंदिर में जाकर मां भगवती की आराधना जरूर करते हैं. सभी मनोकामना पूरा करने वाली दिउड़ी मां का मंदिर भी हिंदू धार्मिक न्यास बोर्ड से निबंधित नहीं है और मंदिर प्रबंधन समिति की देखरेख में व्यवस्था चलती है.

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रांची: झारखंड में हिंदू धार्मिक न्यास बोर्ड के गठन के बाद एक बड़ा फैसला न्यास बोर्ड की ओर से लिया गया है. राज्य के वैसे 544 मंदिर जिनकी सूची झारखंड राज्य हिन्दू धार्मिक न्यास बोर्ड के पास है और वह धार्मिक न्यास बोर्ड से निबंधित नहीं है, उन सभी को जल्द से जल्द निबंधन करा लेने का नोटिस भेजा गया है.

ये भी पढ़ेंः झारखंड राज्य हिन्दू धार्मिक न्यास बोर्ड नाराज, डीसी से पूछा- पहाड़ी मंदिर की दानपेटी खोलने की क्यों नहीं दी जानकारी

धार्मिक न्यास बोर्ड के अनुसार राज्य में 667 मंदिरों की सूची न्यास बोर्ड के पास है. इसमें से सिर्फ 123 मंदिरों का ही निबंधन धार्मिक न्यास बोर्ड से हुआ है. बाकी 544 मंदिर प्रबंधन ने अपने अपने मंदिरों का निबंधन न्यास बोर्ड से नहीं कराया है. इसमें रांची के विख्यात पहाड़ी मंदिर, देवड़ी मंदिर, मेन रोड स्थित हनुमान मंदिर, साई मंदिर पुंदाग, साई मंदिर लापुंग, भद्रकाली मंदिर चतरा शामिल हैं.

हर जिले में धार्मिक न्यास वॉलेंटियर किए जायेंगे नियुक्तः ईटीवी भारत से खास मुलाकात में झारखंड राज्य हिंदू धार्मिक न्यास बोर्ड के सदस्य राकेश सिन्हा ने कहा कि धार्मिक न्यास बोर्ड ने यह फैसला लिया है कि सभी मंदिरों का निबंधन आवश्यक रूप से कराया जाए. इसके लिए जिला स्तर पर न्यास बोर्ड निबंधन की प्रक्रिया को गति देने के लिए वॉलेंटियर की नियुक्ति करेगी.

मंदिरों में बढ़ेंगी सुविधाएंः ईटीवी भारत से खास बातचीत में राकेश सिन्हा ने कहा कि जो भी निबंधित मंदिर हैं उनकी आय की 04% राशि धार्मिक न्यास बोर्ड को मिलती है. इसी राशि से न्यास बोर्ड उन मंदिरों में सुविधा उपलब्ध कराती है, जहां श्रद्धालुओं के लिए कोई सुविधा या तो उपलब्ध नहीं है या सुविधाओं की कमी है.
उन्होंने कहा कि न्यास बोर्ड में ज्यादातर मंदिरों का निबंधन नहीं होने की वजह यह भी हो सकता है कि लंबे दिनों तक न्यास बोर्ड में अध्यक्ष और सदस्यों का पद खाली था. उस दौरान न्यास बोर्ड के दफ्तर से निबंधन के लिए मंदिर प्रबंधन को भेजे गए पत्र पर ध्यान नहीं दिया गया.

दिउड़ी मंदिर भी धार्मिक न्यास बोर्ड से निबंधित नहींः रांची के राजकुमार और टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी जब भी रांची में होते हैं, वह दिउड़ी मंदिर में जाकर मां भगवती की आराधना जरूर करते हैं. सभी मनोकामना पूरा करने वाली दिउड़ी मां का मंदिर भी हिंदू धार्मिक न्यास बोर्ड से निबंधित नहीं है और मंदिर प्रबंधन समिति की देखरेख में व्यवस्था चलती है.

Last Updated : Jul 2, 2023, 12:34 PM IST
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