रांची: आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोपी जूनियर इंजीनियर राम विनोद सिन्हा के परिजनों के ओर से दायर सीआरएमपी याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद निचली अदालत के जारी वारंट इशू करने के तरीके को गलत करार देते हुए जारी वारंट को निरस्त कर दिया है.
वहीं, एसीबी की अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि राम विनोद सिन्हा के परिजनों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं. वारंट इशू के दौरान प्रक्रिया पूर्ण नहीं की गई थी, लेकिन 82 इशू करने के दौरान सभी प्रक्रियाएं को पूरी कर ली गई. अदालत ने याचिकाकर्ता के आग्रह को स्वीकार करते हुए कहा कि जब वारंट इशू के समय ही प्रक्रियाएं पूरी नहीं की गई, तो उसके बाद सभी प्रक्रिया पूरी किए जाना उचित नहीं है. उन्होंने निचली अदालत के द्वारा जारी वारंट को निरस्त कर दिया और एसीबी को विधि पूर्वक कार्रवाई करने की छूट दी.
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बता दें कि जूनियर इंजीनियर राम विनोद सिन्हा आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में उनके पत्नी, बेटा और बेटी को भी एसीबी ने आरोपी बनाया है. निचली अदालत से उनके खिलाफ वारंट भी जारी कर दी गई. निचली अदालत से जारी वारंट को उनके तरफ से हाई कोर्ट में चुनौती दी गई. उसी याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने निचली अदालत से जारी वारंट को खारिज कर दिया है.