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नियोजन नीति के पेच में फंसी बहाली, राजनीतिक दल एक दूसरे को ठहरा रहे दोषी

झारखंड में नई नियोजन नीति को लेकर राजनीति गरमा गई है. सभी पार्टियां एक-दूसरे पर दोष लगा रही है. सत्ता पक्ष के नेताओं ने कहा कि नियोजन नीति 2021 में जो भी त्रुटि है, उसे दूर करते हुए नई नियोजन नीति तैयार किया जा रहा है.

Recruitment policy in Jharkhand
नियोजन नीति के पेच में फंसा है बहाली
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Published : Jan 18, 2023, 9:18 AM IST

Updated : Jan 18, 2023, 2:05 PM IST

क्या कहते हैं सत्ता और विपक्ष के नेता

रांचीः झारखंड में नियोजन नीति हमेशा से सियासत का विषय रहा है. राजनीतिक दल इसको लेकर अपने अपने तरीके से रोटी सेंकते रहे हैं. इससे राज्य के युवा दिग्भ्रमित होते रहे हैं. फिर राज्य में नियोजन नीति को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. झारखंड हाई कोर्ट से 2021 में बनी नियोजन नीति खारिज होने के बाद ग्रेड थ्री और फोर्थ की बहाली ठप है.

यह भी पढ़ेंः Jharkhand Recruitment Policy Row: झारखंड में नियोजन नीति पर घमासान जारी, अधर में हजारों नियुक्तियां

हेमंत सरकार नया नियोजन नीति बनाकर युवाओं की नाराजगी को शांत करने की कोशिश में है. सरकार द्वारा बार बार यही कहा जा रहा है कि बजट सत्र से पहले नया नियोजन नीति बनकर तैयार हो जायेगा. लेकिन नियोजन नीति में क्या क्या प्रावधान किया जा रहा है. इसपर सभी चुप्पी साधे हुए है. हालांकि, नियोजन नीति बनकर तैयार हो भी जाता है तो सबसे पहले कैबिनेट से पास कराना होगा. इसके बाद विधानसभा से नियोजन नीति पारित होने के बाद राजभवन की मुहर लगेगी. राज्यपाल की सहमति यदि मिल जाती है तो अधिसूचना जारी होगी. इसके बाद सरकार को सभी विभागों के नियुक्ति नियमावली में नये सिरे से संशोधन करना होगा. इस संशोधन को भी कैबिनेट से मंजूरी लेनी होगी, जो तत्काल संभव होता नहीं दिख रहा है.

नया नियोजन नीति बनने से पहले राज्य में इसको लेकर राजनीति शुरू हो गई है. सत्तारूढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के नेताओं ने अपनी गलतियों को छुपाते हुए 2021 के नियोजन नीति हाई कोर्ट से खारिज होने के लिए भारतीय जनता पार्टी को दोषी ठहराने में लगे हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक मथुरा महतो कहते हैं कि हेमंत सरकार ने राज्य के युवाओं के लिए नियोजन नीति बनाई. लेकिन भारतीय जनता पार्टी द्वारा साजिश के तहत हाईकोर्ट में इस मुद्दे को ले जाकर खारिज करवा दी. फिर बजट सत्र से पहले राज्य सरकार नई नियोजन नीति बनाकर विधानसभा के पटल पर रखेगी, ताकि राज्य के युवाओं को रोजगार मिल सके.

वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि कारण जो भी रहा हो. लेकिन सरकार ने युवाओं को नौकरी देने के लिए नियोजन नीति बनाई थी. नियोजन नीति 2021 में जो भी खामियां हैं, उसे दूर करते हुए नई नियोजन नीति बनाने की तैयारी की जा रही है. झारखंड बीजेपी के मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने कहा कि हेमंत सरकार ने जो नियोजन नीति बनाई थी, वह असंवैधानिक था. यही वजह है कि हाई कोर्ट ने नियोजन नीति को खारिज कर दिया था. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार ने असंवैधानिक रूप से नियोजन नीति तैयार की, जिसका खामियाजा युवाओं को भुगतना पड़ता. सरकार अपनी गलतियों को छुपाने के लिए नया नियोजन नीति बनाने का प्रोपगेंडा कर रही है.

क्या कहते हैं सत्ता और विपक्ष के नेता

रांचीः झारखंड में नियोजन नीति हमेशा से सियासत का विषय रहा है. राजनीतिक दल इसको लेकर अपने अपने तरीके से रोटी सेंकते रहे हैं. इससे राज्य के युवा दिग्भ्रमित होते रहे हैं. फिर राज्य में नियोजन नीति को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. झारखंड हाई कोर्ट से 2021 में बनी नियोजन नीति खारिज होने के बाद ग्रेड थ्री और फोर्थ की बहाली ठप है.

यह भी पढ़ेंः Jharkhand Recruitment Policy Row: झारखंड में नियोजन नीति पर घमासान जारी, अधर में हजारों नियुक्तियां

हेमंत सरकार नया नियोजन नीति बनाकर युवाओं की नाराजगी को शांत करने की कोशिश में है. सरकार द्वारा बार बार यही कहा जा रहा है कि बजट सत्र से पहले नया नियोजन नीति बनकर तैयार हो जायेगा. लेकिन नियोजन नीति में क्या क्या प्रावधान किया जा रहा है. इसपर सभी चुप्पी साधे हुए है. हालांकि, नियोजन नीति बनकर तैयार हो भी जाता है तो सबसे पहले कैबिनेट से पास कराना होगा. इसके बाद विधानसभा से नियोजन नीति पारित होने के बाद राजभवन की मुहर लगेगी. राज्यपाल की सहमति यदि मिल जाती है तो अधिसूचना जारी होगी. इसके बाद सरकार को सभी विभागों के नियुक्ति नियमावली में नये सिरे से संशोधन करना होगा. इस संशोधन को भी कैबिनेट से मंजूरी लेनी होगी, जो तत्काल संभव होता नहीं दिख रहा है.

नया नियोजन नीति बनने से पहले राज्य में इसको लेकर राजनीति शुरू हो गई है. सत्तारूढ़ दल झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के नेताओं ने अपनी गलतियों को छुपाते हुए 2021 के नियोजन नीति हाई कोर्ट से खारिज होने के लिए भारतीय जनता पार्टी को दोषी ठहराने में लगे हैं. झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक मथुरा महतो कहते हैं कि हेमंत सरकार ने राज्य के युवाओं के लिए नियोजन नीति बनाई. लेकिन भारतीय जनता पार्टी द्वारा साजिश के तहत हाईकोर्ट में इस मुद्दे को ले जाकर खारिज करवा दी. फिर बजट सत्र से पहले राज्य सरकार नई नियोजन नीति बनाकर विधानसभा के पटल पर रखेगी, ताकि राज्य के युवाओं को रोजगार मिल सके.

वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि कारण जो भी रहा हो. लेकिन सरकार ने युवाओं को नौकरी देने के लिए नियोजन नीति बनाई थी. नियोजन नीति 2021 में जो भी खामियां हैं, उसे दूर करते हुए नई नियोजन नीति बनाने की तैयारी की जा रही है. झारखंड बीजेपी के मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक ने कहा कि हेमंत सरकार ने जो नियोजन नीति बनाई थी, वह असंवैधानिक था. यही वजह है कि हाई कोर्ट ने नियोजन नीति को खारिज कर दिया था. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार ने असंवैधानिक रूप से नियोजन नीति तैयार की, जिसका खामियाजा युवाओं को भुगतना पड़ता. सरकार अपनी गलतियों को छुपाने के लिए नया नियोजन नीति बनाने का प्रोपगेंडा कर रही है.

Last Updated : Jan 18, 2023, 2:05 PM IST
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