रांचीः वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए झारखंड का बजट पेश किया. विधानसभा के पटल पर बजट पेश करने के बाद वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव के संबोधन के समय भाजपा और आजसू के विधायक सदन से वाकआउट कर गए. पूर्व मंत्री और निर्दलीय विधायक सरयू राय ने पेश किए गए बजट को अलबेला बजट करार देते हुए कहा कि इसका कोई ओर-छोर नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार ने भले ही बजट की राशि को बढ़ाया है परंतु पिछले बजट की कितनी राशि खर्च हुई यह बताया ही नहीं. जब खर्च का पता ही नहीं चलेगा तो बजट बढ़ाने का क्या लाभ होगा.
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ग्रामीण विकास विभाग को मिली कम राशिः पूर्व कृषि मंत्री और भाजपा विधायक रणधीर सिंह ने कहा कि एक लाख 16 हजार 418 करोड़ के बजट में ग्रामीण विकास और कृषि के लिए बेहद कम राशि रखी गयी है. उन्होंने कहा कि बमुश्किल कुल बजट की 12 प्रतिशत राशि ग्रामीण विकास के लिए रखी गई है. जिसमें कृषि सहित अन्य विभाग की राशि भी शामिल है. उन्होंने कहा कि पूरी तरह राज्य के गांव, किसान की उपेक्षा की गई है.
बजट में कुछ भी नया नहींः बाबूलाल मरांडी ने कहा कि बजट में कुछ नया नहीं है. अंदर खोजने पर सिर्फ यह मिलता है कि बजट में गांव, किसान, मजदूर, सिंचाई को नजरअंदाज किया गया है. वहीं आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने बजट को निराशाजनक बताते हुए बजट में एक भी एरिया को फोकस नहीं किया गया है. कक्षा 01 से कक्षा 05 तक के छात्र छात्राओं को क्षेत्रीय भाषा पढ़ाने की बात की गई है लेकिन उसमें नागपुरी, कुरमाली, पंच परगनिया को छोड़ दिया गया है. कुल मिलाकर यह निराशाजनक बजट है.
बेहतरीन बजट, भाजपा मुद्दाविहीनः वहीं सदन में पेश किए गए राज्य बजट को बेहतरीन और सभी वर्गों का ख्याल रखने वाला बताते हुए कांग्रेस की विधायक शिल्पी नेहा तिर्की और झामुमो विधायक दीपक बिरुआ ने कहा कि भाजपा आजसू के विधायकों में पेशेंस की कमी है. इसलिए जब वित्त मंत्री बजट प्रस्तुत कर रहे थे तो भाजपा आजसू को यह बर्दाश्त नहीं हुआ और वाकआउट कर गए. दीपक बिरुआ ने कहा कि बजट में आम आदमी का ख्याल रखा गया है.