रांची: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में वर्ष 2023-24 का बजट पेश किया. बजट को झारखंड के सत्तारूढ़ दलों ने निराशाजनक और डपोरशंखी बजट करार दिया है. कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा और राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं ने केंद्रीय बजट को मध्यमवर्ग, महिला और युवा विरोधी होने के साथ साथ आदिवासी विरोधी करार दिया है.
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कांग्रेस की प्रतिक्रिया: कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता और महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि बजट से पहले ही जब पेट्रोल के दाम 76 पैसे प्रति लीटर बढ़ाये गए थे, उससे ही लग गया था कि बजट कैसा होगा. राकेश सिन्हा ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश बजट मुंगेरीलाल के हसीन सपने जैसा है. उन्होंने कहा कि बजट में युवाओं को भत्ता देने का जिक्र है, युवाओं को नौकरी देने की बात नहीं है. देश की आर्थिक स्थिति कैसे मजबूत होगी, इसका कोई रोडमैप केंद्र की सरकार के पास नहीं है. बजट में महिलाओं की सम्मान निधि की बात कही गयी है, लेकिन महिलाओं का उत्थान कैसे होगा, इसका जिक्र नहीं है.
झामुमो की प्रतिक्रिया: केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता प्रो. अशोक कुमार सिंह ने कहा कि आज महंगाई सबसे बड़ा मुद्दा है, लेकिन महंगाई रोकने पर केंद्र सरकार का कोई विजन स्पष्ट नहीं है. प्रीमिटिव क्लास के आदिवासियों के कल्याण के लिए 15000 करोड़ के प्रवधान को ऊंट के मुंह में जीरा बताते हुए झामुमो ने कहा कि बजट आदिवासी विरोधी है. झामुमो नेता ने कहा कि इस बजट में युवाओं के रोजगार पर सरकार की कोई खास योजना सामने नहीं आयी है.
राजद की प्रतिक्रिया: राष्ट्रीय जनता दल के झारखंड इकाई के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेश यादव ने भी केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि कई योजनाओं में वर्ष 2047 का जिक्र किया गया है. ऐसे में समझा जा सकता है कि केंद्र की मंशा क्या है. बजट में अगले 24-24 साल का जिक्र किया है, जो सिर्फ आई-वाश भर है.