रांची: दशहरे को लेकर रांची में तैयारी लगभर पूरी कर ली गई है. पंजाबी हिन्दू बिरादरी द्वारा 1948 से लगातार मोरहाबादी मैदान में आयोजित हो रहे लंका दहन और रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ वध की तैयारियां भी अंतिम चरण में हैं.
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कडरू के लाला लाजपत राय मध्य विद्यालय के प्रांगण में रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतले ने आकार ले लिया है. इस बार 70 फीट की ऊंचाई वाला रावण का पुतला होगा. जबकि कुंभकर्ण के पुतले की लंबाई 65 फीट और मेघनाथ का पुतला 60 फीट ऊंचा होगा. पंजाबी हिन्दू बिरादरी के मीडिया प्रभारी अरुण चावला ने बताया कि इस बार ना सिर्फ बुराई के प्रतीक रावण का कद बढ़ाया गया गया, बल्कि उसके चेहरे के हाव भाव को भी थोड़ा अलग किया गया है. जो समाज में बुराई बढ़ने को इंगित करता है.
मुख्यमंत्री द्वारा रिमोट का बटन दबाने से मरेगा रावण: पंजाबी हिन्दू बिरादरी के अध्यक्ष सुधीर दुग्गल ने बताया कि अब तक रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ का पुतला जलाने का ट्रेडिशनल तरीका होता था. जिसमें प्रतीक स्वरूप तीर धनुष होता था. लेकिन पुतले में बिरादरी के कोई स्वयंसेवक मशाल से आग लगा देते थे. इस बार इसे अपडेट किया गया है. अब प्रतीक स्वरूप तीर धनुष तो प्रदर्शित किए जाएंगे, लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा रिमोट का बटन दबाते ही रावण धू-धूकर जल उठेगा. इसी तरह पूर्व मंत्री सीपी सिंह और सांसद संजय सेठ भी रिमोट का बटन दबाकर कुंभकर्ण और मेघनाथ का दहन करेंगे.
बेहद खास आतिशबाजी देख सकेंगे राजधानीवासी: पंजाबी हिन्दू बिरादरी के मीडिया प्रभारी ने बताया कि इस बार खेलों के अंतर्राष्ट्रीय आयोजन के समय होनेवाली आतिशबाजी "पायरो" का दीदार लंका दहन के दौरान होगा. इसके लिए कोलकाता से प्रख्यात आतिशबाजी करने वाले शेखर मुखर्जी को बुलाया गया है. इसके साथ साथ लंका दहन से पहले आधे घंटे तक जोरदार आतिशबाजी होगी. झारखंड के परंपरागत लोक नृत्य और संगीत के कार्यक्रम भी होंगे.
24 अक्टूबर को धू-धूकर जलेगा रावण: 23 अक्टूबर को रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण के पुतले हो मोरहाबादी मैदान में लगा दिया जाएगा. 24 अक्टूबर को शाम 3.30 बजे से कार्यक्रम शुरू हो जाएगा और अंधेरा होते ही आतिशबाजी और रावण वध का कार्यक्रम शुरू हो जाएगा. पंजाबी हिन्दू बिरादरी के अनुसार कोरोना काल को छोड़ कर 1948 से लगातार रावण वध और लंका दहन का कार्यक्रम होता आया है. इस बार करीब 20 लाख के खर्च से रावण वध की तैयारियां पूरी कर ली गयी है.