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Exclusive: रांची सदर अस्पताल में चूहों ने कुतर दी दर्जनों स्लाइन की बोतलें, हॉस्पिटल के कर्मी ने ही खोली पोल - रांची न्यूज

रांची सदर अस्पताल में प्रबंधन की उदासीनता से चूहों ने दर्जनों स्लाइन की बोतलें कुतर दी (Rats nibbled saline bottles). अस्पताल के ही एक कर्मी ने सदर हॉस्पिटल की पोल खोली है. हालांकि, सदर अस्पताल (Sadar Hospital Ranchi) के लिए काम करने वाली एक निजी एजेंसी ने इस पर सफाई भी पेश की है. लेकिन तस्वीरें कुछ और ही बयां कर रही हैं.

Sadar Hospital Ranchi
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Published : Oct 1, 2022, 7:48 PM IST

Updated : Oct 1, 2022, 10:10 PM IST

रांची: राज्य के सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं मिले, इसके लिए झारखंड सरकार करोड़ों रुपये खर्च करती है. लेकिन, अस्पतालों के सरकारी कर्मचारी आम जनता की सुविधाओं को लेकर किस कदर लापरवाह और उदासीन होते हैं, इसका उदाहरण रांची सदर अस्पताल (Sadar Hospital Ranchi) है. जहां किचन के बाहर रखे कई कार्टून मरीजों को चढ़ाए जाने वाले स्लाइन की बोतलों को चूहों ने बर्बाद कर दिया (Rats nibbled saline bottles).

इसे भी पढ़ें: रांची सदर अस्पताल नया भवन पर याद आई सीएम हेमंत की बात, 14 साल में श्रीराम का वनवास खत्म पर नहीं पूरा हुआ बिल्डिंग निर्माण


अस्पताल की कर्मी ने खली पोल: ईटीवी भारत की टीम ने जब रांची सदर अस्पताल की लापरवाही (Negligence of Sadar Hospital Ranchi) को कैमरे में कैद करना शुरू किया तो आनन फानन में खराब और बर्बाद बोतलों को काले रंग की पॉलीथिन में भरकर अलग कर दिया गया और बाकी बोतलों को किचन के बरामदे की जगह किचन के अंदर रख दिया गया. किचन में खाना बनाने वाले एक कर्मी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि किचन को ही स्टोर बना दिया गया है.

देखें एक्सक्लूसिव रिपोर्ट


सदर अस्पताल के लिए काम करने वाली निजी एजेंसी की सफाई: वहीं, सदर अस्पताल में कई तरह की सेवाएं उपलब्ध कराने वाली निजी एजेंसी के कर्मी अजीत ने कहा कि दरअसल, जहां पर ये दवाएं रखी थी, उस जगह पर अस्पताल के नए बन रहे बहुमंजिली भवन का किचन बनना है. ऐसे में भवन निर्माण कर रही एजेंसी ने उस जगह को खाली करा दिया इसलिए स्लाइन को किचन में रखा गया है. हालांकि, कैमरे में दृश्य कैद होने के बावजूद उन्होंने कहा कि स्लाइन को चूहों ने बर्बाद नहीं किया है बल्कि, इधर से उधर करने के दौरान कई कार्टून फट गए हैं. हां, यह बात और है कि तस्वीरें कुछ और ही कहती हैं.

गरीब जनता खरीद रही महंगी दवाईयां: पूरे मामले को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने जब सिविल सर्जन से बात की तो उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि 'ऐसा कुछ नहीं है, स्टोर में जगह नहीं होने की वजह से मरीजों को चढ़ाए जाने वाली पानी की बोतलें किचन के पास रखी गयी है' जाहिर है कि सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले लोगों को मिलने वाली सरकारी सुविधाएं बर्बाद न हो और वह मरीजों तक पहुंचे इसको लेकर ऊपर से लेकर नीचे तक पूरी व्यवस्था गंभीर नहीं दिखती और जनता मजबूरी में कई बार बाहर से महंगी दवाएं खरीदने के लिए मजबूर होती है.

रांची: राज्य के सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं मिले, इसके लिए झारखंड सरकार करोड़ों रुपये खर्च करती है. लेकिन, अस्पतालों के सरकारी कर्मचारी आम जनता की सुविधाओं को लेकर किस कदर लापरवाह और उदासीन होते हैं, इसका उदाहरण रांची सदर अस्पताल (Sadar Hospital Ranchi) है. जहां किचन के बाहर रखे कई कार्टून मरीजों को चढ़ाए जाने वाले स्लाइन की बोतलों को चूहों ने बर्बाद कर दिया (Rats nibbled saline bottles).

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अस्पताल की कर्मी ने खली पोल: ईटीवी भारत की टीम ने जब रांची सदर अस्पताल की लापरवाही (Negligence of Sadar Hospital Ranchi) को कैमरे में कैद करना शुरू किया तो आनन फानन में खराब और बर्बाद बोतलों को काले रंग की पॉलीथिन में भरकर अलग कर दिया गया और बाकी बोतलों को किचन के बरामदे की जगह किचन के अंदर रख दिया गया. किचन में खाना बनाने वाले एक कर्मी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि किचन को ही स्टोर बना दिया गया है.

देखें एक्सक्लूसिव रिपोर्ट


सदर अस्पताल के लिए काम करने वाली निजी एजेंसी की सफाई: वहीं, सदर अस्पताल में कई तरह की सेवाएं उपलब्ध कराने वाली निजी एजेंसी के कर्मी अजीत ने कहा कि दरअसल, जहां पर ये दवाएं रखी थी, उस जगह पर अस्पताल के नए बन रहे बहुमंजिली भवन का किचन बनना है. ऐसे में भवन निर्माण कर रही एजेंसी ने उस जगह को खाली करा दिया इसलिए स्लाइन को किचन में रखा गया है. हालांकि, कैमरे में दृश्य कैद होने के बावजूद उन्होंने कहा कि स्लाइन को चूहों ने बर्बाद नहीं किया है बल्कि, इधर से उधर करने के दौरान कई कार्टून फट गए हैं. हां, यह बात और है कि तस्वीरें कुछ और ही कहती हैं.

गरीब जनता खरीद रही महंगी दवाईयां: पूरे मामले को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने जब सिविल सर्जन से बात की तो उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि 'ऐसा कुछ नहीं है, स्टोर में जगह नहीं होने की वजह से मरीजों को चढ़ाए जाने वाली पानी की बोतलें किचन के पास रखी गयी है' जाहिर है कि सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले लोगों को मिलने वाली सरकारी सुविधाएं बर्बाद न हो और वह मरीजों तक पहुंचे इसको लेकर ऊपर से लेकर नीचे तक पूरी व्यवस्था गंभीर नहीं दिखती और जनता मजबूरी में कई बार बाहर से महंगी दवाएं खरीदने के लिए मजबूर होती है.

Last Updated : Oct 1, 2022, 10:10 PM IST
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