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रांची: 393 बिरहोर परिवारों के घर तक पहुंचाया गया राशन - Food Corporation of India

393 आदिम जनजाति बिरहोर परिवारों को मंगलवार तक राष्ट्रीय खाद सुरक्षा अधिनियम के तहत 35 किलो प्रति परिवार और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 5 किलोग्राम प्रति सदस्य की मात्रा के अनुसार चावल और दाल दिए गए.

Ration delivered to the homes of primitive tribe Birhor families under National Security Act
393 आदिम जनजाति बिरहोर परिवारों के घर तक पहुंचाया गया राशन
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Published : Jun 9, 2020, 9:24 PM IST

रांची: पीटीजी डाकिया योजना के तहत रांची जिले के अनगड़ा, सिल्ली, राहे, बुढ़मू, खलारी, बुंडू, तमाड़, जोन्हा और लापुंग प्रखंड के 393 आदिम जनजाति बिरहोर परिवारों को मंगलवार तक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 35 किलो प्रति परिवार और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 5 किलोग्राम प्रति सदस्य की मात्रा के अनुसार चावल और दाल दिए गए.

आदिवासी जनजाति बिरहोर परिवारों के निवास स्थान तक खाद्यान्न सामग्री पहुंचाया गया. जिले के सभी आदिम जनजाति परिवार को अंत्योदय योजना के तहत राशन मुहैया कराया जा रहा है. डाकिया योजना के तहत भारतीय खाद्य निगम से उठाव कर झारखंड राज्य खाद्य निगम के चिन्हित गोदाम तक लाए गए. वहीं खाद्यान्न को 35 किलोग्राम के निर्धारित मानक वाले पैकेट में पैकेजिंग का कार्य राष्ट्रीय आजीविका मिशन के सखी मंडलों द्वारा किया जाता है.

पढ़ें:स्कूलों के अन्य फीस माफ, सिर्फ ट्यूशन फीस लेंगे राज्य के निजी स्कूल

इसके बाद राज्य खाद्य निगम के चिन्हित गोदाम से संबंधित प्रखंड के गोदाम से पणन पदाधिकारी या प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी आदिवासी जनजातियों के घर तक पहुंचाया जाता है.

रांची: पीटीजी डाकिया योजना के तहत रांची जिले के अनगड़ा, सिल्ली, राहे, बुढ़मू, खलारी, बुंडू, तमाड़, जोन्हा और लापुंग प्रखंड के 393 आदिम जनजाति बिरहोर परिवारों को मंगलवार तक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत 35 किलो प्रति परिवार और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 5 किलोग्राम प्रति सदस्य की मात्रा के अनुसार चावल और दाल दिए गए.

आदिवासी जनजाति बिरहोर परिवारों के निवास स्थान तक खाद्यान्न सामग्री पहुंचाया गया. जिले के सभी आदिम जनजाति परिवार को अंत्योदय योजना के तहत राशन मुहैया कराया जा रहा है. डाकिया योजना के तहत भारतीय खाद्य निगम से उठाव कर झारखंड राज्य खाद्य निगम के चिन्हित गोदाम तक लाए गए. वहीं खाद्यान्न को 35 किलोग्राम के निर्धारित मानक वाले पैकेट में पैकेजिंग का कार्य राष्ट्रीय आजीविका मिशन के सखी मंडलों द्वारा किया जाता है.

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इसके बाद राज्य खाद्य निगम के चिन्हित गोदाम से संबंधित प्रखंड के गोदाम से पणन पदाधिकारी या प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी आदिवासी जनजातियों के घर तक पहुंचाया जाता है.

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