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झारखंड में A टू Z की पार्टी नहीं बन पाया राजद, सभी को साथ लेकर चलने की थी तेजस्वी यादव की इच्छा!

A to Z strategy of RJD not followed in Jharkhand. झारखंड में राष्ट्रीय जनता दल की सांगठनिक रणनीति का पालन प्रदेश में नहीं होता दिख रहा है. क्योंकि झारखंड राजद में 24 जिलाध्यक्षों में से 13 यानि 50 फीसदी से ज्यादा सिर्फ यादव जाति से आते हैं.

Rashtriya Janata Dal A to Z organisational strategy not followed in Jharkhand
झारखंड में राष्ट्रीय जनता दल की सांगठनिक रणनीति का पालन नहीं
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 23, 2023, 12:58 PM IST

Updated : Nov 23, 2023, 4:30 PM IST

झारखंड में राष्ट्रीय जनता दल की सांगठनिक रणनीति का पालन नहीं, जानिए क्या कहते हैं पार्टी नेता

रांची: लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल को MY यानि मुस्लिम और यादव की पार्टी की जगह सभी वर्गों यानि A टू Z की पार्टी बनाने की इच्छा तेजस्वी यादव ने कई मौकों पर व्यक्त की है. लेकिन झारखंड राष्ट्रीय जनता दल में तेजस्वी यादव की इच्छा का पालन होता नहीं दिख रहा है. झारखंड राजद में 24 जिलाध्यक्षों में से 13 यानि 50% से ज्यादा सिर्फ यादव जाति से आते हैं.

झारखंड में आरजेडी के परंपरागत वोट और पकड़ वाले मुस्लिमों की हिस्सेदारी को भी नजरअंदाज किया गया है. राज्य के 24 जिलाध्यक्ष में से सिर्फ 02 अल्पसंख्यक को जिलाध्यक्ष बनाया गया है, बाकी के 9 समाज के अन्य वर्गों से हैं. ऐसे में राज्य की राजनीति में पकड़ रखने वाले समाज के कई वर्गों को संगठन में कहीं भी महत्वपूर्ण जगह नहीं मिली है.

प्रदेश प्रभारी से लेकर युवा राजद अध्यक्ष तक ज्यादातर एक ही समुदाय सेः झारखंड में राजद ए टू जेड की पार्टी कितना बन पाया है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रदेश राजद के प्रभारी जय प्रकाश नारायण यादव हैं तो प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह यादव, प्रदेश के प्रधान महासचिव संजय प्रसाद यादव हैं तो युवा राजद के प्रदेश अध्यक्ष रंजन यादव हैं. प्रदेश संगठन से लेकर जिला संगठन तक राज्य की राजनीति में एक ही जाति के लोग भरे हैं.

राज्य नेतृत्व को कार्यशैली में करना होगा सुधार- महबूबः रामगढ़ जिला राजद के पूर्व जिलाध्यक्ष मो. महबूब सिद्दीकी कहते हैं कि उनके नेता की सोच अच्छी है. राज्य में बड़ी राजनीतिक ताकत बनने के लिए जरूरी है कि सभी को साथ लेकर चलें लेकिन प्रदेश नेतृत्व ऐसा नहीं कर रहा है.

तेजस्वी यादव की सोच अच्छी पर...: झारखंड राजद के वरिष्ठ नेता और उपाध्यक्ष राजेश यादव कहते हैं कि हमारे नेता तेजस्वी यादव की यह सोच अच्छी है कि राजद को A टू Z की पार्टी बनाया जाए लेकिन हम अपने जनाधार के वोट को कैसे छोड़ सकते हैं. उन्होंने कहा कि बसपा प्रमुख ने बहुत पहले A 2 Z की पार्टी बनाने की बात कही थी आज उसका क्या परिणाम हुआ है, यह भी हमें नहीं भूलना चाहिए.

तेजस्वी यादव के फॉर्मूले पर चलकर ही झारखंड राजद बन सकता है किंग मेकरः झारखंड की राजनीति, बिहार से थोड़ी अलग है. यहां यादव वोटरों में ज्यादातर अभी भी लालू प्रसाद के साथ खड़े हैं तो मुस्लिमों में वोट बैंक का बिखराव झामुमो, कांग्रेस की तरफ भी हुआ है. ऐसे में बिना समाज के अन्य वर्गों को साथ लिए राष्ट्रीय जनता दल का किंग मेकर वाली भूमिका में आना संभव नहीं दिखता है.

इसे भी पढ़ें- Political News Jharkhand: प्रदेश में आरजेडी का संगठन विस्तार, कहीं चुनाव की तैयारी तो नहीं?

इसे भी पढ़ें- संजय सिंह यादव बने झारखंड राजद के कार्यकारी अध्यक्ष, सुरेश पासवान को सांगठनिक चुनाव की जिम्मेदारी

झारखंड में राष्ट्रीय जनता दल की सांगठनिक रणनीति का पालन नहीं, जानिए क्या कहते हैं पार्टी नेता

रांची: लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल को MY यानि मुस्लिम और यादव की पार्टी की जगह सभी वर्गों यानि A टू Z की पार्टी बनाने की इच्छा तेजस्वी यादव ने कई मौकों पर व्यक्त की है. लेकिन झारखंड राष्ट्रीय जनता दल में तेजस्वी यादव की इच्छा का पालन होता नहीं दिख रहा है. झारखंड राजद में 24 जिलाध्यक्षों में से 13 यानि 50% से ज्यादा सिर्फ यादव जाति से आते हैं.

झारखंड में आरजेडी के परंपरागत वोट और पकड़ वाले मुस्लिमों की हिस्सेदारी को भी नजरअंदाज किया गया है. राज्य के 24 जिलाध्यक्ष में से सिर्फ 02 अल्पसंख्यक को जिलाध्यक्ष बनाया गया है, बाकी के 9 समाज के अन्य वर्गों से हैं. ऐसे में राज्य की राजनीति में पकड़ रखने वाले समाज के कई वर्गों को संगठन में कहीं भी महत्वपूर्ण जगह नहीं मिली है.

प्रदेश प्रभारी से लेकर युवा राजद अध्यक्ष तक ज्यादातर एक ही समुदाय सेः झारखंड में राजद ए टू जेड की पार्टी कितना बन पाया है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रदेश राजद के प्रभारी जय प्रकाश नारायण यादव हैं तो प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह यादव, प्रदेश के प्रधान महासचिव संजय प्रसाद यादव हैं तो युवा राजद के प्रदेश अध्यक्ष रंजन यादव हैं. प्रदेश संगठन से लेकर जिला संगठन तक राज्य की राजनीति में एक ही जाति के लोग भरे हैं.

राज्य नेतृत्व को कार्यशैली में करना होगा सुधार- महबूबः रामगढ़ जिला राजद के पूर्व जिलाध्यक्ष मो. महबूब सिद्दीकी कहते हैं कि उनके नेता की सोच अच्छी है. राज्य में बड़ी राजनीतिक ताकत बनने के लिए जरूरी है कि सभी को साथ लेकर चलें लेकिन प्रदेश नेतृत्व ऐसा नहीं कर रहा है.

तेजस्वी यादव की सोच अच्छी पर...: झारखंड राजद के वरिष्ठ नेता और उपाध्यक्ष राजेश यादव कहते हैं कि हमारे नेता तेजस्वी यादव की यह सोच अच्छी है कि राजद को A टू Z की पार्टी बनाया जाए लेकिन हम अपने जनाधार के वोट को कैसे छोड़ सकते हैं. उन्होंने कहा कि बसपा प्रमुख ने बहुत पहले A 2 Z की पार्टी बनाने की बात कही थी आज उसका क्या परिणाम हुआ है, यह भी हमें नहीं भूलना चाहिए.

तेजस्वी यादव के फॉर्मूले पर चलकर ही झारखंड राजद बन सकता है किंग मेकरः झारखंड की राजनीति, बिहार से थोड़ी अलग है. यहां यादव वोटरों में ज्यादातर अभी भी लालू प्रसाद के साथ खड़े हैं तो मुस्लिमों में वोट बैंक का बिखराव झामुमो, कांग्रेस की तरफ भी हुआ है. ऐसे में बिना समाज के अन्य वर्गों को साथ लिए राष्ट्रीय जनता दल का किंग मेकर वाली भूमिका में आना संभव नहीं दिखता है.

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Last Updated : Nov 23, 2023, 4:30 PM IST
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