रांची: खेल और खिलाड़ियों के विकास के लिए रांची विश्वविद्यालय ने कुछ दिनों पहले एक करार किया है. विश्वविद्यालय ने यह करार वुशु एसोसिएशन, झारखंड एथलेटिक्स एसोसिएशन और तीरंदाजी संघ के साथ किया है. इन एसोसिएशन से जुड़े खेल प्रशिक्षक अब रांची विश्वविद्यालय के खिलाड़ियों को भी ट्रेंड करेंगे. इसी कड़ी में रांची विश्वविद्यालय का अपना एथलेटिक स्टेडियम हो इसे लेकर यूनिवर्सिटी ने राज्य सरकार के खेल विभाग को पत्र भी लिखा है.
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खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण देने की कोशिश: रांची विश्वविद्यालय हमेशा से ही खेल और खिलाड़ियों के विकास के लिए तत्पर रहा है. इस विश्वविद्यालय के कई खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसमें तीरंदाजी, फुटबॉल, एथलेटिक्स, वॉलीबॉल जैसे खेल भी शामिल हैं. राष्ट्रीय स्तर के यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप में भी यहां के खिलाड़ियों का दबदबा रहा है. खेलो इंडिया प्रतियोगिता में भी इस विश्वविद्यालय के खिलाड़ियों ने बेहतर प्रदर्शन कर राज्य और विश्वविद्यालय का नाम रोशन किया है. खिलाड़ियों को हर सुविधा मिले, उन्हें बेहतर प्रशिक्षण मिल सके, इसे लेकर विश्वविद्यालय ने इन खिलाड़ियों को बेहतर माहौल देने की कोशिश की है. पठन-पाठन के अलावा खेल के विकास के लिए भी इस विश्वविद्यालय में सुविधा दी जा रही है.
अपना एथलेटिक स्टेडियम बनाने की योजना: विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से इस दिशा में एक और कदम बढ़ाया गया है. विश्वविद्यालय की योजना है कि विश्वविद्यालय का अपना एक एथलेटिक स्टेडियम हो, जहां खिलाड़ी समय पर प्रैक्टिस कर सकें, क्योंकि राज्य सरकार की ओर से संचालित अधिकतर स्टेडियम को विभिन्न संस्थाओं की ओर से मेंटेन किया जाता है और वह स्टेडियम सामान्य समय में खुला नहीं रहता है. एक निर्धारित समय के तहत स्टेडियम खुलते और बंद होते हैं, जहां सबको एंट्री नहीं होती है. जिससे इन खिलाड़ियों को प्रैक्टिस करने में परेशानी आती है. इसी परेशानी को देखते हुए विश्वविद्यालय ने राज्य सरकार के खेल विभाग से पत्र के माध्यम से विश्वविद्यालय के लिए स्टेडियम निर्माण की इजाजत के साथ मदद भी मांगी है. विश्वविद्यालय की कुलपति कामिनी कुमार ने कहा कि आने वाले समय में इस विश्वविद्यालय के खिलाड़ी देश का प्रतिनिधित्व करेंगे. इस विश्वविद्यालय में खेल और खिलाड़ियों के उत्थान के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं.