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रांची में राजभवन के समक्ष ट्रेड यूनियन नेताओं का प्रदर्शन, राष्ट्रपति के नाम राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

रांची में ट्रेड यूनियन के नेताओं ने राजभवन के समक्ष प्रदर्शन किया (Ranchi Trade union leaders protest). यहां अलग अलग ट्रेड यूनियनों ने संयुक्त मंच बनाकर प्रदर्शन किया. उन्होंने केंद्र की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए चार नए लेबर कोड को रद्द करने की मांग की. साथ ही अपनी 21 मांगों को लेकर राष्ट्रपति के नाम राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है

Trade union leaders protest in front of Raj Bhavan in Ranchi
रांची
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Published : Dec 2, 2022, 2:12 PM IST

रांचीः राजधानी में विभिन्न ट्रेन यूनियन के नेताओं ने प्रदर्शन किया. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लगातार श्रम कानूनों को कमजोर करने की कार्रवाई का विरोध किया. साथ चार नए श्रम संहिताओं और आवश्यक रक्षा सेवा अधिनियम (EDSA) को रद्द करने की मांग के साथ ट्रेड यूनियन AICCTU, AITUC और CITU ने संयुक्त रूप से जिला स्कूल से राजभवन विरोध मार्च किया. साथ ही तमाम नेताओं ने राजभवन के समक्ष प्रदर्शन किया (Trade union leaders protest in Ranchi).

इसे भी पढ़ें- मजदूर संगठनों का देशव्यापी विरोध दिवस, केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को मजदूर विरोधी बताते हुए ट्रेड यूनियन नेताओं ने कहा कि पूंजीपतियों को मजबूत करने के लिए केंद्र की सरकार मजदूर कानून को कमजोर कर रही है, जिसके विरोध में देशभर में प्रदर्शन हो रहा है. रांची में यूनियन नेताओं ने कहा कि देशव्यापी प्रदर्शन और विरोध कार्यक्रम के तहत रांची के राजभवन पर ट्रेड यूनियनों का संयुक्त मंच प्रदर्शन कर रहा है. इसके बाद राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा जाएगा, जिसमें 21 मांगें रखी गयी हैं.

देखें पूरी खबर

संयुक्त ट्रेड यूनियन मंच की मुख्य मांगेंः केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन में जो मांगें राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति से की गई है. जिसमें चार श्रम संहिताओं और आवश्यक रक्षा सेवा अधिनियम रद्द करने की मांग अहम है. इसके साथ साथ सार्वजनिक उपक्रमों और सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण बंद करने, सभी कामगारों को न्यूनतम मजदूरी 26 हजार रुपया करने, सभी सेवानिवृत कर्मियों का पेंशन 26 हजार रुपया सुनिश्चित करने, सार्वजनिक कार्यो का ठेकाकरण बंद करने, नियत अवधि का रोजगार और अग्निपथ जैसी सभी योजनाएं बंद करने की मांग शामिल है. इसके अलावा अनौपचारिक क्षेत्र के कामगारों और GIG वर्कर्स के लिए कानूनी तथा सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने, NPS को रद्द करने के साथ साथ ओल्ड पेंशन स्कीम तथा EPS के तहत न्यूनतम पेंशन को बढ़ाया जाए.


राजभवन के सामने प्रदर्शन कर रहे ट्रेड यूनियन के नेताओं ने विद्युत संशोधन विधेयक 2022 को वापस लेने, केंद्र सरकार द्वारा सभी गरीब, मध्यम किसान और कृषि श्रमिकों को एक साथ ऋण माफी और 60 वर्ष से ऊपर के लोगों को पेंशन की भी व्यवस्था करने की मांग की. इसके अलावा अन्य मांगों में महंगाई पर रोक लगाने, आवश्यक वस्तुओं, खाद्य पदार्थो पर से GST हटाने, न्यूनतम मजदूरी 600 करने और 200 दिन के कार्यदिवस के साथ मनरेगा का विस्तार शामिल है.

रांचीः राजधानी में विभिन्न ट्रेन यूनियन के नेताओं ने प्रदर्शन किया. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा लगातार श्रम कानूनों को कमजोर करने की कार्रवाई का विरोध किया. साथ चार नए श्रम संहिताओं और आवश्यक रक्षा सेवा अधिनियम (EDSA) को रद्द करने की मांग के साथ ट्रेड यूनियन AICCTU, AITUC और CITU ने संयुक्त रूप से जिला स्कूल से राजभवन विरोध मार्च किया. साथ ही तमाम नेताओं ने राजभवन के समक्ष प्रदर्शन किया (Trade union leaders protest in Ranchi).

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केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को मजदूर विरोधी बताते हुए ट्रेड यूनियन नेताओं ने कहा कि पूंजीपतियों को मजबूत करने के लिए केंद्र की सरकार मजदूर कानून को कमजोर कर रही है, जिसके विरोध में देशभर में प्रदर्शन हो रहा है. रांची में यूनियन नेताओं ने कहा कि देशव्यापी प्रदर्शन और विरोध कार्यक्रम के तहत रांची के राजभवन पर ट्रेड यूनियनों का संयुक्त मंच प्रदर्शन कर रहा है. इसके बाद राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा जाएगा, जिसमें 21 मांगें रखी गयी हैं.

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संयुक्त ट्रेड यूनियन मंच की मुख्य मांगेंः केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन में जो मांगें राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति से की गई है. जिसमें चार श्रम संहिताओं और आवश्यक रक्षा सेवा अधिनियम रद्द करने की मांग अहम है. इसके साथ साथ सार्वजनिक उपक्रमों और सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण बंद करने, सभी कामगारों को न्यूनतम मजदूरी 26 हजार रुपया करने, सभी सेवानिवृत कर्मियों का पेंशन 26 हजार रुपया सुनिश्चित करने, सार्वजनिक कार्यो का ठेकाकरण बंद करने, नियत अवधि का रोजगार और अग्निपथ जैसी सभी योजनाएं बंद करने की मांग शामिल है. इसके अलावा अनौपचारिक क्षेत्र के कामगारों और GIG वर्कर्स के लिए कानूनी तथा सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने, NPS को रद्द करने के साथ साथ ओल्ड पेंशन स्कीम तथा EPS के तहत न्यूनतम पेंशन को बढ़ाया जाए.


राजभवन के सामने प्रदर्शन कर रहे ट्रेड यूनियन के नेताओं ने विद्युत संशोधन विधेयक 2022 को वापस लेने, केंद्र सरकार द्वारा सभी गरीब, मध्यम किसान और कृषि श्रमिकों को एक साथ ऋण माफी और 60 वर्ष से ऊपर के लोगों को पेंशन की भी व्यवस्था करने की मांग की. इसके अलावा अन्य मांगों में महंगाई पर रोक लगाने, आवश्यक वस्तुओं, खाद्य पदार्थो पर से GST हटाने, न्यूनतम मजदूरी 600 करने और 200 दिन के कार्यदिवस के साथ मनरेगा का विस्तार शामिल है.

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