रांचीः राजधानी में संचालित देश के तीसरे रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय में छात्रों ने डिग्रियां तो हासिल की, लेकिन नौकरी के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं. ऐसे में शिक्षा मंत्री नीरा यादव से जब सवाल किया गया, तो वह सवालों से बचती हुई नजर आईं.
रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय की शुरुआत बड़े तामझाम के साथ की गई थी. इस विश्वविद्यालय का उद्घाटन राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 2016 में किया गया था. पहले बैच में तीन कोर्स शुरू किए गए. इन कोर्स की पढ़ाई कर डिग्रियां हासिल कर छात्र पास आउट तो हुए, लेकिन सरकार के वादे के अनुसार उन्हें नौकरियां नहीं मिल पाईं. जिन्हें नौकरियां मिली भी तो दूसरे राज्यों में महज 8 से 10 हजार रुपये की. शुरुआत में तो छात्रों ने नौकरी ज्वाइन भी की, लेकिन सैलरी कम होने की वजह से उन्हें वापस आना पड़ा और अब बेरोजगार छात्र सरकार का विरोध भी कर रहे हैं.
राज्य की शिक्षा मंत्री नीरा यादव से जब रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय से संबंधित सवाल किए गए तो वह सवालों से बचकर भागती नजर आयीं. कहीं न कहीं उनके व्यवहार से यह साफ जाहिर हो गया कि सरकार की तरफ से छात्रों के भविष्य के लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है.
वहीं विपक्षी दल कांग्रेस के विधायक सुखदेव भगत ने रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय के मामले पर सीधे तौर पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार का छात्रों का रोजगार देने के मामले में रवैया उदासीन रहा है. सरकार सिर्फ उद्घाटन पर विश्वास रखती है. जिस तरह से रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय की शुरुआत की गई थी. उसी लिहाज से छात्रों के रोजगार पर भी ध्यान देने की जरूरत थी, लेकिन राज्य में छात्रों के भविष्य को लेकर सरकार गंभीर नहीं है. जिसका यह नतीजा है कि इस विश्वविद्यालय के छात्र बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं और रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय का उद्देश्य भी पूरा होता नहीं दिख रहा है.