रांची: कोयला उद्योग का संयुक्त मोर्चा ने कोयला उद्योग में कार्यरत केन्द्रीय ट्रेड युनियनों बीएमएस, एचएमएस, एटक, सीटू और इंटक से संबद्ध फेडरेशन के नेताओं की एक वर्चुअल बैठक हुई. इस बैठक में सरकार की तरफ से देश के कोयला उद्योग में कॉमर्शियल माइनिंग एवं कोल इंडिया के विनिवेश/बाई बैंक के संबंध में उठाए जा रहे कदमों पर विस्तार से चर्चा की गई. जिसमें सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया कि कोल इंडिया एवं सिंगरैनी कोलियरीज में निम्नलिखित मांगों के समर्थन में 18 अगस्त, 2020 को एक दिन की हड़ताल की जाए.
- कोयला उद्योग के कॉमर्शियल माइनिंग पर रोक लगाई जाए
- कोल इंडिया के शेयरों के विनिवेश या बाई बैक पर तत्काल रोक लगाई जाए और कोल इंडिया एवं सिंगरैनी कोल कम्पनी को कमजोर करने के किसी भी कदम को तुरंत रोका जाए.
- सीएमपीडीआई को कोल इंडिया से अलग करने की योजना पर तत्काल रोक लगाई जाए.
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- कोल इंडिया और सिंगरैनी कोलियरिज कंपनी लिमिटेड में ठेका मजदूरों लिए कोल इंडिया की हाई पावर कमिटी का बढ़ा हुआ वेतन लागू करना सुनिश्चित किया जाए.
- कोल इंडिया एपेक्स जीसीसी की बैठकों के दौरान उठा और लिए गए मुददों सहित कोल वेज एग्रीमेंट्स के खंड 9.3.0/9.4.0/9.5.0 का कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जाए.
- 2 से 4 जुलाई, 2020 की हड़ताल में कोल इंडिया के जिन पदाधिकारियों ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर अतिसक्रियता दिखाई है, उनपर कार्रवाई की जाए.
संयुक्त रूप से हड़ताल की नोटिस
01अगस्त 2020 को संयुक्त रुप से हड़ताल की नोटिस देने का निर्णय भी लिया गया. हड़ताल की नोटिस देने के दिन से ही कोयला उद्योग में वर्क टू रुल, रैली प्रदर्शन, गेट मिटिंग, पीट मिटिंग का कार्यक्रम भी शुरु हो जाएगा. सभी नेताओं ने कोल इंडिया और सिंगरैनी कोलियरिज में कार्यरत सभी ट्रेड युनियनों से अपील की है कि वो इस हड़ताल में सक्रिय रूप से अपना योगदान दें.