रांची: कहते हैं जुनून हो तो सपने साकार करने से कोई नहीं रोक सकता है. सफलता और सपने साकार करने के लिए उम्र, जाति, गरीबी, अमीरी मायने नहीं रखती. कुछ ऐसा ही कर रांची 7 वर्षीय प्रियंक ऑस्टिन ने. छत्तीसगढ़ में आयोजित एक प्रतियोगिता में प्रियंक ऑस्टिन ने मिस्टर इंडिया किड्स का खिताब जीतकर पूरे देश में झारखंड का नाम रोशन किया है (Ranchi Priyank Austin became Mr India Kids).
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दरअसल, पिछ्ले दिनों छत्तीसगढ़ के भिलाई शहर में ग्लैमरस प्रोडक्शन हाउस के द्वारा राष्ट्रीय स्तर मिस्टर इंडिया किड्स प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. जिसमें 7 साल से 15 साल के बच्चों ने हिस्सा लिया. कई राउंड में हुए इस प्रतियोगिता में सभी को पछाड़ते हुए रांची के रहने वाले सात वर्षीय प्रियंक ऑस्टिन ने जीत हासिल की. प्रियंक धुर्वा के सेक्टर-3 के समीप पुराने क्वार्टर में रहता है. प्रियंक कुमार की जीत के बाद कई लोग उसे घर पर बधाई देने आ रहे हैं तो परिवार के लोग भी प्रियंक कुमार की इस उपलब्धि से फूले नहीं समा रहे.
क्या कहते हैं प्रियंक: सात साल के प्रियंक कुमार ने बताया कि उनका शौक है कि वह बड़े होकर मॉडलर या फिर आईपीएस अधिकारी बने. क्योंकि उन्हें साफ और सुंदर दिखना अच्छा लगता है. वह हमेशा ही टीवी पर देखते हैं कि मॉडलर अच्छे-अच्छे कपड़े पहन कर लोगों के मन मोह लेते हैं, इसीलिए उन्हें भी बड़े होकर मॉडलिंग करने का शौक है. प्रियंक कुमार इस शौक को अभी से ही पूरा करने में जुट गए हैं.
प्रियंक की मां ने जाहिर की खुशी: प्रियंक की मां प्रिया बताती हैं कि वह पूणे में नौकरी करती थी लेकिन जब वह मां बनीं तो बच्चे की देखरेख और अच्छी परवरिश के लिए नौकरी छोड़ दी. जिसका फल आज उसे देखने को मिल रहा है. उन्होंने बताया कि आज के दौर में हर क्षेत्र में अच्छे विकल्प हैं. खेल, डांसिंग, गाने सहित विभिन्न क्षेत्रों में कई स्कोप हैं. आज से कुछ वर्ष पहले तक पढ़ाई के क्षेत्र में ही बेहतर स्कोप होते थे लेकिन आज दुनिया बदल रही है और पढ़ाई के अलावा विभिन्न क्षेत्रों में लोग देश, राज्य एवं समाज का नाम रोशन कर रहे हैं. इसलिए उन्होंने अपने बच्चे को डांसिंग और मॉडलिंग में आगे बढ़ाने का निर्णय लिया क्योंकि उन्होंने एक परिपक्व अभिभावक की तरह अपने बच्चे की रूचि और रुझान को समझा. उसके बाद उनके बेटे ने लगातार कई प्रतियोगिता में सफलता हासिल की.
अभिभावकों को एक संदेश: प्रिया ने सभी अभिभावकों के लिए एक संदेश दिया है. उन्होंने कहा कि अपने बच्चे के रुझान को देखें ना कि बच्चे के ऊपर अनावश्यक बोझ डालकर उसके टैलेंट को खराब करें. गौरतलब है कि आज की तारीख में कई ऐसे अभिभावक हैं जो यह मानते हैं की पढ़ाई के क्षेत्र में ही व्यक्ति आगे बढ़ सकता है लेकिन रांची के सात वर्षीय प्रियंक ऑस्टिन ने वैसे लोगों को संदेश दिया है कि सिर्फ पढ़ाई नहीं बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी व्यक्ति देश और समाज के लिए बेहतर कार्य कर अपना नाम रोशन कर सकता है.