रांचीः राजधानी के बीआईटी इलाके में रहने वाले राहुल कुमार वर्मा को रेलवे में नौकरी दिलवाने के नाम पर पैसे की ठगी करना महंगा पड़ा. जिन लोगो से राहुल ने पैसे लिए थे उन्ही में से कुछ ने अपने पैसे की वसूली के लिए राहुल को रांची के बरियातू इलाके से अगवा कर लिया था. हालांकि रांची पुलिस की सतर्कता की वजह से राहुल को बिहार के बांका जिले से सकुशल बरामद कर लिया गया है(Ranchi Police recovered kidnapped Rahul Kumar).
क्या है पूरा मामलाः रांची के बरियातू थाना क्षेत्र स्थित मालाबार कॉम्प्लेक्स के पास से तीन दिन पहले राहुल वर्मा को उस समय अगवा कर लिया गया था, जब वह सिंह मेडिकल में बैठकर दवाइयां खरीद रहा था. मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने आनन-फानन में बरियातू पुलिस को फोन कर यह जानकारी दी कि काले रंग की स्कॉर्पियो में आए कुछ लोग दवाई दुकान के पास बैठे एक युवक को जबरदस्ती अपने वाहन में बिठाकर ले गए हैं. मामले की जानकारी मिलने पर टेट्रा के जरिए सभी थानेदारों को यह निर्देश दिया गया कि वह अपने अपने इलाके में सघन चेकिंग अभियान चलाए, हालांकि अगवा करने वाले किसी तरह रांची से बाहर निकलने में कामयाब हो गए.
परिजन पहुंचे थाना, तब मिली जानकारीः पहले पुलिस को यह लगा कि राहुल को किसी अन्य राज्य की पुलिस ने उठाया है, लेकिन जब परिजन थाना पहुंचे तब जाकर पूरे मामले में खुलासा हुआ. परिजनों ने बताया कि राहुल को बिहार के बांका जिला के रहने वाला रोहित यादव अपने साथ उठाकर ले गया है. जानकारी मिलने के बाद रांची के सीनियर एसपी के द्वारा तुरंत एक टीम का गठन कर बरियातू थाना के पदाधिकारियों के साथ बांका जिला में छापेमारी करने को भेजा गया. इधर बरियातू थानेदार ज्ञानरंजन लगातार टेक्निकल टीम के साथ राहुल का लोकेशन जानने का प्रयास कर रहे थे, आखिरकार सोमवार की रात के तकरीबन एक बजे बांका पुलिस के सहयोग से राहुल को सकुशल मुक्त करवा लिया गया.
दो करोड़ की ठगी का आरोपः हालांकि पुलिस के पहुंचने से पहले राहुल को अगवा करने वाला रोहित यादव मौके से फरार हो गया. जांच के क्रम में यह जानकारी मिली है कि राहुल कुमार वर्मा ने बिहार के कई लोगों को रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर लगभग 2 करोड रुपए लिए थे. पैसे रोहित यादव के जरिए ही रांची में राहुल को मिले थे, लेकिन 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी किसी भी व्यक्ति की नौकरी रेलवे में नहीं लगी, जब लोग अपने पैसे मांगने लगे तब राहुल आनाकानी करने लगा. पैसे की वसूली को लेकर ही रोहित यादव रांची पहुंचा, लेकिन राहुल ने पैसे देने से इंकार कर दिया जिसके बाद दवाई दुकान से ही रोहित यादव ने राहुल को अगवा कर अपने साथ बांका ले आया. रोहित राहुल के परिजनों पर या दबाव डाल रहा था कि वे उसके पैसे वापस कर दे नहीं तो वह राहुल को जान से मार देगा.
एसएसपी लगातार रहे एक्टिवः रांची के सीनियर एसपी किशोर कौशल अपहरण के मामले को लेकर लगातार एक्टिव रहे, उन्होंने बांका एसपी डॉ सत्यप्रकाश को फोन कर पूरे मामले में रांची पुलिस की मदद करने का आग्रह किया था. बांका एसपी ने भी अपहरण कांड की गुत्थी को सुलझाने में रांची पुलिस की भरपूर मदद की. यही वजह है कि रांची पुलिस और बांका पुलिस के संयुक्त प्रयास में राहुल सकुशल बरामद कर लिया गया.
आरोपी की तलाशः रांची के सीनियर एसपी किशोर कौशल ने बताया कि आरोपी रोहित यादव की पहचान हो चुकी है. जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा. पुलिस की एक टीम उसके पीछे लगी हुई है.
दो करोड़ की वसूली के लिए हुआ था अपहरण, रांची पुलिस ने बिहार से करवाया मुक्त
रांची से अपहृत राहुल कुमार वर्मा को बिहार के बांका से बरामद कर लिया गया(Ranchi Police recovered kidnapped Rahul Kumar) है. राहुल ने रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर कई लोगों से पैसे लिए थे. उसी पैसे की वसूली के लिए उसका अपहरण किया गया था. हालांकि पुलिस राहुल के अपहरणकर्ता को गिरफ्तार नहीं कर पाई है.
रांचीः राजधानी के बीआईटी इलाके में रहने वाले राहुल कुमार वर्मा को रेलवे में नौकरी दिलवाने के नाम पर पैसे की ठगी करना महंगा पड़ा. जिन लोगो से राहुल ने पैसे लिए थे उन्ही में से कुछ ने अपने पैसे की वसूली के लिए राहुल को रांची के बरियातू इलाके से अगवा कर लिया था. हालांकि रांची पुलिस की सतर्कता की वजह से राहुल को बिहार के बांका जिले से सकुशल बरामद कर लिया गया है(Ranchi Police recovered kidnapped Rahul Kumar).
क्या है पूरा मामलाः रांची के बरियातू थाना क्षेत्र स्थित मालाबार कॉम्प्लेक्स के पास से तीन दिन पहले राहुल वर्मा को उस समय अगवा कर लिया गया था, जब वह सिंह मेडिकल में बैठकर दवाइयां खरीद रहा था. मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने आनन-फानन में बरियातू पुलिस को फोन कर यह जानकारी दी कि काले रंग की स्कॉर्पियो में आए कुछ लोग दवाई दुकान के पास बैठे एक युवक को जबरदस्ती अपने वाहन में बिठाकर ले गए हैं. मामले की जानकारी मिलने पर टेट्रा के जरिए सभी थानेदारों को यह निर्देश दिया गया कि वह अपने अपने इलाके में सघन चेकिंग अभियान चलाए, हालांकि अगवा करने वाले किसी तरह रांची से बाहर निकलने में कामयाब हो गए.
परिजन पहुंचे थाना, तब मिली जानकारीः पहले पुलिस को यह लगा कि राहुल को किसी अन्य राज्य की पुलिस ने उठाया है, लेकिन जब परिजन थाना पहुंचे तब जाकर पूरे मामले में खुलासा हुआ. परिजनों ने बताया कि राहुल को बिहार के बांका जिला के रहने वाला रोहित यादव अपने साथ उठाकर ले गया है. जानकारी मिलने के बाद रांची के सीनियर एसपी के द्वारा तुरंत एक टीम का गठन कर बरियातू थाना के पदाधिकारियों के साथ बांका जिला में छापेमारी करने को भेजा गया. इधर बरियातू थानेदार ज्ञानरंजन लगातार टेक्निकल टीम के साथ राहुल का लोकेशन जानने का प्रयास कर रहे थे, आखिरकार सोमवार की रात के तकरीबन एक बजे बांका पुलिस के सहयोग से राहुल को सकुशल मुक्त करवा लिया गया.
दो करोड़ की ठगी का आरोपः हालांकि पुलिस के पहुंचने से पहले राहुल को अगवा करने वाला रोहित यादव मौके से फरार हो गया. जांच के क्रम में यह जानकारी मिली है कि राहुल कुमार वर्मा ने बिहार के कई लोगों को रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर लगभग 2 करोड रुपए लिए थे. पैसे रोहित यादव के जरिए ही रांची में राहुल को मिले थे, लेकिन 2 वर्ष बीत जाने के बाद भी किसी भी व्यक्ति की नौकरी रेलवे में नहीं लगी, जब लोग अपने पैसे मांगने लगे तब राहुल आनाकानी करने लगा. पैसे की वसूली को लेकर ही रोहित यादव रांची पहुंचा, लेकिन राहुल ने पैसे देने से इंकार कर दिया जिसके बाद दवाई दुकान से ही रोहित यादव ने राहुल को अगवा कर अपने साथ बांका ले आया. रोहित राहुल के परिजनों पर या दबाव डाल रहा था कि वे उसके पैसे वापस कर दे नहीं तो वह राहुल को जान से मार देगा.
एसएसपी लगातार रहे एक्टिवः रांची के सीनियर एसपी किशोर कौशल अपहरण के मामले को लेकर लगातार एक्टिव रहे, उन्होंने बांका एसपी डॉ सत्यप्रकाश को फोन कर पूरे मामले में रांची पुलिस की मदद करने का आग्रह किया था. बांका एसपी ने भी अपहरण कांड की गुत्थी को सुलझाने में रांची पुलिस की भरपूर मदद की. यही वजह है कि रांची पुलिस और बांका पुलिस के संयुक्त प्रयास में राहुल सकुशल बरामद कर लिया गया.
आरोपी की तलाशः रांची के सीनियर एसपी किशोर कौशल ने बताया कि आरोपी रोहित यादव की पहचान हो चुकी है. जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा. पुलिस की एक टीम उसके पीछे लगी हुई है.