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Ranchi News: झारखंड के सात जिलों में ओबीसी आरक्षण पर उठा विवाद, जानिए इस पर विधि विशेषज्ञों की राय

झारखंड के सात जिले ऐसे है जहां ओबीसी को आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है. ऐसे में हेमंत सरकार ने उन्हें इडब्यूएस के तहत आरक्षण देने का फैसला किया है. उनके इसी फैसले पर जानिए विशेषज्ञों की राय.

Controversy over OBC reservation
ओबीसी को आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा
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Published : Aug 15, 2023, 8:55 AM IST

Updated : Aug 15, 2023, 11:09 AM IST

देखें पूरी खबर

रांची: झारखंड के जिन सात जिलों में पिछड़ा वर्ग एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग को कोई भी आरक्षण नहीं है, वहां इस श्रेणी के अर्हता प्राप्त विद्यार्थियों और अभ्यर्थियों को नौकरी तथा पढ़ाई में ईडब्ल्यूएस यानी आर्थिक रूप से कमजोर श्रेणी के लिए निर्धारित आरक्षण का लाभ देने के कैबिनेट के निर्णय पर सवाल उठने लगे हैं.

ये भी पढ़ें: झारखंड सरकार बच्चों को पढ़ने के लिए भेज रही विदेश, सीएम हेमंत सोरेन चयनीत विद्यार्थियों को कर रहे सम्मानित

विधि विशेषज्ञ बीएन शर्मा ने क्या कहा: संवैधानिक रूप से इसे गलत निर्णय बताते हुए विधि विशेषज्ञ बीएन शर्मा का मानना है कि आर्थिक रूप से कमजोर श्रेणी के लिए आरक्षण का प्रावधान उच्च वर्ग के लोगों के लिए है. ऐसे में यदि सरकार को राज्य के साथ जिलों में आरक्षण से वंचित पिछड़ा वर्ग को आरक्षण का लाभ देने की मंशा है तो उसे अन्य जिलों की तरह पिछड़ा वर्ग आरक्षण श्रेणी में रखने का प्रावधान करना चाहिए, ना कि ईडब्ल्यूएस श्रेणी में.

अधिवक्ता संजय विद्रोही ने क्या कहा: सरकार के निर्णय पर सवाल खड़ा करते हुए अधिवक्ता संजय विद्रोही कहते हैं कि सात जिलों के बजाय राज्य के सभी जिलों को ध्यान में रखकर निर्णय करना चाहिए था. ऐसे में जिन्हें इससे वंचित होना पड़ेगा वो हाईकोर्ट में गुहार लगाने के लिए विवश हो जायेंगे. गौरतलब है कि राज्य के लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, पश्चिम सिंहभूम, दुमका, लातेहार और खूंटी जिला में पिछड़ों के लिए जिला स्तर पर आरक्षण शून्य रहने की वजह से सदन से लेकर सड़क के बाहर तक आवाज उठ रही थी, जिसके बाद सरकार ने यह निर्णय लिया है.

आइये जानते हैं इन जिलों में जिलास्तरीय पदों के आरक्षण का वर्तमान स्थिति

  1. लातेहार- एसटी को 29 %, एससी को 21% और ईडब्ल्यूएस को 10%
  2. लोहरदगा और गुमला- एसटी को 47%, एससी को 03% और ईडब्ल्यूएस को 10%
  3. दुमका -एसटी को 45% एससी को 5% और ईडब्ल्यूएस को 10%
  4. पश्चिमी सिंहभूम -एसटी को 46 %, एससी को 4 % और ईडब्ल्यूएस को 10%
  5. सिमडेगा-एसटी को 43% एससी को 7% ईडब्ल्यूएस को 10%
  6. खूंटी- एसटी को 45%,एससी को 05% और ईडब्ल्यूएस को 10%

जिला स्तर पर आरक्षण में संशोधन: हेमंत सरकार के द्वारा जिला स्तरीय पदों पर आरक्षण कोटे में इस साल मार्च महीने में संशोधन किया था. जिसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10% आरक्षण को लागू किया गया था. इसके अतिरिक्त नए सिरे से आरक्षण का रोस्टर भी कार्मिक विभाग के द्वारा जारी किया गया था. जारी प्रावधान के तहत झारखंड में आरक्षण की अधिकतम सीमा 60% है. कार्मिक विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार जिला स्तरीय पदों के लिए आरक्षण का प्रावधान विभिन्न जिलों में अलग-अलग है. सरकार के इस फैसले के बाद एक बार फिर जिलास्तरीय पदों के लिए आरक्षण का अधिसूचना जारी होगी.

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रांची: झारखंड के जिन सात जिलों में पिछड़ा वर्ग एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग को कोई भी आरक्षण नहीं है, वहां इस श्रेणी के अर्हता प्राप्त विद्यार्थियों और अभ्यर्थियों को नौकरी तथा पढ़ाई में ईडब्ल्यूएस यानी आर्थिक रूप से कमजोर श्रेणी के लिए निर्धारित आरक्षण का लाभ देने के कैबिनेट के निर्णय पर सवाल उठने लगे हैं.

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विधि विशेषज्ञ बीएन शर्मा ने क्या कहा: संवैधानिक रूप से इसे गलत निर्णय बताते हुए विधि विशेषज्ञ बीएन शर्मा का मानना है कि आर्थिक रूप से कमजोर श्रेणी के लिए आरक्षण का प्रावधान उच्च वर्ग के लोगों के लिए है. ऐसे में यदि सरकार को राज्य के साथ जिलों में आरक्षण से वंचित पिछड़ा वर्ग को आरक्षण का लाभ देने की मंशा है तो उसे अन्य जिलों की तरह पिछड़ा वर्ग आरक्षण श्रेणी में रखने का प्रावधान करना चाहिए, ना कि ईडब्ल्यूएस श्रेणी में.

अधिवक्ता संजय विद्रोही ने क्या कहा: सरकार के निर्णय पर सवाल खड़ा करते हुए अधिवक्ता संजय विद्रोही कहते हैं कि सात जिलों के बजाय राज्य के सभी जिलों को ध्यान में रखकर निर्णय करना चाहिए था. ऐसे में जिन्हें इससे वंचित होना पड़ेगा वो हाईकोर्ट में गुहार लगाने के लिए विवश हो जायेंगे. गौरतलब है कि राज्य के लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, पश्चिम सिंहभूम, दुमका, लातेहार और खूंटी जिला में पिछड़ों के लिए जिला स्तर पर आरक्षण शून्य रहने की वजह से सदन से लेकर सड़क के बाहर तक आवाज उठ रही थी, जिसके बाद सरकार ने यह निर्णय लिया है.

आइये जानते हैं इन जिलों में जिलास्तरीय पदों के आरक्षण का वर्तमान स्थिति

  1. लातेहार- एसटी को 29 %, एससी को 21% और ईडब्ल्यूएस को 10%
  2. लोहरदगा और गुमला- एसटी को 47%, एससी को 03% और ईडब्ल्यूएस को 10%
  3. दुमका -एसटी को 45% एससी को 5% और ईडब्ल्यूएस को 10%
  4. पश्चिमी सिंहभूम -एसटी को 46 %, एससी को 4 % और ईडब्ल्यूएस को 10%
  5. सिमडेगा-एसटी को 43% एससी को 7% ईडब्ल्यूएस को 10%
  6. खूंटी- एसटी को 45%,एससी को 05% और ईडब्ल्यूएस को 10%

जिला स्तर पर आरक्षण में संशोधन: हेमंत सरकार के द्वारा जिला स्तरीय पदों पर आरक्षण कोटे में इस साल मार्च महीने में संशोधन किया था. जिसके तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 10% आरक्षण को लागू किया गया था. इसके अतिरिक्त नए सिरे से आरक्षण का रोस्टर भी कार्मिक विभाग के द्वारा जारी किया गया था. जारी प्रावधान के तहत झारखंड में आरक्षण की अधिकतम सीमा 60% है. कार्मिक विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार जिला स्तरीय पदों के लिए आरक्षण का प्रावधान विभिन्न जिलों में अलग-अलग है. सरकार के इस फैसले के बाद एक बार फिर जिलास्तरीय पदों के लिए आरक्षण का अधिसूचना जारी होगी.

Last Updated : Aug 15, 2023, 11:09 AM IST
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