रांची: किताबों के अभाव में पढ़ाई से वंचित रहने वाले युवाओं के लिए रांची सांसद संजय सेठ के द्वारा की गई बुक बैंक जैसी अनोखी पहल अब रंग लाने लगी है. ऐसे युवाओं के लिए खोली गई बुक बैंक में विगत तीन वर्षों में 19000 परिवारों ने 2 लाख, 75000 से अधिक पुस्तकें देकर गरीब विद्यार्थियों को इसका लाभ पहुंचाने का काम किया है. बुक बैंक के तीन वर्ष पूरे होने पर रांची सांसद संजय सेठ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब बुक बैंक के बारे में जाना तो काफी सराहना की और हमें उनसे काफी कुछ प्रेरणा भी मिली. बुक बैंक के अलावे पीएम मोदी के ही प्रेरणा से बच्चों के लिए खिलौना बैंक खोला गया है. जिसमें करीब एक लाख खिलौने लोगों के द्वारा प्राप्त हुए हैं.
20 पुस्तकों से शुरू हुआ था बुक बैंक, वर्तमान में हैं लाखों किताबेंः इस बुक बैंक के जरिए ना केवल रांची, बल्कि हजारीबाग, गिरिडीह, गुमला, खूंटी, रामगढ़, लातेहार, पलामू जैसे जिले के विद्यार्थियों को भी लाभ पहुंचाने की कोशिश की गई है. ऐसे जिलों के विद्यार्थी जो रांची में रहकर अपनी पढ़ाई कर रहे हैं वह तो इसका लाभ ले ही रहे हैं, इसके अलावे अन्य जिलों में रहने वाले विद्यार्थी भी इस बुक बैंक के जरिए किताबें लेकर पढ़ाई कर रहे हैं. रांची सांसद संजय सेठ के अनुसार बुक बैंक के माध्यम से 80 हजार से अधिक विद्यार्थी सीधे रूप से जुड़े हैं और यह लगातार आगे भी जारी रहेगा.
विधायक सीपी सिंह ने सांसद की पहल को सराहाः वहीं इस मौके पर भाजपा विधायक सीपी सिंह ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि महंगाई के इस दौर में किताबें भी महंगी मिल रही हैं. ऐसे में गरीब बच्चों को किताब खरीदना बेहद ही परेशानी भरा काम है. ऐसे में यह बुक बैंक उनको सहायता पहुंचाने का काम कर रही है. उन्होंने स्थानीय सांसद संजय सेठ के इस कार्य की सराहना करते हुए कहा कि यह बुक बैंक अब एक साइकिल का रूप ले चुका है. जहां पर विद्यार्थी अपने पूर्ववर्ती कक्षाओं की किताबें लाकर देते हैं और नई कक्षाओं की किताबें लेकर जाते हैं.
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