रांचीः जेलर नसीम से ईडी दफ्तर में पूछताछ शुरू हो गई है. जेल से ईडी अफसरों के खिलाफ साजिश मामले में कौन कौन वीआईपी कैदी शामिल थे और उसमें जेलर सहित अन्य जेलकर्मियो और अफसरों की क्या भूमिका थी, इस संबंध में जेलर नसीम से पूछताछ की जा रही है. गौरतलब है कि सोमवार को ईडी के द्वारा रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार के जेल सुपरिंटेंडेंट, जेलर और हेड क्लर्क को पूछताछ के लिए समन जारी किया गया था. मंगलवार को जेल के बड़ा बाबू दानिश से ईडी ने लंबी पूछताछ की थी.
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समय से जेलर पहुंचे ईडी दफ्तरः ईडी ने समन जारी कर जेलर नसीम को बुधवार को दिन के 11 बजे पूछताछ के लिए बुलाया था. समन जारी होने के बाद जेलर बुधवार को तय समय पर ईडी दफ्तर पहुच गए थे. जेलर के दफ्तर पहुंचने के कुछ ही देर बाद उनसे पूछताछ भी शुरू कर दी गई. ईडी जेल में बंद आरोपियों को जेल में सुविधाएं मुहैया कराना, गवाहों को प्रभावित करने से जुड़े मामले में ईडी रांची जेल के जेलर नसीम से पूछताछ कर रही है. जेल अधीक्षक हामिद अख्तर से गुरुवार को पूछताछ होगी. ईडी की जांच में यह बात सामने आयी है कि प्रेम प्रकाश के प्रभाव में रांची जिले से दोनों जेल अधिकारियों को आर्म्स का लाइसेंस भी जारी हुआ था. वहीं जेल के अलग अलग लोगों को प्रेम प्रकाश ने उनकी जरूरतें पूरी करा, उनका इस्तेमाल भी किया.
बड़ा बाबू ने कहा था अफसरों के दबाब में किया कामः गौरतलब है कि मंगलवार को ईडी ने जेल के बड़ा बाबू दानिश से लगभग नौ घंटे तक पूछताछ की थी, दिन के 11 बजे के करीब दानिश ईडी के जोनल कार्यालय पहुचे थे. ईडी ने जेल में बंद मनी लाउंड्रिंग के आरोपी प्रेम प्रकाश, अमित अग्रवाल समेत अन्य को सुविधाएं देने के आरोप में दानिश से सवाल पूछे. पूछताछ के दौरान दानिश ने यह कबूल किया कि आरोपियों ने उसके मोबाइल का प्रयोग किया था. दानिश के मोबाइल फोन से ही ईडी के गवाहों को धमकी दी गई थी. इस बाबत पूछे जाने पर दानिश ने स्वीकार किया है कि जेल अफसरों के कहने पर उसने अपना फोन आरोपियों को दिया था. ईडी के गवाहों ने भी धमकी मिलने के बाद दानिश का ही नंबर ही ईडी को दिया था. ईडी अब दानिश के जब्त मोबाइल के डाटा की रिकवरी कराएगा, साथ ही दानिश के मोबाइल की फॉरेंसिक जांच भी कराएगी.