रांची: राजधानी में एक ऐसा गिरोह सक्रिय हो चुका है जो बैंक से पैसा निकाल कर घर जाने वाले लोगों को टारगेट कर रहा है. इस गिरोह के सदस्य बैंक से पैसा निकालने वालों की रेकी करते हैं और फिर मौका मिकते ही उनसे पैसे छिनतई कर फरार हो जाते हैं. राजधानी में एक ही दिन में दो ऐसे दो मामले रिपोर्ट हुए हैं. पुलिस ने भी लोगों को ऐसे गिरोह से सावधान रहने की अपील की है.
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गुरुवार को दो मामले आए सामने: बीते गुरुवार को एक ही दिन में दो ऐसे मामले सामने आए जिनमें बैंक से पैसा निकाल कर वापस लौट रहे दो लोगों को गिरोह के लोगों के द्वारा निशाना बनाया गया. पहली वारदात रांची के लालपुर थाना क्षेत्र में घटी जहां आईसीआईसी बैंक से पैसा निकाल कर वापस लौट रहे एक बिल्डर के कर्मचारी से अपराधियों ने 6.32 लाख रुपये लूट लिए. गुरुवार को ही रांची के बरियातू थाना क्षेत्र के मोराबादी स्थित बैंक ऑफ इंडिया से पैसा निकाल कर जा रहे प्रदीप कुमार सिंह को झांसा देकर अपराधियों ने दो लाख रुपये झपट कर फरार हो गए. दोनों ही मामलों में लालपुर और बरियातू थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है, हालांकि सीसीटीवी फुटेज मिलने के बावजूद अभी तक दोनो ही मामलों में कोई अपराधी गिरफ्तार नहीं पाया है.
बिहार और एमपी के गिरोह पर शक: लालपुर और बरियातू दोनों ही कांडों को सुलझाने के लिए पुलिस मेहनत कर रही है. पुलिस को राज्य के बाहर के गिरोह के शामिल होने के संकेत मिले है. बिहार और मध्य प्रदेश के कुछ गिरोह राजधानी में इस तरह की घटनाओं को पूर्व में अंजाम दे चुके हैं. ऐसी घटनाओं को अंजाम देने में बिहार के कटिहार के कोढ़ा गिरोह और एमपी के कुछ गिरोहों को महारत हासिल है. दो साल पहले भी इस गिरोह के द्वारा एक दर्जन से ज्यादा छिनतई की वारदातों को अंजाम दिया गया था, जिनमें अधिकांश मामले बैंक से पैसा निकालने के बाद छिनतई के थे. उस दौरान पुलिस ने कोढ़ा गिरोह के एक दर्जन से ज्यादा सदस्यों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, जिसके बाद इस तरह के मामले काफी थक गए थे.
बैंक से ही करते है रेकी: कोटा बैंक के सदस्य बैंक या एटीएम के बाहर से पैसा निकालने वालो की रेकी करते है, खासकर वैसे लोग जो अकेले बैंक से पैसा निकाल कर जाते हैं वह इस गिरोह के लिए आसान टारगेट होते हैं. राजधानी में अभी जो दो घटनाएं घटी है उसमें भी पैसे निकालने वाले अकेले ही बैंक गए थे और फिर अकेले ही घर लौट रहे थे.
लूट के बाद छोड़ देते हैं शहर: इस गिरोह के सदस्य लूट की वारदात को अंजाम देने के तुरंत बाद शहर छोड़ देते हैं उसके बाद यह दो से तीन महीनों तक दूसरे शहरों में इसी तरह की घटनाओं को अंजाम देते हैं. अगर पुलिस का ज्यादा खतरा बढ़ता है तो यह लोग बिहार भाग जाते हैं.
अपराधियों की तलाश जारी: रांची के सीनियर एसपी किशोर कौशल ने बताया कि हाल में जो घटनाएं घटी है उनके उदभेदन के लिए एक एसआईटी का गठन किया गया है. लेकिन ऐसी घटनाएं दोबारा घटित ना हो इसके लिए पुलिस के द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है .सभी थाना प्रभारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में पढ़ने वाले बैंकों पर नजर रखें बैंक के अंदर अगर कोई भी संदिग्ध व्यक्ति नजर आता है तो उससे पूछता जरूर करें. बैंक अधिकारियों को भी निर्देश दिया गया है कि वे अपने बैंक के अंदर संदिग्धों को पहचान कर पुलिस को बताए.