रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ की आमसभा में शामिल हुए (CM Hemant Soren attended general meeting of JHASA). उन्होंने कहा कि वह झारखंड में प्रशासनिक सुधार के लिए देवाशीष गुप्ता कमिटी बनाई थी, जिसका रिपोर्ट भी आ गया है. अब उनकी इच्छा है कि इसका अध्ययन कराकर किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जाए कि कैसे राज्य में प्रशासनिक सुधार संभव है.
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रविवार झासा की आमसभा में अधिकारियों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से प्रमोशन, महिलाओं के CCL, संघ भवन के लिए जमीन, पदस्थापन सहित कई लंबित मांगों का जिक्र किया और उसे पूरा करने का आग्रह किया. संघ के अध्यक्ष ने कहा कि करीब डेढ़ साल पहले की गई एक भी घोषणा पूरी नहीं हुई है. प्रपत्र गठित कर छोटी छोटी बातों के लिए प्रताड़ित किया जाता है, इसकी समीक्षा करें कि 2 साल 3 साल तक चलता रहता है.
सरकार प्रशासनिक सुधार के लिए संकल्पित-सीएमः इस आमसभा में मुख्यमंत्री ने झासा की ओर से प्रकाशित स्मारिका दस्तक का विमोचन किया और उसके बाद कहा कि हमारी इच्छा राज्य के प्रशासनिक तंत्र को मजबूत करने की है. जिला स्तर पर शिक्षा और स्वास्थ्य की व्यवस्था को मजबूत करने की ताकि प्रशासनिक कार्यो से जुड़े अधिकारी प्रखंड और जिले में जनता की सेवा करें. इसके साथ ही उनके परिवार के लोगों बच्चों को अच्छी शिक्षा तथा स्वास्थ्य की चिंता न हो. उन्होंने झासा के अधिकारियों से कहा कि आप राज्य की जनता का ख्याल रखें हम आपका ख्याल रखेंगे (JHASA general meeting in Ranchi).
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार हर जिला में मॉडल स्कूल खोलने जा रही है. सरकार बनने के बाद शुरुआती 02 वर्ष कोरोना जैसी महामारी की वजह से उथल पुथल का वर्ष रहा है. प्रशासनिक सुधार आयोग बनाया था जिसकी रिपोर्ट तो आयी लेकिन अध्ययन नहीं हुआ, यह हमें बहुत कचोटता है कि संसाधनों वाला राज्य होने के बावजूद चुनौती बहुत है. मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि संघ की जायज मांगों को वह जरूर पूरा करेंगे.
झासा की प्रमुख मांगेंः झारखंड प्रशासनिक सेवा संघ झासा ने जो मुख्य मांगें मुख्यमंत्री के सामने रखीं, उनमें मूल कोटि में वेतन बढ़ोतरी की है. जिसमें उन्होंने कहा कि पौने दो वर्ष पहले आदेश के बाद भी काम नहीं हुआ, उसे निर्गत कराया जाए. इसके साथ साथ सेवा को प्रीमियम सर्विस की सैद्धांतिक रूप से घोषणा की जाए. प्रखंड एवं अंचल में नहीं रहने वाले अधिकारियों की पीड़ा समझें, अंचल गार्ड की बहाली हो, अलग बटालियन का गठन नहीं हुआ, उसे किया जाए. 76 नए आवासों की स्वीकृति के बावजूद आवास की भी दिक्कत है. वर्ष 2014 में अंतिम कैबिनेट में 1000 चिकित्सा भत्ता के जगह 10 लाख रुपए का मूल और 90 लाख का टॉपअप हेल्थ बीमा चिकित्सा प्रतिपूर्ति की अनुशंसा के बावजूद अभी तक यह लागू नहीं हुआ है, इसे जल्द लागू कराया जाए. महिलाओं के लिए CCL का लाभ दिया जाए, जो 02 वर्षो के लिए सवैतनिक (18 वर्षो तक ) के लिए हो. IAS अधिकारियों की तरह JAS अधिकारियों को भी समय पर दें प्रोन्नति और पदस्थापन दिया जाए. रेवेन्यू प्रोटेक्शन एक्ट राजस्व अधिकारियों पर भी लागू हो.