रांचीः पिछले दिनों दिल्ली के रोहिणी कोर्ट परिसर में शूटआउट की घटना घटी. इस घटना के बाद रांची व्यवहार न्यायालय परिसर की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई, लेकिन पर्याप्त नहीं है. स्थिति यह है कि सिविल कोर्ट परिसर में प्रवेश करने के लिए तीन गेट है, जिस पर पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं. मुख्य प्रवेश द्वार पर तैनात पुलिसकर्मी कोर्ट परिसर में जाने वाले लोगों की जांच करते हैं, जो सिर्फ खानापूर्ति है. प्रवेश द्वार पर ना हीं मेटल डिटेक्टर लगाए गए हैं और ना हीं तैनात पुलिसकर्मियों के हाथ में हैंड मेटल डिटेक्टर उपलब्ध कराए गए हैं.
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बार काउंसिल के प्रवक्ता संजय कुमार विद्रोही ने कोर्ट परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि कोर्ट की सुरक्षा को लेकर रांची पुलिस चेत नहीं रही है. उन्होंने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया से जुड़े अधिकारियों के साथ साथ वकील सबसे ज्यादा खतरे में हैं. इसकी वजह है सीधा आपराधिक तत्वों से सामना होना. उसके पक्ष और विपक्ष में फैसला सुनाया जाता है. इसके बावजूद सुरक्षा के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है.
मैनुअल की जा रही है जांच
रांची व्यवहार न्यायालय में अपने केस के सिलसिले में पहुंचे मुवक्किल ने बताया कि कोर्ट में प्रवेश करने से पहले थैला और बैग को चेक किया गया. पुलिस की ओर से मैनुअल जांच करने के बाद ही जाने दिया गया. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से चेकिंग होनी चाहिए थी, वह नहीं हुई. कोर्ट परिसर में सुरक्षा व्यवस्था और दुरुस्त होनी चाहिए.
कार से आने वाले लोगों की जांच नहीं
अधिवक्ता रंजन कुमार ने कहा कि रांची सिविल कोर्ट में थोड़ी सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई गई है, लेकिन इस सुरक्षा व्यवस्था में और सुधार की जरूरत है. कोर्ट परिसर में पैदल प्रवेश करने वाले लोगों की जांच की जा रही है, लेकिन कार से आने वाले लोगों की जांच नहीं की जा रही है.
लगाया जाएगा सीसीटीवी कैमरा
सिटी एसपी सौरभ कुमार ने कहा कि कोर्ट परिसर की सुरक्षा को लेकर सतर्क है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों कोर्ट सुरक्षा की ऑडिट की गई, जिसमें कई बिंदुओं पर कोर्ट और जिला प्रशासन से सहयोग मांगा गया है. उन्होंने कहा कि कोर्ट परिसर में सीसीटीवी कैमरा भी लगाया जा रहा है. इसके साथ ही कोर्ट परिसर में काम करने वाले कर्मियों को आई कार्ड उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि आने-जाने वाले लोगों पर नजर रखी जा सके.