रांचीः कोरोना ने एक बात तो सीखा ही दिया है कि अगर आपके पास अच्छा स्वास्थ्य नहीं है तो आप खतरे में हैं. इसलिए जरूरी है कि हेल्दी फूड खाया जाए. यही वजह है कि अब लोग जंक फूड से दूरी बना रहे हैं लेकिन हेल्दी स्नैक्स की समस्या बनी हुई है. क्योंकि एकल परिवार की वजह से घरों में परंपरागत स्नैक्स बनाने का चलन तो करीब-करीब खत्म ही हो चुका है. लिहाजा डायबिटिज, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है.
इन लोगों की इन परेशानियों को समझते हुए रांची के इंटरप्योनोर कमल कुमार अग्रवाल ने कुछ ऐसा स्नैक्स तैयार किया है जो स्वाद के साथ-साथ आपकी सेहत को भी ठीक रखेगा. झारखंड की राजधानी रांची के चुटिया में रहने वाले कमल कुमार अग्रवाल का यह स्टार्ट अप बेहद अनूठा है. उन्होंने आलू यानी पोटेटो चिप्स की जगह मड़ुआ यानी रागी और कॉर्न का चिप्स और स्टिक बनाना शुरू किया है.
क्या हैं रागी के गुणः मड़ुआ स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक होता है. इसके सेवन से मोटापा कंट्रोल होता है. इसमें 80 प्रतिशत कैल्शियम होता है जो हड्डियों को मजबूत बनाता है. रिच फाइबर और शुगर फ्री होने के कारण यह डायबिटिक लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है. कमल कुमार अग्रवाल पेशे से कैटरिंग का कारोबार चलाते हैं. उन्होंने ईटीवी भारत के ब्यूरो चीफ राजेश कुमार सिंह से विशेष बातचीत के दौरान अपना आइडिया साझा किया.
उन्होंने कहा कि अब लोग जंक फूड और पैकेट वाले स्नैक्स से ऊब चुके हैं, आज लोग अपनी सेहत पर ध्यान दे रहे हैं. इसी मकसद से उन्होंने रागी और मकई से तैयार चिप्स और स्टिक बनाया है. उन्होंने कहा कि इसको बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. इसके अलावा उन्होंने गेंहू का मुरमुरा तैयार किया है. इसे चावल के मुरमुरे के विकल्प के रूप में बनाया है जो डायबिटिक लोगों के लिए फायदेमंद होगा.
कमल कुमार अग्रवाल कैटरिंग के क्षेत्र में बेहद चर्चित हैं, वो फूड प्रोडक्ट पर हेल्थ प्वाइंट ऑफ व्यू से इनोवेशन करते रहते हैं. उन्होंने कोरोना काल में इम्युनिटी बूस्टर रसगुल्ला और दूसरे वेव के दौरान इम्युनिटी बूस्टर चॉकलेट तैयार किया था. कोरोना जैसी त्रासदी के दौर में उनके इस प्रयोग को खूब सराहना मिली थी. सेहतमंद और टेस्टी फूड तैयार करने के लिए उन्हें कई अवार्ड भी मिल चुके हैं. उन्होंने कहा कि रागी वाले कांसेप्ट को व्यापक रूप देना है. फिलहाल लाइसेंसिंग की प्रक्रिया चल रही है और परिचितों के काउंटर पर सप्लाई कर रहे हैं, जिसे लोग हाथों हाथ खरीद रहे हैं.