रांची: गैंगस्टर अमन श्रीवास्तव के मामा अभिक श्रीवास्तव की ओर से दायर जमानत याचिका पर रांची व्यवहार न्यायालय (Ranchi Civil Court) स्थित एटीएस के विशेष अदालत में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने एटीएस से केस डायरी की मांग की. उसके बाद अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 23 फरवरी की तिथि निर्धारित की है. आज फिर मामले की सुनवाई होगी जहां अदालत केस की डायरी देखेगी.
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अमन श्रीवास्तव के गिरोह के 12 अपराधी अब तक गिरफ्तार: गैंगस्टर अमन श्रीवास्तव गिरोह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए एटीएस की टीम में रांची, लातेहार, चतरा के अलावा कई दूसरे राज्यों से अपराधियों की गिरफ्तारी की थी. जिन्हें रांची एटीएस कोर्ट (Ranchi ATS court) में पेश कर जेल भेज दिया गया है. अब तक अमन श्रीवास्तव के गिरोह के 12 अपराधियों को एटीएस गिरफ्तारी करने में सफल हो पाई है. इस मामले में आरोपी अभिक श्रीवास्तव, सिद्धार्थ साव और चंद्रप्रकाश रानू ने जमानत के लिए अदालत से राहत की गुहार लगाई है. वहीं, गिरफ्तारी के डर से एक आरोपी अक्षय लकड़ा ने अग्रिम जमानत याचिका दायर किया है.
एटीएस की टीम ने इन अपराधियों पर लेवी के पैसे खपाने का आरोप लगाया है. इसके साथ ही अपराधियों पर ब्लैक मनी को व्हाइट करने, रिश्वत के पैसे से हथियार सप्लाई करने सहित कई आरोप हैं. एटीएस लगातार और संगठित गिरोह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर रही है और अपराधियों का कनेक्शन खंगालने में जुटी है.
झारखंड में तीन गिरोह का सबसे ज्यादा दहशत: पिछले कुछ सालों में गैंगस्टर अमन श्रीवास्तव गिरोह झारखंड पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभरा है. यूं तो झारखंड में एक दर्जन से अधिक बड़े अपराधी सक्रिय हैं, लेकिन वर्तमान समय में सबसे ज्यादा दहशत तीन गिरोहों का है. इनमें अमन साव, अमन श्रीवास्तव और अमन सिंह गिरोह झारखंड में शांति व्यवस्था के दुश्मन के तौर पर सामने आए हैं. अमन साव और अमन सिंह तो जेल में बंद हैं, लेकिन अमन श्रीवास्तव जेल से बाहर है.
पूरे झारखंड में गैंगस्टर अमन श्रीवास्तव का आतंक: रांची सहित झारखंड में गैंगस्टर अमन श्रीवास्तव गिरोह का आतंक है. रांची, हजारीबाग, पतरातू, लातेहार, चतरा, लातेहार, धनबाद के कोयला कारोबारियों, ट्रांसपोर्टर, आउटसोर्सिंग कंपनियों से जुड़े व्यवसायियों से अमन गैंग रंगदारी वसूलता है. वर्तमान समय में इस गिरोह का आतंक कोयलांचल में सिर चढ़कर बोल रहा था. रंगदारी को इस गिरोह ने पेशा बना लिया था. रंगदारी देने से इनकार करने वालों के घरों पर यह गिरोह दिनदहाड़े हमले करता था और कई को सिर्फ इस वजह से मार डाला क्योंकि उन्होंने पैसे देने से इंकार कर दिया.