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सहायक पुलिसकर्मियों के आंदोलन से टकराएगा गुलाब तूफान

अपनी मांगों को लेकर सहायक पुलिसकर्मी राजधानी को मोराबादी मैदान में डटे हुए हैं. खराब मौसम के बावजूद सहायक पुलिसकर्मियों का मनोबल कम नहीं हुआ है. गुलाब तूफान को लेकर अगले दो दिनों तक रांची में अलर्ट है और आने वाले दो दिनों में उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना होगा.

ranchi assistant policeman strike
रांची में सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलन
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Published : Sep 28, 2021, 11:42 AM IST

Updated : Sep 28, 2021, 3:07 PM IST

रांची: झारखंड के ढाई हजार सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलन एक बार फिर तेज हो गया है. बड़ी संख्या में अपनी मांगों को लेकर सहायक पुलिसकर्मी राजधानी के मोराबादी मैदान में डेरा जमा चुके हैं. खुले आसमान में आंदोलन कर रहे सहायक पुलिसकर्मियों के लिए आने वाले 2 दिन बड़ी मुश्किलें पैदा करेंगे क्योंकि चक्रवाती तूफान गुलाब का असर रांची में मंगलवार की देर शाम से ही दिखने लगेगा है.

यह भी पढ़ें: सरकार से आर-पार की लड़ाई के मूड में सहायक पुलिसकर्मी, मोरहाबादी में जुटान

जारी रहेगा आंदोलन

सरकार से आर-पार की लड़ाई के मूड में राजधानी आए सहायक पुलिसकर्मियों ने साफ कर दिया है कि इस बार वे किसी भी कीमत पर बिना अपनी मांगें मनवाए बगैर वापस नहीं लौटेंगे. हालांकि, अगले 2 दिन तक सहायक पुलिसकर्मियों को मौसम से भी टकराना होगा क्योंकि चक्रवाती तूफान गुलाब का असर अगले दो दिनों तक राजधानी में दिखेगा और इस दौरान काफी तेज बारिश होने की संभावना है. हालांकि, सभी सहायक पुलिस कर्मियों को यह पता है कि तेज बारिश होने वाली है लेकिन इसके बावजूद उनका मनोबल कम नहीं हुआ है. सहायक पुलिस कर्मी अपने साथियों के साथ मिलकर लगातार मोराबादी मैदान में अपने लिए अस्थाई आशियाना बना रहे हैं ताकि बारिश और तूफान से बचा जा सके.

देखें पूरी खबर

तीन सालों तक सड़क से लेकर जंगल तक लोगों की सुरक्षा का हर पल ख्याल रखने वाले सहायक पुलिसकर्मी अब बेबस हो चले हैं. पहले दिन तक सहायक पुलिसकर्मी कड़ी धूप का सामना कर रहे थे, लेकिन अब बारिश ने उन्हें पस्त कर दिया है. चक्रवाती तूफान गुलाब के असर की वजह से राजधानी रांची में मौसम खराब है और रुक-रुककर बारिश हो रही है. जिसकी वजह से आंदोलन कर रहे सहायक पुलिसकर्मी लगातार भीग रहे हैं.

प्लास्टिक बना सहारा

आंदोलन कर रहे हैं सहायक पुलिसकर्मियों के लिए बारिश से बचने का एकमात्र उपाय प्लास्टिक है. जैसे ही बारिश शुरू होती है मोराबादी मैदान का नजारा बदल जाता है. छोटे-छोटे प्लास्टिक के सहारे तंबू बनाए जाते हैं और उनमें सहायक पुलिसकर्मी अपने द्वारा लाए गए सामानों को बारिश से बचाने की जुगत में लग जाते हैं. खुद भीगने से बचने के लिए मोराबादी मैदान में लगे पेड़ों के आसपास छिप जाते हैं. फिर जैसे ही बारिश खत्म होती है, दोबारा मैदान में आकर आंदोलन में जम जाते हैं.

रांची: झारखंड के ढाई हजार सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलन एक बार फिर तेज हो गया है. बड़ी संख्या में अपनी मांगों को लेकर सहायक पुलिसकर्मी राजधानी के मोराबादी मैदान में डेरा जमा चुके हैं. खुले आसमान में आंदोलन कर रहे सहायक पुलिसकर्मियों के लिए आने वाले 2 दिन बड़ी मुश्किलें पैदा करेंगे क्योंकि चक्रवाती तूफान गुलाब का असर रांची में मंगलवार की देर शाम से ही दिखने लगेगा है.

यह भी पढ़ें: सरकार से आर-पार की लड़ाई के मूड में सहायक पुलिसकर्मी, मोरहाबादी में जुटान

जारी रहेगा आंदोलन

सरकार से आर-पार की लड़ाई के मूड में राजधानी आए सहायक पुलिसकर्मियों ने साफ कर दिया है कि इस बार वे किसी भी कीमत पर बिना अपनी मांगें मनवाए बगैर वापस नहीं लौटेंगे. हालांकि, अगले 2 दिन तक सहायक पुलिसकर्मियों को मौसम से भी टकराना होगा क्योंकि चक्रवाती तूफान गुलाब का असर अगले दो दिनों तक राजधानी में दिखेगा और इस दौरान काफी तेज बारिश होने की संभावना है. हालांकि, सभी सहायक पुलिस कर्मियों को यह पता है कि तेज बारिश होने वाली है लेकिन इसके बावजूद उनका मनोबल कम नहीं हुआ है. सहायक पुलिस कर्मी अपने साथियों के साथ मिलकर लगातार मोराबादी मैदान में अपने लिए अस्थाई आशियाना बना रहे हैं ताकि बारिश और तूफान से बचा जा सके.

देखें पूरी खबर

तीन सालों तक सड़क से लेकर जंगल तक लोगों की सुरक्षा का हर पल ख्याल रखने वाले सहायक पुलिसकर्मी अब बेबस हो चले हैं. पहले दिन तक सहायक पुलिसकर्मी कड़ी धूप का सामना कर रहे थे, लेकिन अब बारिश ने उन्हें पस्त कर दिया है. चक्रवाती तूफान गुलाब के असर की वजह से राजधानी रांची में मौसम खराब है और रुक-रुककर बारिश हो रही है. जिसकी वजह से आंदोलन कर रहे सहायक पुलिसकर्मी लगातार भीग रहे हैं.

प्लास्टिक बना सहारा

आंदोलन कर रहे हैं सहायक पुलिसकर्मियों के लिए बारिश से बचने का एकमात्र उपाय प्लास्टिक है. जैसे ही बारिश शुरू होती है मोराबादी मैदान का नजारा बदल जाता है. छोटे-छोटे प्लास्टिक के सहारे तंबू बनाए जाते हैं और उनमें सहायक पुलिसकर्मी अपने द्वारा लाए गए सामानों को बारिश से बचाने की जुगत में लग जाते हैं. खुद भीगने से बचने के लिए मोराबादी मैदान में लगे पेड़ों के आसपास छिप जाते हैं. फिर जैसे ही बारिश खत्म होती है, दोबारा मैदान में आकर आंदोलन में जम जाते हैं.

Last Updated : Sep 28, 2021, 3:07 PM IST
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