रांची: लोकतंत्र में जनप्रतिनिधियों का दर्जा प्रशासन से ऊपर माना गया है, उनके निर्देशों को मानने के लिए प्रशासन तत्परता से कार्य करती है लेकिन रांची में काम इसके विपरीत ही हो रहा है. दरअसल, 28 अगस्त को रांची सांसद संजय सेठ ने बड़ा तालाब के सौंदर्यीकरण को लेकर चल रहे कार्यों का निरीक्षण किया था और इस दौरान उन्होंने जिला प्रशासन को कई निर्देश दिए थे. लेकिन जिला प्रशासन उन निर्देशों पर अमल नहीं कर रहा है.
क्या था निर्देश
बड़ा तालाब के सौंदर्यीकरण को लेकर संजय सेठ ने वहां गाड़ियों को धोने और आसपास में बड़ी गाड़ियों को खड़े करने वालों पर प्रशासन को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था. सांसद का निर्देश था कि तालाब की बैरिकेडिंग कर दी जाए और तालाब को किसी भी तरह गंदा करते जो भी लोग नजर आए उनपर कार्रवाई की जाए. वहीं, 31 दिसम्बर तक कंस्ट्रक्शन कंपनी को बड़ा तालाब सौंदर्यीकरण का काम पूरा करने का निर्देश भी रांची सांसद संजय सेठ ने किया था.
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उन्होंने पिछले दिनों बड़ा तालाब का निरीक्षण कर सीधे तौर पर कहा था कि अगर सौंदर्यीकरण का काम पूरा नहीं होता है तो आगे का काम दूसरी कंस्ट्रक्शन कंपनी को दे दिया जाएगा. लेकिन सांसद के निर्देशों के बादजूद बड़ा तालाब के पास न ही गाड़ियों को धोने का सिलसिला रूका है, न ही वहां गाड़ियों की पार्किंग ही बंद हुई है. मंगलवार को बड़ी संख्या में वहां गाड़ियां धुलती नजर आई तो वहीं गाड़ियों की लंबी कतार भी खड़ी दिखी.