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रांचीः 70 कोरोना के संदिग्धों में 69 की रिपोर्ट आयी नेगेटिव, रिम्स प्रबंधन उठा रहा है प्रभावी कदम

झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में कोरोना संदिग्धों का उपचार जारी है. हालांकि कोरोना के संदिग्धों की सूची अभी तक जारी नहीं हुई है. रिम्स प्रबंधन ने महामारी को देखते हुए कुछ कड़े कदम उठाने का निर्णय लेते हुए विशेष दिशा निर्देश जारी किए हैं.

रिम्स प्रबंधन
रिम्स प्रबंधन
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Published : Apr 2, 2020, 9:45 AM IST

रांची: झारखंड में कोरोना को लेकर सरकार और जिला प्रशासन पूरी तरह से चौकस है. सभी जगह एहतियात के तौर पर कदम उठाए जा रहे हैं. स्वास्थ्य कदम लगातार एक्शन ले रहा है. इसी क्रम में बुधवार को राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में कुल 70 संदिग्ध लोगों का सैंपल लिया गया जिसमें 69 संदिग्धों की रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है तो वहीं एक मरीज की रिपोर्ट आना बाकी है.

वहीं मिली जानकारी के अनुसार पूरे राज्य से अब तक कुल 423 लोगों का सैंपल लिया जा चुका है. आपको बता दें स्वास्थ्य विभाग ने पूरे राज्य के कोरोना के संदिग्धों की सूची बुधवार को भी जारी नहीं की.

कोरोना के संदिग्धों का हंगामा, लैब टेक्नीशियनों के साथ की बदतमीजी
रिम्स अस्पताल में कुल 70 संदिग्धों में से 48 संदिग्ध हिंदपीढ़ी के रहने वाले थे. जब हिंदपीढ़ी के रहने वाले लोगों की जांच लैब टेक्नीशियन द्वारा की जाने लगी तो कई लोगों ने इसका विरोध किया.

लैब टेक्नीशियन ने बताया कि जिस प्रकार से कोरोना के संदिग्ध द्वारा बदतमीजी की गई है यह निश्चित रूप से उनकी सुरक्षा पर सवाल उठाता है. लैब टेक्नीशियनों ने गुहार लगाते हुए कहा कि अगर गुरुवार से पुलिस सुरक्षा के बीच जांच नहीं कराई गई तो हम लोग कोरोना के संदिग्ध मरीजों की जांच नहीं करेंगे. वहीं मलेशिया से आई कोरोना पॉजिटिव की मरीज ने भी इलाज में लगी सिस्टर के साथ काफी बदसलूकी की है.

ड्राइवरों की भी हालत हुई खराब
प्रशासन के आदेश पर बुधवार को हिंदपीढ़ी से सभी संदिग्धों को 4 गाड़ियों से रिम्स लाया गया, जिसमें सभी गाड़ियों के ड्राइवर एहतियात के तौर पर पीपीई किट पहने हुए थे, लेकिन अत्यधिक गर्मी होने के कारण सभी ड्राइवर रिम्स पहुंचते ही जमीन पर गिर गए.

उन्होंने बताया कि पीपीई किट पहने के बाद उन्हें अत्यधिक गर्मी लगने लगी जिस वजह से वे लोग रिम्स पहुंचते ही परेशान होकर जमीन पर राहत के लिए बैठ गये.झारखंड में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलते ही रिम्स प्रबंधन ने रोस्टर प्लान तैयार किया है. इसके तहत एक सप्ताह तक एक डॉक्टर की ड्यूटी लगाई जाएगी.


यह भी पढ़ेंः झारखंडः कोरोना के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग की जंग तेज, प्रदेश भर में तैयार किए गए सर्वसुविधा युक्त अस्पताल

राज्य के सबसे बड़े अस्पताल में कोरोना पीड़ित पहली मरीज भर्ती होने के अगले दिन बुधवार को सुबह से ही ही रिम्स में गहमा-गहमी बनी रही. रिम्स अधीक्षक ऑफिस के कांफ्रेंस हॉल में कोरोना के लिए बनाये गए टास्क फोर्स के सदस्य डॉ प्रभात कुमार, डॉ निशित एक्का द्वारा सभी सीनियर डॉक्टरों की टीम को आगे का एक्शन प्लान तैयार करने में लगाया गया.

दूसरी ओर रिम्स अधीक्षक विवेक कश्यप के साथ बैठक कर रहे डॉक्टरों ने अगले 7 दिनों का ड्यूटी रोस्टर तैयार किया, ताकि एक डॉक्टर पूरी तैयारी के साथ रिम्स में दिन-रात रह सके और जिस डॉक्टर की भी ड्यूटी लगाई जायेगी वो पूरा सप्ताह तक अपने घर नहीं जाएंगे.

ऐसे डॉक्टरों के रुकने के लिए पेइंग वार्ड के पांचवें तल्ले पर कमरा बुक किया गया है और डॉक्टरों के खाने आदि की व्यवस्था के लिए रिम्स के कैंटीन संचालक को हिदायत के साथ जिम्मेदारी दी गई है.

वहीं बैठक में जूनियर डॉक्टरों को भी एक सप्ताह के कपड़ा और जरूरी सामान लेकर पेइंग वार्ड में रहने के लिए कहा गया है, ताकि कोरोना से ग्रसित मरीजों के इलाज में उनकी मदद ली जा सके.

रांची: झारखंड में कोरोना को लेकर सरकार और जिला प्रशासन पूरी तरह से चौकस है. सभी जगह एहतियात के तौर पर कदम उठाए जा रहे हैं. स्वास्थ्य कदम लगातार एक्शन ले रहा है. इसी क्रम में बुधवार को राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में कुल 70 संदिग्ध लोगों का सैंपल लिया गया जिसमें 69 संदिग्धों की रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है तो वहीं एक मरीज की रिपोर्ट आना बाकी है.

वहीं मिली जानकारी के अनुसार पूरे राज्य से अब तक कुल 423 लोगों का सैंपल लिया जा चुका है. आपको बता दें स्वास्थ्य विभाग ने पूरे राज्य के कोरोना के संदिग्धों की सूची बुधवार को भी जारी नहीं की.

कोरोना के संदिग्धों का हंगामा, लैब टेक्नीशियनों के साथ की बदतमीजी
रिम्स अस्पताल में कुल 70 संदिग्धों में से 48 संदिग्ध हिंदपीढ़ी के रहने वाले थे. जब हिंदपीढ़ी के रहने वाले लोगों की जांच लैब टेक्नीशियन द्वारा की जाने लगी तो कई लोगों ने इसका विरोध किया.

लैब टेक्नीशियन ने बताया कि जिस प्रकार से कोरोना के संदिग्ध द्वारा बदतमीजी की गई है यह निश्चित रूप से उनकी सुरक्षा पर सवाल उठाता है. लैब टेक्नीशियनों ने गुहार लगाते हुए कहा कि अगर गुरुवार से पुलिस सुरक्षा के बीच जांच नहीं कराई गई तो हम लोग कोरोना के संदिग्ध मरीजों की जांच नहीं करेंगे. वहीं मलेशिया से आई कोरोना पॉजिटिव की मरीज ने भी इलाज में लगी सिस्टर के साथ काफी बदसलूकी की है.

ड्राइवरों की भी हालत हुई खराब
प्रशासन के आदेश पर बुधवार को हिंदपीढ़ी से सभी संदिग्धों को 4 गाड़ियों से रिम्स लाया गया, जिसमें सभी गाड़ियों के ड्राइवर एहतियात के तौर पर पीपीई किट पहने हुए थे, लेकिन अत्यधिक गर्मी होने के कारण सभी ड्राइवर रिम्स पहुंचते ही जमीन पर गिर गए.

उन्होंने बताया कि पीपीई किट पहने के बाद उन्हें अत्यधिक गर्मी लगने लगी जिस वजह से वे लोग रिम्स पहुंचते ही परेशान होकर जमीन पर राहत के लिए बैठ गये.झारखंड में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलते ही रिम्स प्रबंधन ने रोस्टर प्लान तैयार किया है. इसके तहत एक सप्ताह तक एक डॉक्टर की ड्यूटी लगाई जाएगी.


यह भी पढ़ेंः झारखंडः कोरोना के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग की जंग तेज, प्रदेश भर में तैयार किए गए सर्वसुविधा युक्त अस्पताल

राज्य के सबसे बड़े अस्पताल में कोरोना पीड़ित पहली मरीज भर्ती होने के अगले दिन बुधवार को सुबह से ही ही रिम्स में गहमा-गहमी बनी रही. रिम्स अधीक्षक ऑफिस के कांफ्रेंस हॉल में कोरोना के लिए बनाये गए टास्क फोर्स के सदस्य डॉ प्रभात कुमार, डॉ निशित एक्का द्वारा सभी सीनियर डॉक्टरों की टीम को आगे का एक्शन प्लान तैयार करने में लगाया गया.

दूसरी ओर रिम्स अधीक्षक विवेक कश्यप के साथ बैठक कर रहे डॉक्टरों ने अगले 7 दिनों का ड्यूटी रोस्टर तैयार किया, ताकि एक डॉक्टर पूरी तैयारी के साथ रिम्स में दिन-रात रह सके और जिस डॉक्टर की भी ड्यूटी लगाई जायेगी वो पूरा सप्ताह तक अपने घर नहीं जाएंगे.

ऐसे डॉक्टरों के रुकने के लिए पेइंग वार्ड के पांचवें तल्ले पर कमरा बुक किया गया है और डॉक्टरों के खाने आदि की व्यवस्था के लिए रिम्स के कैंटीन संचालक को हिदायत के साथ जिम्मेदारी दी गई है.

वहीं बैठक में जूनियर डॉक्टरों को भी एक सप्ताह के कपड़ा और जरूरी सामान लेकर पेइंग वार्ड में रहने के लिए कहा गया है, ताकि कोरोना से ग्रसित मरीजों के इलाज में उनकी मदद ली जा सके.

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