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सरना आदिवासी धर्म कोड का प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित, वित्त मंत्री ने कहा- घोषणा पत्र के वादे को किया गया पूरा - मंत्री रामेश्वर उरांव कोरोना पॉजिटिव

झारखंड विधानसभा में सरना आदिवासी धर्म कोड का प्रावधान लागू करने की मांग को केंद्र सरकार के पास भेजने के प्रस्ताव पर ध्वनिमत से मंजूरी मिल गई है, जिसके बाद से वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने प्रसन्नता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि पार्टी के घोषणा पत्र में जो वादे किए गए हैं उसे पूरा किया जाएगा.

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सरना आदिवासी धर्म कोड का प्रस्ताव पारित
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Published : Nov 11, 2020, 7:56 PM IST

रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने विधानसभा में जनगणना 2021 में अलग सरना आदिवासी धर्म कोड का प्रावधान लागू करने की मांग को केंद्र सरकार के पास भेजने के प्रस्ताव पर ध्वनिमत से मंजूरी मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि पार्टी के घोषणा पत्र में भी सरना धर्म कोड से संबंधित प्रस्ताव लागू कराने की दिशा में सार्थक पहल का वादा किया था और इस दिशा में विधानसभा से पारित होना एक महत्वपूर्ण कदम है.

रामेश्वर उरांव ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल के कारण मार्च में देशव्यापी लॉकडाउन लागू हो जाने के बावजूद विभिन्न आदिवासी संगठनों, विधायकों, पूर्व विधायकों और अन्य प्रतिनिधियों ने उनसे मुलाकात की. उन्होंने यह भरोसा दिलाया था कि सरकार इस दिशा में सार्थक कदम उठाएगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस इस संबंध में पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से भी आग्रह करेगी, ताकि केंद्र सरकार पर दबाव बनाकर जनगणना 2021 में अलग सरना धर्म के प्रावधान को लागू किया जा सके. उन्होंने बहुप्रतीक्षित सरना आदिवासी धर्म कोड से संबंधित प्रस्ताव को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि अब एक बड़े वर्ग को न्याय मिल पाएगा, लंबे समय से सरना धर्म कोड की मांग को लेकर सरना धर्मावलंबी आंदोलनरत थे और पार्टी ने भी इस मांग का समर्थन किया, सरना धर्म कोड लागू हो जाने से सरना धर्मावलंबियों की सही संख्या का पता चल पाएगा और उन्हें संवैधानिक अधिकार दिलाने में आसानी होगी.


आदिवासियों को मिलेगा फायदा
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि इस प्रस्ताव के लागू हो जाने से न सिर्फ आदिवासियों को मिलने वाली संवैधानिक अधिकारों का लाभ प्राप्त हो सकेगा, बल्कि आदिवासियों की भाषा, संस्कृति, इतिहास का संरक्षण और संवर्धन भी होगा. उन्होंने बताया कि 1871 से 1951 तक की जनगणना में आदिवासियों का अलग धर्म कोड था, लेकिन 1961 से 62 के जनगणना प्रपत्र से इसे हटा दिया गया, साल 2011 के जनगणना में देश के 21 राज्यों में रहने वाले लगभग 50 लाख आदिवासियों ने जनगणना प्रत्र में सरना धर्म लिखा है. उन्होंने कहा कि अगर सरना कोड मिल जाता है, तो इसका दूरगामी अच्छे परिणाम होंगे, पहला तो यह सरना धर्मावलंबी आदिवासियों की गिनती स्पष्ट रूप से जनगणना के माध्यम से हो सकेगी, दूसरा आदिवासियों की जनसंख्या का स्पष्ट आकलन भी हो सकेगा.

इसे भी पढे़ं:- सरना आदिवासी धर्म कोड का प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित, विपक्ष की मांग पर (/) चिन्ह हटा

केंद्र सरकार पर बनाया जाएगा दबाव
वहीं, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर शाहदेव और डॉ राजेश गुप्ता छोटू ने सरना धर्म कोड के प्रस्ताव पारित होने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव और पूरी कैबिनेट को विशेष रूप से धन्यवाद दिया है. उन्होंने कहा कि आदिवासी सरना धर्म कोड को लेकर 20 साल की झारखंड के इतिहास में विशेष सत्र आहूत कर आदिवासियों की मांगों को पूरा करने का गठबंधन की सरकार का संकल्प ऐतिहासिक क्षण है, अब केंद्र सरकार के ऊपर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के नेतृत्व में पार्टी की ओर से व्यापक दबाव बनाया जाएगा.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सह झारखंड सरकार के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद मेडिका हॉस्पिटल में एडमिट हैं. इस वजह से वह विधानसभा के विशेष सत्र में शामिल नहीं हो सके.

रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने विधानसभा में जनगणना 2021 में अलग सरना आदिवासी धर्म कोड का प्रावधान लागू करने की मांग को केंद्र सरकार के पास भेजने के प्रस्ताव पर ध्वनिमत से मंजूरी मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि पार्टी के घोषणा पत्र में भी सरना धर्म कोड से संबंधित प्रस्ताव लागू कराने की दिशा में सार्थक पहल का वादा किया था और इस दिशा में विधानसभा से पारित होना एक महत्वपूर्ण कदम है.

रामेश्वर उरांव ने बताया कि कोरोना संक्रमण काल के कारण मार्च में देशव्यापी लॉकडाउन लागू हो जाने के बावजूद विभिन्न आदिवासी संगठनों, विधायकों, पूर्व विधायकों और अन्य प्रतिनिधियों ने उनसे मुलाकात की. उन्होंने यह भरोसा दिलाया था कि सरकार इस दिशा में सार्थक कदम उठाएगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस इस संबंध में पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से भी आग्रह करेगी, ताकि केंद्र सरकार पर दबाव बनाकर जनगणना 2021 में अलग सरना धर्म के प्रावधान को लागू किया जा सके. उन्होंने बहुप्रतीक्षित सरना आदिवासी धर्म कोड से संबंधित प्रस्ताव को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि अब एक बड़े वर्ग को न्याय मिल पाएगा, लंबे समय से सरना धर्म कोड की मांग को लेकर सरना धर्मावलंबी आंदोलनरत थे और पार्टी ने भी इस मांग का समर्थन किया, सरना धर्म कोड लागू हो जाने से सरना धर्मावलंबियों की सही संख्या का पता चल पाएगा और उन्हें संवैधानिक अधिकार दिलाने में आसानी होगी.


आदिवासियों को मिलेगा फायदा
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ने कहा कि इस प्रस्ताव के लागू हो जाने से न सिर्फ आदिवासियों को मिलने वाली संवैधानिक अधिकारों का लाभ प्राप्त हो सकेगा, बल्कि आदिवासियों की भाषा, संस्कृति, इतिहास का संरक्षण और संवर्धन भी होगा. उन्होंने बताया कि 1871 से 1951 तक की जनगणना में आदिवासियों का अलग धर्म कोड था, लेकिन 1961 से 62 के जनगणना प्रपत्र से इसे हटा दिया गया, साल 2011 के जनगणना में देश के 21 राज्यों में रहने वाले लगभग 50 लाख आदिवासियों ने जनगणना प्रत्र में सरना धर्म लिखा है. उन्होंने कहा कि अगर सरना कोड मिल जाता है, तो इसका दूरगामी अच्छे परिणाम होंगे, पहला तो यह सरना धर्मावलंबी आदिवासियों की गिनती स्पष्ट रूप से जनगणना के माध्यम से हो सकेगी, दूसरा आदिवासियों की जनसंख्या का स्पष्ट आकलन भी हो सकेगा.

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केंद्र सरकार पर बनाया जाएगा दबाव
वहीं, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोर शाहदेव और डॉ राजेश गुप्ता छोटू ने सरना धर्म कोड के प्रस्ताव पारित होने पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव और पूरी कैबिनेट को विशेष रूप से धन्यवाद दिया है. उन्होंने कहा कि आदिवासी सरना धर्म कोड को लेकर 20 साल की झारखंड के इतिहास में विशेष सत्र आहूत कर आदिवासियों की मांगों को पूरा करने का गठबंधन की सरकार का संकल्प ऐतिहासिक क्षण है, अब केंद्र सरकार के ऊपर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के नेतृत्व में पार्टी की ओर से व्यापक दबाव बनाया जाएगा.

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सह झारखंड सरकार के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद मेडिका हॉस्पिटल में एडमिट हैं. इस वजह से वह विधानसभा के विशेष सत्र में शामिल नहीं हो सके.

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